हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने उत्तराखंड में दो प्रमुख रोपवे परियोजनाओं – सोनप्रयाग-केदारनाथ (12.9 किमी) और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब जी (12.4 किमी) – को स्वीकृति दी इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत क्रमशः ₹4,081.28 करोड़ और ₹2,730.13 करोड़ है. इन रोपवे परियोजनाओं के निर्माण और संचालन के दौरान पर्यटन, आतिथ्य, परिवहन, भोजन एवं पेय पदार्थों जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार उत्पन्न होने की संभावना है.
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गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब जी रोपवे प्लान:
इस परियोजना को भी DBFOT मॉडल के तहत मंजूरी दी गई है. वर्तमान में, गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक जाने के लिए 21 किमी की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है, जिसे अधिकतर यात्री पैदल, खच्चरों या पालकियों के सहारे तय करते हैं. लेकिन सरकार की इस पहल से श्रद्धालुओं की यात्रा काफी आरामदायक हो जाएगी.
गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब गोंडोला हाईलाइट्स:
प्रोजेक्ट की लंबाई | 12.4 किमी |
स्थान | उत्तराखंड |
मंजूरी | केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत |
कुल लागत | ₹2,730.13 करोड़ |
प्रयुक्त तकनीक | मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला (MDG) – गोविंदघाट से घांघरिया (10.55 किमी) ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3S) – घांघरिया से हेमकुंड साहिब जी (1.85 किमी) |
यात्री क्षमता | प्रति घंटे/डायरेक्शन 1,100 यात्री |
दैनिक यात्री क्षमता | 11,000 यात्री |
- गोविंदघाट से घांघरिया तक मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला (MDG) – 10.55 किमी
- घांघरिया से हेमकुंड साहिब जी तक ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3S) – 1.85 किमी
- यात्रियों की क्षमता: प्रति घंटे 1,100 यात्री (प्रतिदिन 11,000 यात्री)
- हेमकुंड साहिब जी और फूलों की घाटी जाने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक एवं हर मौसम में यात्रा संभव बनाने वाला अंतिम-मील कनेक्टिविटी समाधान.
सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे प्लान:
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने इस परियोजना को मंजूरी दी. इसे डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा.
- टेक्नोलॉजी: ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3S) तकनीक
- यात्रियों की क्षमता: प्रति घंटे 1,800 यात्री (प्रतिदिन 18,000 यात्री)
- समय की बचत: मौजूदा 8-9 घंटे की यात्रा घटकर सिर्फ 36 मिनट में पूरी होगी
- मौजूदा यात्रा मार्ग: वर्तमान में केदारनाथ यात्रा में गौरीकुंड से 16 किमी की कठिन चढ़ाई करनी होती है, जिसे पैदल, खच्चरों, पालकियों या हेलीकॉप्टर से तय किया जाता है.
यह रोपवे पर्यावरण-अनुकूल, आरामदायक और तेज यात्रा विकल्प प्रदान करेगा और हर मौसम में सोनप्रयाग से केदारनाथ की सीधी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा.
केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जी का महत्व:
- केदारनाथ: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित. अक्षय तृतीया से दीपावली तक खुला रहता है, इस दौरान लगभग 20 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
- हेमकुंड साहिब जी: सिखों के पवित्रतम स्थलों में से एक, जहां सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने ध्यान किया था.
ये दोनों रोपवे प्लान तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए किफायती, सुविधाजनक और तेज यात्रा का विकल्प प्रदान करेंगी. साथ ही, उत्तराखंड के पर्यटन को भी नई ऊंचाइयाँ देंगी.
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Cabinet approves development of ropeway project from Govindghat to Hemkund Sahib Ji (12.4 km) in the State of Uttarakhand under National Ropeways Development Programme – Parvatmala Pariyojana
— PIB India (@PIB_India) March 5, 2025
The project will be developed on Design, Build, Finance, Operate, and Transfer (DBFOT)… pic.twitter.com/JHhEDY9oKU
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