एक फरवरी, 2024 को साल 2024-2025 का अंतरिम बजट पेश कर दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा छठी बार बजट पेश किया गया है। सीतारमण ने ही अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण दिया है, जो कि साल 2020 में दिया गया था। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि अभी तक ऐसे वित्त मंत्री कौन हैं, जो वित्त मंत्री तो रहे, लेकिन वित्त मंत्री रहते हुए बजट पेश नहीं कर सके। यदि नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से आपको इस सवाल का जवाब मिलेगा। जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
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केसी नियोगी
केसी नियोगी भारत के दूसरे वित्त मंत्री रहे हैं, जिन्होंने साल 1948 में वित्त मंत्री की शपथ ली थी। इसके साथ ही वह वित्त आयोग के अध्यक्ष भी थे। दरअसल, नियोगी सिर्फ 35 दिनों तक ही अपने पद पर रहे, जिस वजह से उन्हें वित्त मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं देने का मौका नहीं मिला। उन्होंने 35 दिनों में ही इस्तीफा दे दिया था। इस वजह से केसी नियोगी वित्त मंत्री बनने के बाद भी संसद में बजट भाषण नहीं पढ़ सके।
हेमवती नंदन बहुगुणा
हेमवती नंदन बहुगुणा भारत के 13वें वित्त मंत्री रहे हैं, जो कि 1979 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे हैं। बहुगुणा ने अपने पद पर सिर्फ तीन महीने के लिए ही सेवाएं दी। इस वजह से वह भी संसद में बजट भाषण नहीं पढ़ सके।
नारायण दत्त तिवारी
भारतीय राजनीति में नारायण दत्त तिवारी का नाम बड़े राजनीतिज्ञों में आता है। एनडी तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। उन्हें 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में वित्त मंत्री का कार्यभार सौंपा गया था। वह इस पद पर लंबे समय तक भी रहे, लेकिन इसके बावजूद भी वह संसद भवन में बजट भाषण नहीं पढ़ सके।
तो, ये थे भारत के तीन ऐसे वित्त मंत्री, जो वित्त मंत्री तो रहे, लेकिन कभी बजट पेश नहीं कर सके। आपको यह भी बता दें कि भारत में सबसे अधिक बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम पर है, जिन्होंने 10 बार बजट पेश किया है।
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