भारत में नदियों का विशेष महत्व है। यहां एक तरफ नदियां जहां पीने के पानी से लेकर कृषि के लिए महत्वपूर्ण हैं। वहीं, दूसरी तरफ नदियों को मां का दर्जा देकर पूजा जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा नदी को सबसे पवित्र नदी कहा गया है और इस नदी को मां के रूप में पूजा जाता है। इसके अलावा यमुना, कावेरी व नर्मदा भी लोगों की आस्था का केंद्र हैं। भारत में कुल प्रमुख नदियों की बात करें, तो इनकी संख्या 200 से अधिक हैं।
हालांकि, क्या आपको पता है कि भारत में एक नदी ऐसी भी है, जिसे पुरुष नदी का दर्जा दिया गया है और यह सिर्फ एक हिंदू धर्म में नहीं, बल्कि दो अलग-अलग धर्मों में भी पूजी जाती है। इस लेख के माध्यम से हम भारत की इस अनोखी नदी के बारे में जानेंगे।
कौन-सी है भारत की पुरुष नदी
भारत की पुरुष नदी की बात करें, तो वह एकमात्र ब्रह्मपुत्र नदी है। इस नदी को भारत की पुरुष नदी के तौर पर भी जाना जाता है और इसे लेकर लोगों में आस्था है।
किन-किन धर्मों के लोगों की है आस्था
इस नदी को लेकर तीन अलग-अलग धर्मों के लोग के बीच आस्था है। हिंदु धर्म के लोग इस नदी को लेकर आस्था रखते हैं और इसका पूजन करते हैं। वहीं, बौद्ध धर्म के लोगों के बीच में यह नदी आस्था का केंद्र है। साथ ही जैन धर्म के लोग भी इस नदी को विशेष महत्व देते हैं।
क्यों कही जाती है पुरुष नदी
अब आपके मन में यह सवाल होगा कि आखिर इस नदी को ही पुरुष नदी क्यों कहा जाता है, तो आपको बता दें कि हिंदु मान्यताओं के अनुसार, यह नदी ब्रह्म और अमोघ ऋषि के पुत्र हैं।
वहीं, बौद्ध धर्म के लोगों के मुताबिक, यह नदी चांग ठांग पठार से निकलती है। पहले यह नदी एक झील के रूप में हुआ करती थी।
बाद में एक बौद्ध अनुयायी ने महसूस किया कि इस नदी के पानी से हिमालय के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले लोगों की जरूरत को पूरा किया जा सकता है।
ऐसे में उन्होंने नदी के लिए रास्ता का निर्माण किया और इसके बाद से इस नदी को ब्रह्मपुत्र नदी कहा जाने लगा।
कहां से निकलती है यह नदी
ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत में पुरंग जिले में मानसरोवर झील के पास से निकलती है। यहां से निकलने के बाद यह नदी भारत और बांग्लादेश में बहती है।
इस नदी की कुल लंबाई की बात करें, तो इसकी कुल लंबाई 2900 किलोमीटर है। ऐसे में कई लोग इसे भारत की सबसे लंबी भी बोलते हैं।
ब्रह्मपुत्र नदी को अलग-अलग नाम से जाना जाता है, उदाहरण के लिए तिब्बत में इस नदी को सांपो, अरूणाचल प्रदेश में डीहं और असम में इस नदी को ब्रह्मपुत्र नदी के नाम से जाना जाता है। वहीं, बांग्लादेश में पहुंचकर इस नदी का नाम जमुना हो जाता है।
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