Valentine's Day 2020: यह 14 फरवरी को क्यों मनाया जाता है?

Feb 14, 2020, 10:38 IST

वैलेंटाइन डे (Valentine's Day) हर साल 14 फरवरी को मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने पार्टनर को स्पेशल फील कराते हैं, सरप्राइज, गिफ्ट्स, फूल, चॉकलेट्स, कार्ड, इत्यादि देते हैं. परन्तु क्या आप जानते हैं कि इस दिन को मनाने की शुरुआत कैसे हुई? इस दिन को वैलेंटाइन के नाम पर क्यों रखा गया है? आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं.  

A brief history of Valentine’s Day
A brief history of Valentine’s Day

भारत में हर त्यौहार को सब मिलकर खुशी से मनाते हैं चाहे होली हो, दिवाली, क्रिसमस, इत्यादि और हर त्यौहार को मनाने के पीछे अपना ही एक इतिहास भी होता है. इसी प्रकार से वैलेंटाइन डे भी दुनिया भर में मनाया जाता है और इसके पीछे भी अपना ही एक इतिहास है. 

वैलेंटाइन डे 14 फरवरी को क्यों मनाते हैं?

हम आपको बता दें की वैलेंटाइन डे एक व्यक्ति के नाम पर रखा गया है और उसका नाम संत वैलेंटाइन था. कहा जाता है कि इस प्यार वाले दिन की कहानी प्यार से भरी हुई नहीं है. ये कहानी संत वैलेंटाइन और एक क्रूर राजा के बीच में हुई टकराव या झड़प को लेकर है. रोम में तीसरी सदी से इस दिन की शुरुआत के बारे में बताया जाता है. यहां पर एक अत्याचारी राजा क्लाउडियस द्वितीय (Claudius II) हुआ करता था. ऐसा कहा जाता है कि वह प्रेम संबंधों और शादी के सकत खिलाफ था. उसका मानना था कि प्रेम या शादी से सैनिक अपने लक्ष्य को भूल जाते हैं और शादी शुदा इंसान को हर वक्त इसी बात की चिंता लगी रहती है की उसके मर जाने के बाद उसके परिवार का क्या होगा. इसी चिंता के कारण वह जंग में पूरा ध्यान नहीं दे पाता है. इसी बात को ध्यान में रखकर क्लाउडियस राजा ने ये घोषणा की कि उसके राज्य का कोई भी सिपाही शादी नहीं करेगा और जिस किसी ने भी उसकी आगया नहीं मानी उसको कड़ी सजा दी जाएगी. सभी सिपाही राजा के इस फैसले से दुखी थे लेकिन रोम में एक संत था जिसका नाम वैलेंटाइन था और उसको राजा का ये फैसला मंजूर नहीं था. उसने राजा से छुपकर सिपाहियों की शादी करवाना शुरू कर दिया था. जब इस बात की खबर राजा क्लाउडियस को पड़ी तो उसने संत वैलेंटाइन को सजा-ए-मौत सुना दी और उन्हें जेल में कैद कर दिया.


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एक अन्य किंवदंती के अनुसार, वेलेंटाइन ने वास्तव में पहले 'वैलेंटाइन' का अभिवादन स्वयं भेजा था. जेल में जब वैलेंटाइन अपनी मौत की तारीख का इंतज़ार कर रहा था तभी उन दिनों संत वेलेंटाइन को एक युवा लड़की से प्यार हो गया था. जो उसके जेलर अस्टेरियस (Asterius) की ही बेटी थी. इतज़ार का वक्त खत्म हुआ और संत वैलेंटाइन की फासी की तारीख 14 फरवरी आ गई. अपनी मृत्यु से पहले, उसने जेलर की बेटी को एक पत्र लिखा था, जिस पर उसने 'फ्रॉम योर वेलेंटाइन' साइन किया था. इन शब्दों को आज भी याद किया जाता है. हालांकि वेलेंटाइन किंवदंतियों के पीछे की सच्चाई अज्ञात है, लेकिन मानयता कुछ ऐसी ही है. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि मध्य युग तक, वेलेंटाइन इंग्लैंड और फ्रांस में सबसे लोकप्रिय संतों में से एक था.


कुछ लोगों का मानना है कि संत वैलेंटाइन को याद करने के लिए फरवरी के मध्य में वेलेंटाइन डे मनाया जाता है. वैलेंटाइन के इस बलिदान की वजह से 14 फरवरी को उनके नाम पर रखा गया. यहीं आपको बता दें कि वेलेंटाइन डे की सालगिरह - जो संभवतः लगभग 270 ए.डी थी. 498 A.D. में वहां के पोप ने 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे के रूप में मनाने की घोषणा की. आमतौर पर फ्रांस और इंग्लैंड में ऐसा माना जाता था कि पक्षियों के संभोग के मौसम की शुरुआत 14 फरवरी से ही होती है जिसने इस विचार को भी जोड़ा कि 14 फरवरी का दिन रोमांस के लिए होना चाहिए. सबसे पुराना ज्ञात वैलेंटाइन आज भी अस्तित्व में है जो चार्ल्स द्वारा लिखित एक कविता थी. ये कविता उन्होंने 1415 में टॉवर ऑफ लंदन में कैद होने के दौरान अपनी पत्नी ड्यूक ऑफ ऑरलियन्स के लिए लिखी थी. यह ग्रीटिंग लंदन, इंग्लैंड में ब्रिटिश लाइब्रेरी की पांडुलिपि संग्रह का अहम हिस्सा है.

ग्रेट ब्रिटेन में, वेलेंटाइन डे को 17वीं सदी के आसपास लोकप्रिय रूप से मनाया जाने लगा. अठारहवीं शताब्दी के मध्य तक, मित्रों और प्रेमियों के बीच हाथ से लिखे गाए लैटर देना आम हो गया था. सदी के अंत तक, प्रिंटेड कार्डों को लैटर के बदले दिया जाने लगा था. रेडी-मेड कार्ड लोगों के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का एक आसान तरीका था.

इस दिन पूरी दुनिया में सभी प्यार करने वाले अपनी फीलिंग्स का इज़हार करते हैं और संत वैलेंटाइन को भी याद करते हैं. इस दिन लोग एक दूसरे को तोहफा देते हैं, कार्ड्स के जरिये अपनी बात अपने प्यार तक पहुँचाते हैं, चॉकलेट्स, गिफ्ट्स, फूल, वगेरा भी आदान प्रदान किया जाते हैं.

तो अब आप जान गए होंगे कि वैलेंटाइन डे मनाने की शुरुआत कैसे हुई, किसने की और कैसे इसको मनाया जाता है.

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