भारतीय रेलवे में प्रतिदिन 13 हजार से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जाता है, जो कि सात हजार से अधिक रेलवे स्टेशनों से गुजरती हैं। इन पैंसेजर ट्रेनों में प्रतिदिन करोड़ों यात्री सफर करते हैं और खूबसूरत नजारों के बीच अपनी मंजिलों तक पहुंचते हैं।
ऐसे में इन सभी आंकड़ों के साथ भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी और एशिया के दूसरे सबसे बड़े रेल नेटवर्क के साथ अपने पद पर है। भारतीय रेलवे को देश की लाइफलाइन भी कहा जाता है।
आपने भी भारतीय रेलवे की ट्रेनों में जरूर सफर किया होगा और इसके लिए पहले टिकट भी खरीदी होगी। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ट्रेन ऐसी भी है, जो कि पूरी तरह से फ्री है।
यह बात हैरान करने वाली है, लेकिन इस तरह की सुविधा का लोग लाभ उठा रहे हैं और प्रतिदिन अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। कौन-सी है यह ट्रेन और किस रूट पर होता है इस ट्रेन का संचालन, जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।
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कौन-सी है भारत की फ्री ट्रेन
भारत की फ्री ट्रेन की बात करें, तो यह एकमात्र फ्री ट्रेन है, जो कि भाखड़ा-नांगल ट्रेन है। इस ट्रेन में यात्रा करने पर किसी भी यात्री से यात्रा शुल्क नहीं लिया जाता है।
कहां से कहां तक चलती है यह ट्रेन
अब सवाल है कि आखिर इस ट्रेन का संचालन कहां से कहां तक होता है। आपको बता दें कि इस ट्रेन का संचालन भाखड़ा और नांगल के बीच पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर किया जाता है।
कब शुरू हुई थी यह ट्रेन
इस ट्रेन की शुरुआत साल 1949 में की गई थी। उस समय इस ट्रेन के संचालन के लिए तीन लोकोमोटिव को अमेरिका से मंगवाया गया था, जिसमें से अभी भी उस समय के दो लोकोमोटिव का इस्तेमाल किया जा रहा है।
लकड़ी के कोच में कर सकते हैं यात्रा
इस रूट पर यात्रा के दौरान आपको लकड़ी के कोच में यात्रा करने का मौका मिलेगा। यह पुराने कोच हैं, जिनका निर्माण पाकिस्तान के कराची में किया गया था। बाद में यह कोच ट्रेन के संचालन के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
कौन करता है ट्रेन का संचालन
इस फ्री ट्रेन का संचालन भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की ओर से किया जाता है, जो कि इस 74 साल पुरानी ट्रेन के संचालन के लिए प्रतिबद्ध है।
क्यों फ्री है ट्रेन की यात्रा
इस ट्रेन के रूट पर कुल पांच स्टेशन हैं। वहीं, इस ट्रेन में उन लोगों को यात्रा मुफ्त मिलती है, जो कि भाखड़ा-नांगल बांध को देखने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में पर्यटन के लिए लिहाज से इस ट्रेन को चलाया जाता है।
आपको बता दें कि जिस समय भाखड़-नांगल परियोजना पर काम चल रहा था, तब इस ट्रेन के माध्यम से कर्मचारियों को लाने और ले जाने के साथ सामान को ढोया जाता था।
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