रेलवे से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण चिह्न एवं उनके अर्थ

ट्रेन में सफर करते समय खिड़कियों के पास बैठकर नजारों का अवलोकन करना एक रोमांचकारी अनुभव होता है. खासकर बच्चों को खिड़कियों के पास बैठकर नजारों को निहारना बहुत अच्छा लगता है. अक्सर ट्रेन में सफर करते समय हम पटरियों के किनारे जगह-जगह पर अलग-अलग आकार एवं चिह्न वाले बोर्ड देखते हैं. जिसे देखकर हमारे मन में यह जिज्ञासा उत्पन्न होती है कि इन चिह्नों का अर्थ क्या है? लेकिन सही जानकारी के अभाव में हम में से अधिकांश व्यक्ति इन चिह्नों एवं बोर्ड के अर्थ से अनभिज्ञ हैं. अतः इस लेख में हम रेलवे से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण निशान एवं बोर्ड का अर्थ बता रहे हैं ताकि अगली बार जब आप इन चिह्नों को देखे तो अपने सहयात्रियों को भी इन चिह्नों एवं बोर्ड के अर्थ से अवगत करा सकें.
रेलवे से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण चिह्न एवं उनके अर्थ
1. सावधानी संकेतक बोर्ड (Caution indicator board)
तीर के आकार का यह बोर्ड बाएं या दाएं ओर इंगित करता है. ये बोर्ड ट्रैक पर चल रहे अस्थायी या स्थायी इंजीनियरिंग कार्यों के कारण विशेष प्रतिबंध और सावधानी बरतने का संकेत देते है. तीर की दिशा बताती है कि विशेष प्रतिबंध किस ट्रैक पर लागू किया गया है. ये बोर्ड आमतौर पर काले एवं पीले निशान वाले होते हैं. जिस डंडे पर इस तीर को लगाया जाता है वह काले और सफेद रंग का होता है.
पुराने जमाने में दो लैंप इस पीले रंग की पट्टी को रौशन करते थे जो सावधानी के संकेत को बताते थे, लेकिन अब इन बोर्ड को ऐसे पेंट से रंगा जाता है कि वह रात में रोशनी पड़ने पर स्वतः ही चमकते रहते हैं. सावधानी संकेतक बोर्ड को आमतौर पर गति संकेतक बोर्ड से 700 मीटर पहले या वास्तविक कार्यस्थल से 800 मीटर पहले लगाया जाता है. यह बोर्ड केवल ट्रेन के ड्राईवर के लिए बनाए गए हैं. ट्रेन का ड्राईवर इसे देखते ही समझ जाता है कि आगे गति संकेतक बोर्ड लगा हुआ है और उसे ट्रेन को धीमा करना है.
2. गति समाप्ति सूचक बोर्ड (speed termination indicator board)
अक्सर ट्रेन में यात्रा करते समय हम पटरियों के किनारे T/G और T/P लिखा गोलाकार बोर्ड देखते हैं. T/G का पूरा नाम termination of speeds restriction for Goods है जबकि T/P का पूरा नाम termination of speeds restriction for passenger है. यह बोर्ड ट्रेन के ड्राईवर को दिखाने के लिए होता है जिससे ड्राईवर को यह पता चल सके की गति की सीमा समाप्त हो गई है और अब ड्राईवर ट्रेन को पूरी गति से चला सकता है. वास्तव में इस तरह के बोर्ड के माध्यम से गति की सीमा को निर्धारित करने का कारण ट्रैक की मरम्मत या ट्रैक में किसी प्रकार की कमी होना है. ऐसे ट्रैक पर ट्रेन की अधिकतम गति सीमा 30 किमी/घंटे निर्धारित की गई है.
T/G या T/P बोर्ड से पहले गति संकेतक बोर्ड लगा होता है जो ट्रेन की गति को सीमित करवाने के लिए लगाया जाता है. गति संकेतक बोर्ड से 800 मीटर पहले सावधानी संकेतक बोर्ड लगा होता है, जिसे देखकर ट्रेन का ड्राईवर समझ जाता है कि आगे ट्रैक सही नहीं है और वह गति संकेतक बोर्ड पर लिखे गति सीमा के अनुसार ट्रेन की गति को कम कर देता है. सामान्यतः ये बोर्ड पटरियों के बायीं ओर लगे होते हैं. T/G बोर्ड मालगाड़ी के ड्राईवर के लिए जबकि T/P बोर्ड यात्री गाड़ी के ड्राईवर के लिए लगाए जाते हैं.
