10 दिनों के सियासी घमासान के बाद आखिरकार "इडापड्डी के पलानीसामी" ने तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है| पिछले 9 महीनों में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले वह तीसरे व्यक्ति हैं| पलानीसामी को 234 सीटों वाली तमिलनाडु विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है| इस लेख में हम पलानीसामी से जुड़े 9 अनजाने तथ्यों का विवरण दे रहे हैं|
"इडापड्डी के पलानीसामी" के बारे में 9 अनजाने तथ्य
1. 63 वर्षीय "के. पलानीसामी" का जन्म तमिलनाडु के सलेम जिले में इडापड्डी पंचायत के नेदुन्गुलम नामक गांव में एक किसान परिवार में हुआ था|
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2. विज्ञान में स्नातक "के. पलानीसामी" ने 1974 में एक छात्र नेता के रूप में AIADMK पार्टी के साथ अपना राजनितिक कैरियर शुरू किया था| उन्हें सर्वप्रथम सलेम जिले के इडापड्डी पंचायत में AIADMK पार्टी का सचिव नियुक्त किया गया था|
3. 1987 में एमजीआर की मौत के बाद AIADMK पार्टी जयललिता और एम जी रामचंद्रन की पत्नी जानकी के नेतृत्व में दो गुटों में बंट गई थी| तब उन्होंने जयललिता के प्रति निष्टा की शपथ ली थी| जयललिता के प्रति उनके निष्ठा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1985 में एमजीआर के निधन से पहले ही पालानीसामी के अनुयायी इडापड्डी के पूरे क्षेत्र में पार्टी ध्वज के ऊपर जयललिता की तस्वीर वाली ध्वज लगाते थे|
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4. उन्होंने 1989, 1991, 2011 और 2016 के विधानसभा चुनावों में इडापड्डी सीट से जीत हासिल की थी| लेकिन 1996 के विधानसभा चुनावों में जब AIADMK पार्टी का सफाया हो गया था तो वह भी इडापड्डी सीट से चुनाव हार गए थे|
इसी तरह 2001 एवं 2006 के विधानसभा चुनाव और 1999 एवं 2004 के संसदीय चुनाव में भी उनकी हार हुई थी| 1998 में उन्होंने तिरूचेंगोडे लोकसभा सीट जीतकर लोकसभा भी गए थे|
2016 के चुनावों में सलेम जिले में "के. पलानीसामी" के नेतृत्व में AIADMK पार्टी का जबरदस्त प्रभाव देखने को मिला जब 11 में से 10 विधानसभा क्षेत्रों में AIADMK पार्टी विजयी हुई| 1990 में जयललिता ने उन्हें उत्तरी सलेम जिले का संयुक्त सचिव नियुक्त किया था|
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5. उन्होंने AIADMK पार्टी में प्रचार सचिव, संगठन सचिव और अनुशासनात्मक समिति के सदस्य सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया है।
6. AIADMK पार्टी के प्रति उनके योगदान को स्वीकार करते हुए जयललिता ने उन्हें लोक निर्माण के प्रमुख मंत्रालय के अलावा राजमार्ग और छोटे बंदरगाह जैसे मंत्रालयों का प्रभार दिया था| 2011 के बाद से वह उन वरिष्ठ मंत्रियों की सूची में शामिल थे जिनकी जयललिता से निकटता थी|
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7. जयललिता की मौत के बाद सुश्री शशिकला कथित तौर पर “के पलानीसामी” को मुख्यमंत्री बनाने को उत्सुक थी, लेकिन अंत में पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया| जब पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाया जा रहा था उस समय पलानीसामी ने सार्वजनिक रूप से शशिकला से मुख्यमंत्री बनने के लिए अनुरोध किया था|
8. "के. पलानीसामी" का संबंध राज्य के पश्चिमी हिस्से में प्रभुत्व वाले गौंदर जाति से है जो AIADMK पार्टी का परम्परागत वोटर नहीं है|
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9. 2015 में तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष "वेंकट कृष्णसामी संपत एलनगोवन" द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के कारण "के पलानीसामी" ने उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया था|
अंत में हम कह सकते हैं "के पलानीसामी" के लिए मुख्यमंत्री का कार्यकाल आसन नहीं होने वाला है उन्हें सबसे पहले विधानसभा में बहुमत साबित करना है और शशिकला की कठपुतली की छवि से बाहर निकलना है| इसके अलावा पन्नीरसेल्वम के बगावती तेवरों से भी पार पाना है|
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