कैसर की नई दवा
दवा का नाम एसएएचएम1:
एटॉमिक बायोलॉजी के क्षेत्र में प्रतिलिपिकारक (ट्रांस्क्रिप्शन फैक्टर) एक प्रोटीन होती है जो विशिष्ट डीएनए अनुक्रमों के साथ बंधकर डीएनए से मेसेंजर आरएनए तक जेनेटिक इंफॉर्मेशन के ट्रांसफर को कंट्रोल करती है। ये डीएनए से बंध जाते हैं और जींस को ऑन और ऑफ करता है जिससे सामान्य कोशिकाओं की वृद्धि एवं विकास को नियंत्रित करने वाली जेनेटिक प्रक्रियाओं को प्रारंभ कर देते हैं। ये कैसर के ट्यूमर को बढऩे में भी सहायता देते हैं। ऐसे में यदि ट्रांस्क्रिप्शन फैक्टर को अप्रभावी कर दिया जाये तो कैसर ट्यूमर की वृद्धि को रोका जा सकता है। ऐसे दवा के द्वारा किया जा सकता है, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ था।
हाल में वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक ऐसी दवा का विकास किया है जो एक ऐसे ट्रांस्क्रिप्शन फैक्टर का पथ रोक देती है। इस विशेष ट्रांस्क्रिप्शन फैक्टर का संबंध रक्त कैसर तथा फे फड़ों, डिंबग्रंथियों, पित्ताशय तथा आहारनली संबंधी कैसरों के साथ माना जाता है। यह दवा प्रभावी रूप से एक ऐसे संकेतक पथ को अवरूद्ध करती है जिसे नॉच कहते हैं जो विभिन्न प्रकार के कैसरों में क्रियाशील होता है। इस दवा का नाम एसएएचएम1 है।
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