उत्तर प्रदेश भारत में विविधता से भरा राज्य है। भारत का यह राज्य देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। वहीं, जनसंख्या के मामले में यह पहले स्थान पर आता है। साल 2019 में यहां की जनसंख्या 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 थी, जो कि वर्तमान में 24 करोड़ को पार कर गई है।
वहीं, यह राज्य अपने यहां की संस्कृति, समृद्ध इतिहास, शैली, धार्मिक नगरियां और खान-पान के लिए भी जाना जाता है। खाने-पीने के बहुत से शौकीन लोग राज्य के अलग-अलग जिलों में पहुंचते हैं और अपनी जुबां पर यहां के जायके पहुंचाते हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के किस जिले को हम पापड़ के शहर के रूप में भी जानते हैं, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
उत्तर प्रदेश के कुल जिले
उत्तर प्रदेश के कुल जिलों की बात करें, तो यहां कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में विभाजित हैं। ये मंडल कुल चार संभागों में आते हैं, जो कि इस प्रकार हैं- पूर्वांचल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और रूहेलखंड। कुछ जगहों पर आपको मध्य उत्तर प्रदेश का भी जिक्र देखने को मिल जाएगा।
प्रदेश में एक लाख से अधिक गांव, 351 तहसील, 17 नगर निगम, 28 विकास प्राधिकरण, 5 विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण और 826 सामुदायिक विकास खंड हैं।
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे छोटा जिला
यूपी के सबसे बड़े जिले की बात करें, तो यह लखीमपुर खीरी जिला है, जो कि 7680 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। वहीं, सबसे छोटा जिला हापुड़ है, जो कि 660 वर्ग किलोमीटरम में फैला हुआ है।
यूपी के चार दिशाओं के चार जिले
उत्तर प्रदेश का सबसे पूर्वी जिला बलिया, सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर, सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र और सबसे पश्चिमी जिला शामली है।
किस जिले को कहा जाता है पापड़ का शहर
अब सवाल है कि आखिर किस जिले को कहा जाता है पापड़ का शहर ? आपको बता दें कि प्रदेश के सबसे छोटे जिले यानि कि हापुड़ को हम पापड़ के शहर के रूप में भी जानते हैं।
क्यों कहा जाता है पापड़ का शहर
हापुड़ शहर में पापड़ का बड़ा उद्योग है। यहां पापड़ की छोटी से लेकर बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां मौजूद हैं और घरों की छतों पर आपको पापड़ सूखते हुए नजर आ जाएंगे। यहां पापड़ा का उद्योग इस कदर फैला हुआ है कि यहां पापड़ का माल तैयार करने के बाद उसे घर की महिलाओं द्वारा बेला जाता है।
इसके बाद पैकिंग कर तैयार कर दिया जाता है। यहां के पापड़ का स्वाद दूर-दूर तक फैला हुआ है, जिस वजह से इसे पापड़ का शहर भी कहा जाता है।
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