भारत में किस शहर को कहा जाता है ‘मूर्तियों का शहर’, जानें

भारत में अलग-अलग शहरों की अपनी पहचान है। कुछ शहरों को उनके खान-पान, तो कुछ शहरों को उनकी वेशभूषा और अनूठी संस्कृति के लिए जाना जाता है। हमने अपने पिछले कई लेखों में भारत के अलग-अलग शहरों के बारे में जाना है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि भारत का एक शहर ऐसा भी है, जिसे मूर्तियों का शहर भी कहा जाता है। कौन-सा है यह शहर और भारत के किस राज्य में है स्थित, साथ ही क्या है शहर की कहानी, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

Oct 11, 2023, 19:19 IST
मूर्तियों का शहर
मूर्तियों का शहर

भारत अपने अलग-अलग शहरों के लिए मशहूर है। यहां की विविधता और संस्कृति भारत को अन्य देशों से अलग बनाने का काम करती है। भारत के शहरों की अलग-अलग विशेषताओं की वजह से शहरों को उनके उपनाम भी दिए गए हैं, जिससे शहरों को अपनी एक अलग पहचान बनाने में मदद मिलती है।

आप जब भी अलग-अलग राज्यों में जाते होंगे, तो वहां के शहरों की विशेषताओं को जरूर देखते होंगे। कुछ शहरों को उनके खान-पान के लिए जाना जाता है, तो कुछ शहरों को वेशभूषा और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है।

इसके साथ ही धर्म के पहलू पर बात करें, तो हिंदू धर्म में मूर्तियों का विशेष स्थान है। हिंदू धर्म में मूर्तियों को भगवान स्वरूप मानकर पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान की मूर्तियों के अलावा भी अन्य मूर्तियों को बनाया जाता है।  ऐसे में क्या आप जानते हैं कि भारत का एक शहर ऐसा भी है, जिसे मूर्तियों का शहर भी कहा जाता है। यहां पहुंचने पर आपको कई मूर्तियां देखने को मिल जाएंगी। 

 

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क्यों दिया जाता है उपनाम

सबसे पहले, तो हम यह जान लेते हैं कि आखिर शहरों को उपनाम क्यों दिया जाता है। दरअसल, भारत के हर शहर में स्थानीय स्तर पर बहुत-सी चीजें मशहूर हैं। इनमें खाने-पीने की वस्तुओं से लेकर अन्य उत्पाद शामिल हैं।

इन उत्पादों का उत्पादन केवल स्थानीय स्तर पर ही किया जाता है, जिसके लिए वहां की भूगौलिक और मौसमी परिस्थितियां भी जिम्मेदार होती हैं। ऐसे में शहरों को संबंधित उत्पादों के लिए जाना जाता है।

उपनाम देने से शहरों के प्रति देशी-विदेशी सैलानी इन शहरों की तरफ आकर्षित होते हैं और इन उत्पादों की वजह से स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलता है। यही वजह है कि शहरों को उनके उपनाम से भी जाना जाता है। 

 

किस शहर को कहा जाता है मूर्तियों का शहर

अब सवाल यह है कि आखिर किस शहर को मूर्तियों का शहर कहा जाता है। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल राज्य के हावड़ा शहर को मूर्तियों का शहर भी कहा जाता है। 

 

क्यों कहा जाता है मूर्तियों का शहर 

अब सवाल यह है कि आखिर हावड़ा शहर को ही मूर्तियों का शहर क्यों कहा जाता है। दरअसल, इस शहर में मूर्तियों का निर्माण अधिक किया जाता है।

यहां हर साल मनाए जाने वाले बड़े पर्व यानि कि दूर्गा पूजा से लेकर अन्य पर्वों व मौकों के लिए यहां पर मूर्तियों तैयार की जाती हैं। ऐसे में यहां पर मूर्ति के कई कारीगर मूर्तियों को तैयार करते हुए मिल जाएंगे। ऐसे में इस शहर को हम मूर्तियों के शहर के रूप में भी जानते हैं। 

 

शहर पर एक नजर

हावड़ा शहर पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के किनारे पर बसा हुआ एक शहर है, जो कि कोलकाता के बाद दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इस शहर का इतिहास 500 साल पुराना बताया जाता हो, जो कि पहले बंगाली साम्राज्य भुरशुत द्वारा अधिशासित था। 

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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