डिजिटल युग में जहां टाइपिंग ने हाथ की लिखावट की जगह ले ली है, वहीं नेपाल की प्रकृति मल्ला (Prakriti Malla) अपनी अद्भुत हैंडराइटिंग (Handwriting) के कारण दुनिया भर में मशहूर हो गईं. उनकी लिखावट इतनी सुंदर और सटीक है कि वह हाथ से लिखी कम और प्रिंटेड टेक्स्ट जैसी अधिक लगती है. उनकी यह विशेषता न केवल कला का प्रतीक बनी बल्कि लाखों लोगों को प्रेरित करने का जरिया भी बनी.
यह भी देखें:
International Women's Day 2025: दुनिया की ताकतवर महिलाओं के फेमस 33+ कोट्स, जो आपको करेंगे मोटिवेट
Prakriti Malla कैसे मिली पहचान:
प्रकृति मल्ला की प्रतिभा तब सामने आई जब वे आठवीं कक्षा में थीं. उनकी लिखावट की एक तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हुई और जिसने भी इसे देखा, वह दंग रह गया, जिसके बाद वह चर्चा में आ गयी. सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी लिखावट को "दुनिया की सबसे सुंदर " करार दिया. यह वह दौर था जब डिजिटल संचार तेजी से बढ़ रहा था, और ऐसे समय में उनकी कलात्मक लिखावट एक नई प्रेरणा बनकर उभरी.
डिजिटल युग में अनोखी पहचान:
आज की डिजिटल दुनिया में, जहां अधिकतर लोग कीबोर्ड पर टाइप करना पसंद करते हैं, वहां प्रकृति मल्ला की कहानी हैंडराइटिंग के महत्व को दर्शाती है. शोध बताते हैं कि हाथ से लिखने से न केवल स्मरण शक्ति बढ़ती है, बल्कि यह रचनात्मकता और मानसिक सतर्कता को भी बढ़ावा देता है. प्रकृति की कला इस बात का प्रमाण है कि हैंडराइटिंग सिर्फ एक साधारण कौशल नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति का एक महत्वपूर्ण माध्यम है.
सम्मान और पुरस्कार:
प्रकृति मल्ला की लोकप्रियता केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्हें विभिन्न संस्थानों द्वारा आधिकारिक तौर पर सम्मानित किया गया है:
- यूएई एंबेसी सम्मान: प्रकृति को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के 51वें राष्ट्रीय दिवस पर वहां की सरकार को हस्तलिखित बधाई पत्र सौंपने का अवसर मिला. उनके इस विशेष योगदान को सराहा गया और उन्हें सम्मानित किया गया.
- नेपाल सेना द्वारा सम्मान: खबरों की माने तो नेपाल की सेना ने भी उनकी अद्भुत लिखावट के लिए उन्हें राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक मानते हुए सम्मानित किया.
Gen Z और Gen Beta के लिए मिसाल:
प्रकृति मल्ला की यह यात्रा केवल सुंदर लिखावट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन लोगों को प्रेरित करती है जो पारंपरिक कौशल को भूलते जा रहे हैं. उनकी कहानी हमें यह संदेश देती है कि आधुनिक तकनीक के बावजूद हस्तलिपि का महत्व कभी खत्म नहीं होगा.
प्रकृति मल्ला की अद्भुत हस्तलिपि हमें याद दिलाती है कि डिजिटल युग में भी पारंपरिक कलाओं की अपनी अलग पहचान और महत्व है. उनकी हैंडराइटिंग न केवल सुंदरता का प्रतीक है. उनकी प्रेरणादायक कहानी हमें अपनी लेखन शैली को निखारने और हस्तलिपि की इस कला को संजोने की सीख देती है.
यह भी देखें:
RAC यात्रियों के लिए खुशखबरी, भारतीय रेलवे ने उठाया यह अहम कदम
NSA डोभाल और PM के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को मिलती है इतनी सैलरी, देखें PMO का डेटा
आपके नाम से जारी SIM कोई और तो नहीं कर रहा यूज, एक क्लिक में करें पता
Comments
All Comments (0)
Join the conversation