दुनिया में प्रकृति का विशेष स्थान है, जिससे इस धरती पर जीवन है। वहीं, यह प्रकृति विभिन्न अद्भुत चीजों से भरी हुई है, जिसमें हमें कई बार अलग-अलग प्रकार की विचित्र और रहस्यमयी चीजें भी देखने को मिलती हैं।
यही वजह है कि प्रकृति को करीब से समझने के लिए आज भी शोधार्थी अपनी शोध में लगे हुए हैं और पृथ्वी पर मौजूद बहुत-सी अद्भुत चीजों की परतें तलाश रहे हैं। इसी कड़ी में दुनिया के एक हिस्से में एक ऐसी झील भी है, जो अपनी अद्भुत विशेषता के लिए जानी जाती है।
यदि इस झील के पानी को कोई छूता है, तो कुछ देर में उसकी मौत होने के बाद शरीर पत्थर बन जाता है। क्या है इसकी पीछे की हकीकत और वैज्ञानिक कारण, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
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क्या है झील का नाम
दुनिया की इस रहस्यमयी झील के नाम की बात करें, तो इस झील का नाम Lake Natron है। हालांकि, इसके विशेषताओं की वजह से इस झील को मेड्यूला झील और जाम्बी झील के नाम से भी जाना जाता है।
कहां है यह झील
इस झील के स्थान की बात करें, तो पूर्वी अफ्रीका के तंजानिया देश में अरूषा क्षेत्र में न्गोरोन्गोरो जिले में Lake Natron है। इस झील की लंबाई व चौड़ाई की बात करें, तो इस झील की लंबाई 50 किलोमीटर से अधिक है वहीं, चौड़ाई करीब 24 किलोमीटर है।
झील के आसपास हैं पक्षियों की मूर्तियां
इस झील के आसपास पक्षियों की पत्थर बनी मूर्तियां देखने को मिल जाएंगी। ये मूर्तियां कृत्रिम नहीं हैं, बल्कि ये वे पक्षी हैं, जो कभी इस झील का पानी पीने के लिए यहां आए थे और बाद में मृत होने के बाद पत्थर बनकर वही रह गए।
क्या है इसके पीछे वैज्ञानिक कारण
अब इस झील के पानी के वैज्ञानिक कारण की बात करें, तो इसके लिए हमें pH को समझना होगा, जिसे Power of Hydrogen कहा जाता है। इसका स्तर 0 से लेकर 14 तक होता है, जिससे किसी भी चीज के अम्लीय और क्षारीय नेचर को जानने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इस झील का pH स्तर 10.5 है, जो कि बताता है कि यह झील बहुत ही अल्कालाइन है। इसके नजदीक एक पर्वत है, जो कि ओल दोइन्यो लेंगाई के नाम से जाना जाता है। यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है। इससे निकलने वाले लावा में नैट्रोकार्बोनाइट्स पाए जाते हैं, जिसमें सोडियम, कैल्शियम और पोटेशियम की अधिक मात्रा मौजूद होती है।
वहीं, इससे पर्वत से निकलने वाले लावा जल्दी ठंडा होकर जम जाता है। ऐसे में इस झील के आपसपास ऐसा वातावरण होने की वजह से इस झील ने भी ऐसे केमिकल को सोख लिया है। यही वजह है कि जो भी पशु-पक्षी इस झील का पानी पीता है, उसकी मौत होन के बाद उसकी शरीर मृत होने के बाद सड़ता नहीं है, बल्कि वही पड़ रहता है।
आपको बता दें कि मिस्र में भी ममफिकेशन में कुछ इसी तरह की प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे शरीर को काफी लंबे समय तक सुरक्षित रखा जाता था।
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