परिभाषा:
यह एक प्रकार का नया सूचकांक 2010 में मानव विकास सूचकांक की 20वीं सालगिरह के संस्करण के साथ संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा जारी किया गया जो कि लिंग आधारित विभेद को सूचित करने के लिए जारी किया गया.
मानव विकास सूचकांक के अनुसार यह राष्ट्रों के अंदर होने वाले लिंग असमानता के कारण निष्पादन मे ह्रास का संयुक्त मूल्यांकन है, इसके लिए यह 3 प्रकार के सूचियों का प्रयोग किया जाता है :
- प्रजनन स्वास्थ्य
- सशक्तिकरण
- कामगार बाजार में सहभागिता
सूचकांक :
लिंग असमानता सूचकांक के प्रजनन स्वास्थ्य के आयाम के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले सूचकांक हैं:
- मातृत्व मृत्यु दर
- किशोर प्रजनन दर
सशक्तिकरण के आयाम :
सशक्तिकरण के आयाम निम्न प्रकार से मापे जाते हैं :
- संसद में प्रत्येक लिंग द्वारा ली गयी सीटें.
- उच्च शिक्षा का स्तर
2011 की मानव विकास सूचकांक के अनुसार लिंग असमानता सूचकांक में 146 राष्ट्रों में भारत का स्थान 129 था. ब्रिक्स (BRICS) राष्ट्रों में भारत में ही लिंग आधारित विभेद सबसे ज़्यादा है.
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