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3. सिग्नल साइटिंग बोर्ड (Signal Sighting Board)
सिग्नल साइटिंग बोर्ड एक लंबा एवं काले रंग का चौकोर बोर्ड होता है जिसके ऊपरी तथा निचले हिस्से में पीले रंग की दो क्षैतिज पट्टी बनी होती है और बोर्ड के ठीक बीच वाले हिस्से में पीले रंग का एक गोला बना होता है. इस बोर्ड का अर्थ यह है कि आगे सिग्नल आने वाला है, जिसे देखकर ट्रेन का ड्राईवर आने वाले सिग्नल को देखने के लिए तैयार हो जाता है और उस सिग्नल को देखकर ही ट्रेन को धीमा करता है या रोकता है.
ज्यादा मोड़ वाले या संकरे पहाड़ी एवं पठारी रास्तों में दो सिग्नल साइटिंग बोर्ड का प्रयोग किया जाता है. उन रास्तों पर सिग्नल से 1400 मीटर की दूरी पर मालगाड़ी के लिए और 1000 मीटर की दूरी पर यात्री गाड़ियों के लिए सिग्नल साइटिंग बोर्ड लगाए जाते है, जबकि सामान्य रास्तों पर एक ही सिग्नल साइटिंग बोर्ड लगाया जाता है.
4. सीटी संकेतक बोर्ड (Whistle Indicator Board)
अक्सर हम रेलगाड़ी में यात्रा करते समय पटरियों के किनारे लगे पीले रंग के ऐसे चौकोर बोर्ड देखते हैं जिन पर काले रंग से W, W/L, W/B या सी/फा लिखा होता है. इन बोर्ड को Whistle Indicator Board अर्थात सीटी संकेतक बोर्ड कहते हैं. W लिखा हुआ बोर्ड ट्रेन के ड्राईवर को सामान्य रूप से सीटी बजाने के लिए निर्देशित करता है.
जबकि W/L या सी/फा लिखा हुआ बोर्ड ट्रेन के ड्राईवर को इस बात से अवगत कराता है कि आगे मानव रहित फाटक आने वाला है अतः वह ट्रेन की सीटी बजाते हुए फाटक को पार करे. सामान्यतः W/L या सी/फा लिखा हुआ बोर्ड मानव रहित फाटक से 250 मीटर पहले लगाया जाता है. इसी प्रकार W/B बोर्ड ट्रेन के ड्राईवर को इस बात से अवगत कराता है कि आगे पुल आने वाला है अतः वह पुल पार करते समय सीटी बजाए.
5. ट्रेन के अंतिम डिब्बे पर X का निशान
ट्रेन के अंतिम डिब्बे पर पीले रंग का X का चिह्न बना होता है. यह चिह्न इसलिए बनाया जाता है ताकि रेलगाड़ी पर नजर रखने वाले कर्मचारी को पता चल सके कि पूरी गाड़ी जा चुकी है. इसके अलावा वर्तमान समय में रेलगाड़ी के अंतिम डिब्बे पर बिजली का एक लैंप भी लगाया जाता है जो चमकता रहता है. पहले यह लैंप तेल से जलता था लेकिन अब यह बिजली से जलता है. ट्रेन के के आखिरी डिब्बे पर बने इस निशान को लेकर रेलवे मंत्रालय की ओर से भी हाल ही में एक ट्वीट के माध्यम से इस जानकारी की पुष्टि की गई है।
Did you Know?
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) March 5, 2023
The letter ‘X’ on the last coach of the train denotes that the train has passed without any coaches being left behind. pic.twitter.com/oVwUqrVfhE
6. ट्रेन के अंतिम डिब्बे पर LV का बोर्ड
ट्रेन के अंतिम डिब्बे पर अंग्रेजी में काले तथा सफेद रंग या लाल तथा सफेद रंग का LV लिखा एक छोटा सा बोर्ड लगा रहता है. इस LV का अर्थ है- Last Vehicle अर्थात अंतिम डिब्बा. यदि किसी स्टेशन या सिग्नल केबिन से कोई गाड़ी ऐसी गुजरे जिस पर LV का बोर्ड नहीं होता है तो ऐसा माना जाता है कि पूरी गाड़ी नहीं आई है. ऐसी परिस्थिति में तुरंत आपातकालीन कारवाई शुरू की जाती है.
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