हर देश में नदियों का विशेष महत्व है। वहीं, जब बात भारत की होती है, तो यह महत्व और भी बढ़ जाता है। क्योंकि, भारत में नदियों को विशेष रूप से मां का दर्जा दिया गया है। यही वजह है कि हर सुबह और शाम नदियों के घाटों पर आपको नदियों की आरती होते हुए दिख जाएंगी।
नदियां एक तरफ जहां जैव विविधता को बनाए रखती है, वहीं, ये पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूत रखती हैं। नदियां पीने के पानी से लेकर सिंचाई और अन्य कार्यों में लाभकारी है। पर्यटन के क्षेत्र में भी नदियों का विशेष महत्व है। इस कड़ी में आपने भारत की अलग-अलग नदियों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि कर्क रेखा को दो बार काटने वाली भारत की एकमात्र नदी कौन-सी है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हमें इस बारे में जानेंगे।
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क्या होती है कर्क रेखा
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर कर्क रेखा क्या होती है। कर्क रेखा उत्तरी गोलार्ध में भूमध्य रेखा के समानान्तर 23°26′22″N 0°0′0″W पर विश्व के भूगोल पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई एक कल्पनिक रेखा है। यह रेखा पृथ्वी पर उन पांच प्रमुख अक्षांश रेखाओं में से एक है, जो पृथ्वी के मानचित्र पर दिखाई देती हैं।
भारत में कितने राज्यों से गुजरती है कर्क रेखा
आपको बता दें कि भारत में कुल आठ राज्यों से कर्क रेखा गुजरती है। ये राज्य गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा हैं।
कर्क रेखा को दो बार काटने वाली भारतीय नदी
अब सवाल है की कर्क रेखा को दो बार काटने वाली भारतीय नदी कौन-सी है, तो आपको बता दें कि भारत में एकमात्र माही नदी है, जो कि कर्क रेखा को दो बार काटती है। इसके अलावा सोन, रिहंद और बेतवा नदी भारत की ऐसी नदियां हैं, जो कि कर्क रेखा को सिर्फ एक बार काटती है।
कहां से निकलती है नदी
आपको बता दें कि माही नदी भारत के पश्चिम में बहने वाली पांच प्रमुख नदियों में से एक है। इस नदी का उद्गम मध्य प्रदेश से होता है और यह अरब सागर में यानि की खंबात की खाड़ी में जाकर गिर जाती है। हालांकि, अरब सागर में गिरने से पहले यह राजस्थान और गुजरात होते हुए गुजरती है।
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