हिन्दी के आलोचक व कवि डॉ विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को साहित्य अकादमी का अध्यक्ष 18 फरवरी 2013 को निर्वाचित किया गया. वह साहित्य अकादमी के अध्यक्ष बनने वाले हिन्दी के पहले साहित्यकार हैं. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी साहित्य अकादमी के 12वें अध्यक्ष हैं. इनका कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित है. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने सुनील गंगोपाध्याय का स्थान लिया. सुनील गंगोपाध्याय का वर्ष 2012 में निधन हो गया था. उनके निधन के बाद विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को साहित्य अकादमी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
इसके साथ ही कन्नड़ के प्रसिद्ध नाटककार चंद्रशेखर कंबर को साहित्य अकादमी का उपाध्यक्ष और सूर्य प्रसाद दीक्षित को हिन्दी परामर्श मंडल का संयोजक निर्वाचित किया गया. इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित है. इस सभी का चयन साहित्य अकादमी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 77वीं बैठक में किया गया.
विश्वनाथ प्रसाद तिवारी से संबंधित मुख्य तथ्य:
• विश्वनाथ प्रसाद तिवारी का जन्म 20 जून 1940 को उत्तर प्रदेश में हुआ.
• वह गोरखपुर विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष पद से वर्ष 2001 में सेवानिवृत्त हुए.
• वह साहित्य अकादमी की हिन्दी समिति के संयोजक भी रहे.
• विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के साहित्य भूषण एवं पुश्किन सम्मान से सम्मानित किया गया.
• विश्वनाथ प्रसाद तिवारी के 7 कविता संग्रह, आलोचना और शोध की 11 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं. उन्होंने 14 पुस्तकों का संपादन भी किया.
• वह हिन्दी की पत्रिका दस्तावेज के संपादक हैं.
• वर्ष 2010 में उनकी कविता संग्रह फिर भी कुछ रह जाएगा के लिए उन्हें व्यास सम्मान प्रदान किया गया.
विदित हो कि साहित्य अकादमी की स्थापना 12 मार्च 1954 में की गई. साहित्य अकादमी के प्रथम अध्यक्ष प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उपाध्यक्ष डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे. जवाहरलाल नेहरू वर्ष 1954 से 1964 तक और डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन वर्ष 1954 से 1960 तक इन पदों पर रहे.
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