दिल्ली को भारत का दिल भी कहा जाता है, जिसका अपना गौरवशाली इतिहास रहा है। दिल्ली के इतिहास पर गौर करें, तो इसे सात बार उजाड़ा गया और सात बार बसाया गया। अलग-अलग समय पर दिल्ली सल्तनत के राजाओं से लेकर मुगल साम्राज्य और अंत में ब्रिटिश में यहां से देशभर में सत्ता चलाई।
वहीं, जब बात दिल्ली के इतिहास की होती है, तो इसमें यमुना नदी का नाम भी आता है, जिसके बिना दिल्ली का इतिहास अधूरा है। वर्तमान में दिल्ली के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचने के लिए 50 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इस बीच यमुना को पार किए बिना यह संभव नहीं है। ऐसे में यमुना के ऊपर बने पुल की मदद लेनी पड़ती है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि दिल्ली में यमुना के ऊपर बना सबसे लंबा पुल कौन-सा है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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दिल्ली में यमुना का सफर
सबसे पहले हम दिल्ली में यमुना के सफर के बारे में जानेंगे। यमुना नदी हरियाणा की सीमा के साथ दिल्ली के उत्तरी क्षेत्र से प्रवेश करती है। जिस जगह से यमुना प्रवेश करती है, उस जगह को पल्ला कहते हैं। वहीं, ओखला बैराज से दक्षिणी सीमा से निकलने से पहले यह नदी दिल्ली में अपना 48 किलोमीटर का सफर तय करती है।
वजीराबाद बैराज दिल्ली में यमुना नदी के लिए पहली प्रवाह बाधा होती है। हालांकि, 26 किलोमीटर का प्रवाह अबाधित है। वजीराबाद बैराज से लेकर ओखला बैराज तक यमुना 22 किलोमीटर का सफर तय करती है। इस दौरान यमुना नदी पर 14 पुल बने हुए हैं।
दिल्ली में यमुना नदी पर बने पुलों की सूची
-वजीराबाद बैराज (सड़क)
-सिग्नेचर ब्रिज
-कश्मीरी गेट आईएसबीटी पर युधिष्ठिर सेतु
-कश्मीरी गेट और शास्त्री पार्क (मेट्रो) के बीच मूविंग ब्रिज
-पुराना यमुना पुल (रेल एवं सड़क)
-राजघाट-गीता कॉलोनी ब्रिज (सड़क)
-आईटीओ और लक्ष्मी नगर (सड़क) के बीच विकास मार्ग
-इंद्रप्रस्थ और यमुना बैंक (मेट्रो) के बीच पुल
-प्रगति मैदान - पुराना किला ब्रिज (रेल)
-निजामुद्दीन रोड ब्रिज (सड़क)
-निजामुद्दीन और मयूर विहार (मेट्रो) के बीच पिंक लाइन ब्रिज
-दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (DND) फ्लाईवे (सड़क)
-ओखला बैराज (सड़क)
-कालिंदी कुंज और ओखला पक्षी अभयारण्य (मेट्रो) के बीच मजेंटा लाइन ब्रिज
दिल्ली का सबसे लंबा पुल
दिल्ली में यमुना के ऊपर बने सबसे लंबे पुल की बात करें, तो वह लोहे का पुराना पुल है। इस पुल की कुल लंबाई 805 मीटर है। ऐसे में यमुना पर बने अन्य पुलों की तुलना में यह पुल अकेला ऐसा पुल है, जो कि यमुना के पूरे बाढ़ ग्रस्त इलाके को कवर करता है। हालांकि, कुछ इतिहासकार कश्मीरी गेट से शास्त्री पार्क आने वाले युद्धिष्ठिर सेतु को भी सबसे लंबा बताते हैं, जो कि डेढ़ किलोमीटर है। हालांकि, इसकी गिनती दिल्ली के फ्लाईओवरों में होती है।
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