हिमाचल प्रदेश केंद्र की नेशनल वोकेशनल क्वालिटेटिव फ्रेमवर्क (एनवीक्यूएफ) योजना शुरु करने वाला हरियाणा के बाद देश का दूसरा राज्य 26 अक्टूबर 2013 को बना. ‘नेशनल वोकेशनल क्वालिटेटिव फ्रेमवर्क’ योजना अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद द्वारा लागू की जा रही है. इस योजना के तहत 70 कौशल विकास परिषदें स्थापित होनी हैं.
नेशनल वोकेशनल क्वालिटेटिव फ्रेमवर्क से संबंधित मुख्य तथ्य
• इस योजना को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया जा रहा है, जिसमें केंद्र सरकार की 75 प्रतिशत और राज्य सरकार की 25 प्रतिशत की भागीदारी है.
• यह योजना नौवीं कक्षा और ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों पर लागू की जानी है.
• नेशनल वोकेशनल क्वालिटेटिव फ्रेमवर्क के तहत प्रत्येक छात्र द्वारा चार स्तारों को पास किया जाना निर्धारित है, उसके बाद ही उसे प्रमाण पत्र प्राप्त होना है.
• इस कार्यक्रम को 100 स्कूलों में शुरू किया जा रहा है और प्रत्येक स्कूल द्वारा पांच में से दो ट्रेडों को अपनाया जाना है. यह ट्रेड हैं-सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा, खुदरा सुरक्षा, ऑटोमोबाइल और स्वास्थ्य देखभाल.
• सभी ट्रेडों की पुस्तकें विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई हैं और इन्हें सभी स्कूलों को प्रदान किया जाना है. प्रायोगिक कार्यों के लिए प्रयोगशाला उपकरणों को भी सभी स्कूलों को दिया जाना है.
• यह योजना 100 ओर स्कूलों में लागू की जानी है.
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