भक्ति आंदोलन के संतों और शिक्षकों की सूची

Sep 4, 2018, 16:32 IST

भक्ति आन्दोलन मध्‍यकालीन भारत का सांस्‍कृतिक इतिहास में एक महत्‍वपूर्ण पड़ाव था। यह एक मौन क्रान्ति थी जिसमे इस काल के सामाजिक-धार्मिक सुधारकों द्वारा समाज में विभिन्न तरह से भगवान की भक्ति का प्रचार-प्रसार किया गया। इन संतो ने भक्ति मार्ग को ईश्वर प्राप्ति का साधन मानते हुए ‘ज्ञान’, ‘भक्ति’ और ‘समन्वय’ को स्थापित करने का प्रयास किया। इस लेख में हमने भक्ति आंदोलन के संतों और शिक्षकों की सूची दिया है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

List of Saints and Teachers of the Bhakti Movement in Hindi
List of Saints and Teachers of the Bhakti Movement in Hindi

भक्ति आन्दोलन मध्‍यकालीन भारत का सांस्‍कृतिक इतिहास में एक महत्‍वपूर्ण पड़ाव था। यह एक मौन क्रान्ति थी जिसमे इस काल के सामाजिक-धार्मिक सुधारकों द्वारा समाज में विभिन्न तरह से भगवान की भक्ति का प्रचार-प्रसार किया गया। इन संतो ने भक्ति मार्ग को ईश्वर प्राप्ति का साधन मानते हुए ‘ज्ञान’, ‘भक्ति’ और ‘समन्वय’ को स्थापित करने का प्रयास किया। यहां हम सामान्य जागरूकता के लिए भक्ति आंदोलन के संतों और शिक्षकों की सूची दे रहे हैं।

भक्ति आंदोलन के संतों और शिक्षकों की सूची

भक्ति आंदोलन के संत और शिक्षक

योगदान

शंकराचार्य (788 - 820 ई.)

 

1. हिन्दू में बौद्ध धर्म का सार एकीकृत और प्राचीन वैदिक धर्म की व्याख्या की

2. अद्वैत वेदांत के सिद्धांत को समेकित कर्ता

रामानुज (1017-1137 ई.)

1. हिंदू धर्म में श्री वैष्णववाद परंपरा का प्रतिपादक

2. साहित्यिक कार्य: 9 संस्कृत ग्रंथों में कार्य किया था जैसे वेदथा संग्राम, श्री भाश्यम, गीता भाश्यम

3. विशिष्ठद्वाता वेदांत या योग्यतावाद के प्रजनक

बसावा (12वीं शताब्दी)

1. लिंगायत के संस्थापक

2. साहित्यिक कार्य: वचना साहित्य (कन्नड़ भाषा)

3. शक्ति विशिष्टअद्वैत के प्रचारक

माधव (1238-1319 ई.)

1. उन्होंने "द्वैत" या द्वैतवाद का प्रचार किया, जिसके अनुसार परमात्मा और मानव विवेक एक दुसरे से भिन्न हैं

रामनाडा (15वीं शताब्दी)

1. उत्तर-भारत में संत-परम्पारा के संस्थापक (शाब्दिक रूप से, भक्ति संतों की परंपरा)

2. शिष्य: कबीर, रविदास, भगत पापा, सुकानान सहित दो कवयित-संत और दस कवि-संत

3. साहित्यिक कार्य: ज्ञान-लीला और योग-चिंतामणि (हिंदी), वैष्णव माता भाजभास्कर और रामरकाना पद्धति (संस्कृत)

कबीर (1440-1510 ई.)

1. रामानंद का शिष्य

2. वह निराकार भगवान में विश्वास किया।

3. वह हिंदुत्व और इस्लाम के साथ सामंजस्य करने वाला पहला व्यक्ति था।

गुरु नानक देव (1469-1538 ई.)

1. सिख धर्म के संस्थापक

2. मूर्ति पूजा और जाति व्यवस्था का पुरजोर विरोधी, उनके अनुसार प्रार्थना और ध्यान के माध्यम से एक भगवान की पूजा की जा सकती है।

पुरंदर (15वीं शताब्दी)

1. दक्षिण भारतीय शास्त्रीय संगीत (कर्नाटिक संगीत) के प्रमुख संस्थापक-समर्थकों में से एक।

2. उन्हें अक्सर कर्नाटक संगीता पितामहा के रूप में उद्धृत किया जाता है।

दादू दयाल (1544-1603 ई.)

1. कबीर के शिष्य

2. वह हिंदू-मुस्लिम एकता का समर्थक था।

3. उनके अनुयायियों को दादू पन्तिस कहा जाता था।

चैतन्य (1468-1533 ई.)

1. बंगाल में आधुनिक वैष्णववाद के संस्थापक

2. कीर्तन प्रथा को लोकप्रिय किया था।

शंकरदेव (1499-1569 ई.)

1. असम में भक्ति पंथ का प्रचार-प्रसार किया था।

वल्लभाचार्य (1479-1531 ई.)

1. कृष्णा पंथ को प्रतिपादित किया था।

2. उन्होंने श्रीकृष्ण को "श्रीनाथ जी" के नाम से पूजा किया करते थे।

सूरदास (1483-1563 ई.)

1. वल्लभाचार्य का शिष्य

2. राधा और कृष्ण के लिए तीव्र भक्ति दिखाया

3. ब्रजभाषा के भक्ति कवि के रूप में जाना जाता है।

मीराबाई (1498-1563 ई.)

1. भगवान कृष्ण के भक्त

2. कृष्ण के सम्मान में गाने और कविताओं की रचना की थी।

हरिदास (1478-1573 ई.)

1. एक महान संगीतकार संत जो भगवान विष्णु की महिमा गाते थे।

तुलसीदास(1532-1623 ई.)

1. रामचरितमानस के लेखक जिसमे अवतार के रूप में राम को चित्रित किया है।

नामदेव (1270-1309 ई.)

1. विश्वको खेकर का शिष्य

2. वह विटोबा (विष्णु) का भक्त था।

ज्नानेस्वर (1275-1296 ई.)

1. "ज्ञानेश्वरी" के लेखक जिसमे भगवद् गीता पर एक टिप्पणी की गयी है।

एकनाथ

1. भगवद् गीता के छंदों पर टिप्पणी के लेखक

2. विठोबा के भक्त

तुकाराम

1. मराठा राजा शिवाजी के समकालीन

2. विठ्ठल के भक्त

3. उन्होंने वाराकू संप्रदाय की स्थापना की।

4. अभंगास में उनकी शिक्षाएं समाहित हैं।

राम दास

 

1. दासबोध के लेखक

2. उनकी शिक्षाओं ने शिवाजी को महाराष्ट्र में एक स्वतंत्र राज्य स्थापित करने के लिए प्रेरित किया।

उपरोक्त लेख में भक्ति आंदोलन के संतों और शिक्षकों के नाम और उनके योगदान को सूचीबद्ध विवरण दी गयी है जो पाठको के सामान्य जागरूकता के लिए महत्वपूर्ण है।

मध्यकालीन भारत का इतिहास: एक समग्र अध्ययन सामग्री

Jagranjosh
Jagranjosh

Education Desk

Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News