किडनी से संबंधित बीमारियों की सूची

Dec 12, 2017, 12:42 IST

किडनी उत्सर्जन तंत्र का एक हिस्सा हैं और शारीर का महत्वपूर्ण अंग. किडनी या गुर्दे दो सेम के आकार वाले अंग हैं जो रक्त से अपशिष्ट चीजों को निकालता है, तरल पदार्थों का शारीर में संतुलन, मूत्र या यूरीन बनाता है और अन्य शारीर के मेताव्पूर्ण कार्यों में सहायता करता है. इस लेख के माध्यम से किडनी से सम्बंधित बिमारीयों के बारे में अध्ययन करेंगे.

Various types of kidney diseases
Various types of kidney diseases

मनुष्य में उत्सर्जी अंग एक जोड़ा वृक्क (kidney) होती है, जो रुधिर-परिसंचरण से उत्सर्जी उत्पादों को हटाने, साथ ही साथ रुधिर में लाभदायक तत्वों को बनाए रखने के लिए भली-भातिं अनुकूलित होते हैं. किडनी सेम के बीज के आकार की होती हैं. हम जानते है कि हमारा उत्सर्जन तंत्र किडनी और ब्लैडर से सम्बंधित होता है. अलग-अलग प्रकार की बीमारियाँ आपके उत्सर्जन तंत्र से जुड़ी हुई होती हैं, जिनका समय से इलाज ना किया जाए तो यह घातक भी हो सकती है. इस लेख में विभिन्न प्रकार की उत्सर्जन तंत्र से सम्बंधित बीमारियों के बारे में अध्ययन करेंगे.
किडनी से संबंधित बीमारियों की सूची
1. नेफ्राइटिस (Nephritis)

Nephritis kidney disease
Source: www.medifitbiologicals.com
इस बिमारी में किडनी के स्थान पर दर्द होता है, जो निचे की तरह जाँघों में जाता प्रतीत होता है. मूत्र थोड़ा-थोड़ा और बार-बार कष्ट के साथ आता है जो दुर्गन्धित होता है. मूत्र में रक्त के भाग भी आते हैं. यह रोग कई प्रकार का होता है. इस रोग का कारण जीवाणु संक्रमण होता है. द्वीतीय संक्रमण भी नेफ्राइटिस का कारण बन सकते है. प्रकोप की दशा में योग्य चिकित्सक से दवा करनी चाहिए. वैसे पेनिसिलीन का प्रयोग इसमें सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.
2. यूरीमिया (Uremia)

Uremia kidney disease
Source: www. image.slidesharecdn.com
एक ऐसी स्थिति जो शारीर में यूरिया आदि उच्छिष्ट उत्पादों के एकत्रित होने से होती है जो साधारणत: किडनी द्वारा उत्सर्जित होते हैं. इस स्थिति की गंभीरता का अनुमान रक्त यूरिया (blood urea) के आमापन से लगाया जाता है. यूरिया का आमापन अन्य नाइट्रोजन युक्त विषालु पदार्थो की अपेक्षा सरल होता है. इसकी चिकित्सा पूर्णत: लाक्षणिक होती है, जो विशेषज्ञ द्वारा की जाती है.

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3. गुर्दे की पथरी (Renal Calculus or stones)

Kidney stone
Source: www.media.licdn.com
किडनी को पेल्विस में खनिज लवण (calcium oxalate) के क्रिस्टल, एक पिण्ड के रूप में एकत्र हो जाते हैं जिससे मूत्र के रास्ते में रुकावट आती है. जब पथरी किडनी से निकलकर यूरेटर में जाने लगती है तो उस समय काफी पीड़ा और दर्द होता है. अहार में ऐसे रोगियों को कैल्शियम वाले पदार्थ नहीं दिए जाते है. शल्य चिकित्सा अथवा शॉक वेव लिथोटेप्सी उपचार के माध्यम से इस बिमारी से छुटकारा मिल जाता है.
4. हीमोडाइलिसिस (Haemodialysis)

Haemodialysis
Source: www.wordpress.com
 अपोहन (dialysis) का अर्थ है वरण करने वाली पारगम्य झिल्ली के माध्यम से बड़े और छोटे कणों को अलग करना. अनेक किडनी रोगों में रक्त डाइलिसिस की आवश्यकता होती है. इसकी दो विधियां है- Peritoneal dialysis तथा क्रत्रिम किडनी द्वारा Extra-corporeal dialysis. क्रत्रिम किडनी डाइलिसिस विधि में रोगी का रक्त एक cellophane membrane में से पम्प किया जाता है, यह कला डायलिसिस के टब में घूमती रहती है; यहां रक्त में से उच्छिष्ट पदार्थ निकाल लिए जाते हैं तथा शुद्ध रक्त रोगी के परिसंचरण में पम्प कर दिया जाता है.
5. सिस्टाइटिस (Cystitis)

Urinary infection cystitis
Source: www. theayurveda.org.com
इस रोग में बार-बार मूत्र आता है. मूत्राशय में असह्न्य दर्द होता है. अकड़न, भार का प्रतीत होना तथा अंगों में शीत एवं कंपकंपी आदि लक्षण होते हैं. इसका कारण बी.कोलाई जीवाणु का संक्रमण होता है. इसके उपचार के लिए अल्कोसाल व कोंट्रीमोक्साजोल जैसी ओषधि का प्रयोग किया जाता है.
6. गुर्दा निश्कार्यता (Kidney failure)

Kidney failure
Source: www.i.pinimg.com
इस दोष से ग्रस्त किडनी में मूत्र नहीं बन पाता है. ऐसा कई कारणों से हो सकता है, जैसे अधिक रक्तदाब, आघात (चोट), बैक्टीरिया द्वारा संक्रमण या किसी विषालु (टोक्सिन) का प्रभाव. यदि केवल एक गुर्दा बेकार हो गया तो व्यक्ति का काम केवल दुसरे गुर्दे से ठीक-ठीक चलता रहता है. अन्यथा गुर्दे का प्रत्यारोपण ही विकल्प बचता है. इसमें दो विधियों किसी संबंधी द्वारा दाब किया गया या मनुष्य के म्रत्योपरान्त स्वीकृति से प्राप्त गुर्दे का प्रत्यारोपण किया जाता है.
इस लेख से यह ज्ञात होता है कि किडनी से सम्बंधित विभिन्न प्रकार के रोग होते है, ऐसे में क्या अहार लेना चाहिए और यह रोग कैसे होते है, इनका क्या दुष्प्रभाव होता है आदि के बारे में बताया गया हैं.

मनुष्य का उत्सर्जन तंत्र किस तरह से कार्य करता है?

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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