भारत विविधताओं का देश है, जहां संस्कृति, ज्ञान, धर्म व अनूठी परंपराओं का संगम देखने को मिलता है। इन सभी के संगम में अहम भूमिका यहां के शहरों की भी है, जहां हर साल लाखों-करोड़ों पर्यटक पर्यटन के लिए पहुंचते हैं।
भारत में आपने अलग-अलग शहरों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि भारत का एक शहर ऐसा भी है, जिसे धार्मिक शहर के रूप में भी जाना जाता है। कौन-सा है यह शहर और भारत के किस राज्य में है स्थित, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
पढ़ेंः भारत में किस शहर को कहा जाता है ‘मूर्तियों का शहर’, जानें
क्यों दिया जाता है शहरों को उपनाम
पहला सवाल यह है कि आखिर शहरों को उपनाम क्यों दिया जाता है। दरअसल, हर शहर की अपनी विशेषता है, जो कि स्थानीय स्तर पर बनने वाले उत्पाद, कृषि उत्पाद, खान-पान, प्राकृतिक और एतिहासिक स्थलों की वजह से होती है।
ऐसे में शहरों को उनके मूल नाम के अलावा उपनाम से भी जाना जाता है, जिससे पर्यटक शहरों की तरफ आकर्षित होते हैं और शहरों में रोजगार को बढ़ावा मिलता है।
किस शहर को कहा जाता है धार्मिक शहर
भारत में वर्तमान में 7000 से अधिक शहर मौजूद हैं। हर शहर की अपनी खासियत है। ऐसे में एक शहर ऐसा भी है, जिसे धार्मिक शहर के रूप में भी जाना जाता है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर को हम धार्मिक शहर के रूप में भी जानते हैं।
क्यों कहा जाता है धार्मिक शहर
उत्तर प्रदेश सरकार की वाराणसी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, वाराणासी दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है। बनारस और काशी कहे जाने वाला यह नगर हिंदू धर्म में सबसे पवित्र नगरों में से एक माना जाता है।
इसके अलावा बौद्ध और जैन धर्म में भी इस शहर का विशेष स्थान है। यहां की संस्कृति का गंगा नदी और यहां स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। काशी शुरू से ही उत्तर भारत का प्रमुख धार्मिक केंद्र रहा है।
किन-किन नामों से जाना जाता है यह शहर
वाराणसी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, इस शहर को प्रायः मंदिरों का शहर, भारत की धार्मिक राजधानी, शिव की नगरी, दीपों का शहर और ज्ञान नगरी के रूप में भी जानते हैं।
प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन ने लिखा है कि बनारस इतिहास से भी पुरातन है, पंरपराओं से पुराना है, किंवदंतियों से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है।
यहां लिखी गई थी रामचरितमानस
वाराणसी ही वह जगह है, जहां पर गोस्वामी तुलसीदास ने हिंदू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना पहला प्रवचन यहां नजदीक में स्थित सारनाथ में दिया था।
पढ़ेंः भारत में किस शहर को कहा जाता है ‘फूलों का शहर’, जानें
पढ़ेंः भारत के किस शहर को कहा जाता है ‘Sweet City’, जानें
Comments
All Comments (0)
Join the conversation