एक फरवरी को साल 2024-2025 का अंतरिम बजट पेश किया गया है। वित्त मंत्री निर्मलता सीतारमण द्वारा अंतरिम बजट पेश किया गया है। यह छठी बार है, जब सीतारमण ने अपने कार्यकाल में बजट पेश किया है। करोड़ों लोगों की उम्मीदों वाला अंतरिम बजट हर साल 1 फरवरी को ही पेश किया जाता है। हालांकि, क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर बजट पेश करने के लिए 1 फरवरी का दिन ही क्यों चुना गया है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
पहले इस दिन पेश होता था बजट
एक फरवरी को बजट पेश किए जाने की पंरपरा कोई कई वर्षों पुरानी नहीं है, बल्कि यह हाल ही में अपनाई गई है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी के कार्यकाल में एक फरवरी को बजट पेश करने की परंपरा शुरू हुई है। साल 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री रहे अरूण जेटली द्वारा एक फरवरी को बजट पेश करने की घोषणा की गई थी। इससे पहले फरवरी के अंत में बजट पेश किया जाता था।
ब्रिटिश समय से फरवरी के अंत में पेश होता था बजट
आपको बता दें कि भारत में ब्रिटिश समय से ही बजट को फरवरी के अंत में पेश किया जाता था, जिससे आगामी एक अप्रैल को शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष का लेखा-जोखा तैयार किया जा सके। फरवरी के अंत में बजट पेश करने के साथ ही योजनाओं पर काम करने के लिए कमर कस ली जाती थी।
1 फरवरी को क्यों पेश होता है बजट
अब सवाल है कि आखिर एक फरवरी को ही बजट क्यों पेश किया जाता है, तो आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से ऐसा करने के पीछे दो मंशाए थीं, पहली मंशा गुलामी की पंरपरा को तोड़ना था, जो कि बीते 92 वर्षों से चली आ रही थी, जिसे साल 2017 में तोड़ा गया था। वहीं, दूसरी मंशा यह थी कि फरवरी के अंत में बजट पेश करने के बजाय फरवरी के पहले दिन बजट पेश करने से सरकार के पास नई योजनाओं को तैयार करने और इन्हें अमलीजामा पहनाने के लिए समय मिल जाता है।
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