कितने प्रकार की होती हैं Collar Jobs, जानें

देश-दुनिया में विभिन्न प्रकार की जॉब्स मौजूद हैं। इन सभी जॉब्स में लोग अपनी-अपनी योग्यता और कौशल के हिसाब से काम कर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर कुछ लोग डॉक्टर के पेशे में हैं, तो कुछ लोग इंजीनियरिंग के पेशे में काम रहे हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो कि दिनभऱ कड़ी मेहनत करने के बाद दो वक्त की रोटी के लिए कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में अलग-अलग क्षेत्रों में की जानी वाली नौकरियों को अलग-अलग कॉलर जॉब्स के नाम से जाना जाता है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम इन विभिन्न प्रकार की कॉलर जॉब्स के बारे में जानेंगे। 

Oct 25, 2023, 21:17 IST
विभिन्न प्रकार की कॉलर जॉब्स
विभिन्न प्रकार की कॉलर जॉब्स

भारत में यदि आर्थिक विकास की बात करें, तो आर्थिक विकास के पहिये को रफ्तार देने के लिए निजी और सरकारी, दोनों ही प्रमुख क्षेत्र हैं। इन दोनों क्षेत्रों में देश के करोड़ों लोग नौकरी कर रहे हैं।

हर साल भारत के शैक्षणिक संस्थानों से अलग-अलग योग्यता और कौशल के साथ युवा निकलते हैं और अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देते हैं। यही वजह है कि इन नौकरियों को अलग-अलग नाम भी दिया गया है, जिसे हम ब्लू, व्हाइट या ब्लैक कॉलर आदि जैसे शब्दों से जानते हैं।

भारत के एक बड़ा वर्ग इन विभिन्न प्रकार की कॉलर जॉब्स में हैं। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम विभिन्न प्रकार की कॉलर जॉब्स के बारे में जानेंगे।

पढ़ेंः भारत का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक राज्य कौन-सा है, जानें

 

यहां आप विभिन्न कॉलर जॉब की सूची और उनके अर्थ को समझ सकते हैं। इससे छात्रों को विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में अक्सर पाए जाने वाले इन शब्दों का अर्थ समझने में मदद मिलेगी।

ब्लैक कॉलर वर्कर: इसका उपयोग खनन या तेल उद्योग में श्रमिकों के संबंध में किया जाता है या कभी-कभी उन लोगों को संदर्भित करने के लिए भी किया जाता है, जो कालाबाजारी गतिविधियों में शामिल होते हैं।

ब्लू कॉलर वर्कर: यह शब्द श्रमिक वर्ग के उस सदस्य को संदर्भित करता है, जो शारीरिक श्रम करता है और प्रति घंटा वेतन कमाता है।

 

गोल्ड कॉलर वर्कर: डॉक्टर, वकील और वैज्ञानिक जैसे अत्यधिक कुशल जानकार लोगों और ऐसे कम वेतन वाले श्रमिकों को भी संदर्भित करता है, जिन्हें माता-पिता का समर्थन भी मिलता है।

ग्रे कॉलर वर्कर: इसका तात्पर्य उन लोगों से है, जो सेवानिवृत्ति की आयु के बाद भी काम करते हैं। उदाहरण के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर या आईटी पेशेवर।

ग्रीन कॉलर वर्कर: वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों, जैसे वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर, ग्रीनपीस और सोलर पैनल में कार्यरत लोग।

ओपन कॉलर वर्कर: एक ऐसे कर्मचारी को संदर्भित करता है, जो इंटरनेट के माध्यम से घर से काम करता है।

पिंक कॉलर वर्कर: उन श्रमिकों को संदर्भित करता है, जो लाइब्रेरियन और रिसेप्शनिस्ट जैसी कम वेतन वाली नौकरियों में कार्यरत हैं।

व्हाइट कॉलर वर्कर: एक वेतनभोगी पेशेवर के संबंध में है, जो सामान्य अर्थ में कार्यालय कर्मचारियों और प्रबंधन को संदर्भित करता है।

पढ़ेंः भारत की इस ट्रेन में नहीं लगता है टिकट, फ्री में कर सकते हैं यात्रा

पढ़ेंः भारत के पांच सबसे छोटे जिले कौन-से हैं, जानें



Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News