भारत का इतिहास उठाकर देखें, तो हमें अलग-अलग समय पर अलग-अलग शासकों का शासनकाल देखने को मिलता है। इस कड़ी में मुगलों ने भी भारत पर शासन किया और कई शहरों को अपने अधीन किया। इन शहरों में हम मुगलों की विरासत भी देखने को मिलती है। आज इन सभी विरासतों को संरक्षित किया गया, जो कि पुरातत्व विभाग की देखरेख में हैं। मुगलों ने अलग-अलग शहरों में शासन किया, लेकिन इनमें से कुछ ही शहरों को अपनी राजधानी बनाया। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि भारत के कौन-से शहर हैं, जो कि मुगलों की राजधानी रहे हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
भारत में कब से शुरू हुआ मुगलों का शासन
साल 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी और बाबर के बीच युद्ध हुआ, जिसमें लोदी मारा गया और भारत में मुगल साम्राज्य की नींव पड़ी। यह वह समय था, जब मुगलों ने भारत में रहते हुए विस्तार किया और धीरे-धीरे अलग-अलग शहरों में शासन किया। साल 1526 में शुरू हुआ शासन साल 1857 में खत्म हुआ। इस प्रकार मुगलों द्वारा भारत में कुल 331 सालों तक राज किया गया।
आगरा बनी पहली राजधानी
बाबर द्वारा पानीपत की लड़ाई में विजय प्राप्त करने के बाद आगरा को अपनी राजधानी बनाया गया। क्योंकि, यह गंगा के मैदानी क्षेत्रों के मध्य था। वहीं, यह उस समय मध्य भारत और राजस्थान के लिए प्रवेश द्वार की तरह था। आगरा शहर को 1504 में सिकंदर लोदी द्वारा बसाया था। इस वजह से यहां बाबर को पहले से ही किलेबंदी मिली और राजस्व व खजाने के लिए भी यह प्रमुख शहर माना जाता था। बाबर द्वारा यहां यमुना किनारे आरामबाग का निर्माण करवाया गया था। ताजमहल से इसकी दूरी करीब 5 किलोमीटर है।
फतेहपुर सीकरी बनी दूसरी राजधानी
मुगल सम्राट अकबर द्वारा 1571 में फतेहपुर सीकरी की स्थापना की गई थी। दरअसल, ऐसा कहा जाता है कि अकबर अजमेर स्थित शेख सलीम चिश्ती की दरगाह पर गए थे, जहां से उन्हें सीकरी गांव के पास पुत्र होने की भविष्यवाणी मिली। ऐसे में उन्होंने फतेहपुर सीकरी को बसाया। हालांकि, कुछ समय बाद यहां पानी की कमी हुई, तो उन्होंने 1585 में यह स्थान छोड़ दिया और लाहौर को अपनी राजधानी बनाया।
दिल्ली बनी आखिरी राजधानी
लाहौर के राजधानी बनने के कुछ समय बाद फिर से आगरा को मुगलों की राजधानी बना दिया गया था। हालांकि, मुगल सम्राट शाहजहां ने 1638 में आगरा से दिल्ली राजधानी स्थानांतरित कर दी थी। इसके पीछे कहा जाता है कि शाहजहां को वास्तुकला और निर्माण से अधिक लगाव था। वहीं, आगरा शहर समय के साथ अधिक भीड़ वाला शहर हो गया था, जिससे शाही जुलूसों में परेशानी होती थी। शाहजहां अपने दृष्टिकोण से एक नया शहर बसाना चाहता था। इसके तहत दिल्ली को राजनीतिक व रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण स्थान पर देखते हुए दिल्ली में लाल किले और जामा मस्जिद का निर्माण करवाया गया। इसके चारों ओर किलेबंदी भी कई गई और इस शहर को शाहजहांनाबाद नाम दिया गया। आज यह शहर पुरानी दिल्ली के नाम से जाना जाता है। मुगल सम्राट औरंगजेब के निधन के बाद साम्राज्य का पतन शुरू हो गया था। वहीं, 1857 की क्रांति में आखिरी मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर-2 को रंगून भेज दिया गया और दिल्ली पर अंग्रेजी हुकूमत हो गई।
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