भारत में आपने कई शहरों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हर शहर को अपनी विशेष पहचान मिली हुई है, जिस वजह से शहर को न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है, बल्कि शहरों को वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बनाने में मदद मिली है।
यही वजह है कि देशी-विदेशी सैलानी भारत के इन शहरों को करीब से जानने के लिए हर साल अपना बस्ता पैक कर शहरों में सैर-सपाटे के लिए निकल जाते हैं। हमने अपने पिछले कई लेखों में भारत के अलग-अलग शहरों के बारे में जाना है। इस कड़ी में क्या आप भारत के एक ऐसे शहर के बारे में जानते हैं, जिसे इंजीनियरिंग सिटी के रूप में जाना जाता है।
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भारत में हर साल कितने इंजीनियर बनते हैं
भारत में इंजीनियरिंग को लेकर युवाओं में अधिक उत्साह है। स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद युवाओं की एक बड़ी आबादी करियर के रूप इंजीनियरिंग को चुनती है। अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में हर साल 12 से 15 लाख इंजीनियर बनते हैं, लेकिन NASSCOM के 2019 के एक सर्वे के मुताबिक, इनमें से केवल 2.5 लाख इंजीनियर ही कोर इंजीनियरिंग सेक्टर में होते हैं।
किस शहर को बोला जाता है Engineering City
अब सवाल है कि आखिर किस शहर को Engineering City कहा जाता है, तो आपको बता दें कि तमिलनाडू के कोयंबटूर शहर को इंजीनियरिंग सिटी के रूप में जाना जाता है।
क्यों कहा जाता है Engineering City
अब सवाल है कि आखिर कोयंबटूर को ही Engineering City क्यों कहा जाता है। दरअसल, कोयंबटूर मुख्य रूप से कपास के लिए जाना जाता है। यहां पर प्रमुख रूप से कपास की खेती होती है, जिस वजह से इसे दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है।
वहीं, इसके अलावा यहां पर प्रमुख रूप से ऑटोमेटिव पार्ट्स भी बनते हैं। भारत की दो प्रमुख कार कंपनियों के करीब 30 फीसदी ऑटो पार्ट्स को इसी शहर में तैयार किया जाता है। वहीं, इस शहर में कई छोटी-बड़ी इंजीनियरिंग औद्योगिक इकाइयां भी हैं, जिस वजह से इस शहर को हम इंजीनियरिंग सिटी के रूप में भी जानते हैं।
कोयंबटूर शहर में घूमने लायक जगह
यदि आप कोयंबटूर घूमने की योजना बना रहे हैं, तो यहां पर बहुत से दर्शनीय स्थल हैं। उदाहरण के तौर पर यहां पर विश्व प्रसिद्ध 112 फीट की ऊंचाई पर आदियोगी शिव की प्रतिमा, 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित मरूधमलाई मंदिर, श्री अय्यप्पन मंदिर और जीडी नायडू संग्रहालय भी है। इस जगह पर आपको दुनिया की काफी पुरानी कारों का कलेक्शन देखने को मिल जाएगा।
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