ब्राहांड का सबसे पुराना तारा कौन-सा है, जानें

Jan 27, 2024, 10:00 IST

नासा के जेम्स वेब ने कुछ समय पहले ब्रह्मांड के सबसे पुराने सितारों के साथ एक चमकदार आकाशगंगा की फोटो के साथ सुर्खियां बटोरीं थी। हालांकि, वास्तविक सबसे पुराना तारा 14 अरब वर्ष पुराना होने का अनुमान है, जो इसे हमारे ब्रह्मांड से भी पुराना बनाता है।   

सबसे पुराना तारा
सबसे पुराना तारा

जेम्स वेब टेलीस्कोप (JWST) का उपयोग कनाडाई खगोलविदों की एक टीम द्वारा अब तक खोजे गए सबसे दूर के गोलाकार समूहों का पता लगाने के लिए किया गया है। गोलाकार समूह लाखों सितारों का घना संग्रह है, जो ब्रह्मांड में सबसे पहले और सबसे पुराने सितारों के अवशेषों का प्रतिनिधित्व कर सकता है।

शोध के अनुसार, आकाशगंगा के प्राचीन सितारों का संग्रह तब बना, जब आकाशगंगा नई थी और आकाशगंगा के विस्तार और विकास के पहले चरण की जानकारी थी।

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इससे यह प्रश्न उठता है कि ब्रह्मांड का सबसे पुराना तारा कौन-सा है? और यह कितना पुराना है ?

 

ब्रह्मांड का सबसे पुराना तारा कौन-सा है

हमारा ब्रह्माण्ड कल्पना से परे विशाल और रहस्यमय है। हमने प्रतीत होने वाले अनंत ब्रह्मांड का केवल 5% ही खोजा है।

हमारे ज्ञात ब्रह्मांड में सैकड़ों अरब तारे हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी विशेषताएं हैं। कुछ इतने विशाल हैं कि वे पूरी आकाशगंगाओं से भी बड़े हैं, कुछ छोटे हैं और कुछ तो अदृश्य भी हैं। वहीं, कुछ जीवन से भी अधिक पुराने हैं।

ज्ञात ब्रह्मांड में सबसे पुराना तारा मेथुसेलह तारा है, जिसे एचडी 140283 के नाम से भी जाना जाता है, यह एक बहुत बाड़ा तारा है।

मेथुसेलह तुला राशि में आकाशगंगा की ओफ़िचस सीमा के करीब और पृथ्वी से लगभग 190 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। इसका स्पष्ट परिमाण 7.205 है।

ब्रह्मांड में सबसे पुराना सितारा कितना पुराना

ऐसा माना जाता है कि मेथुसेलह पूरे ज्ञात ब्रह्मांड में सबसे पुराना तारा है, जिसका निर्माण 14 अरब साल पहले हुआ था। इसकी आयु इसे ब्रह्मांड से भी अधिक पुरानी बनाती है।

ऐसे में हमारे ब्रह्मांड से जुड़े रहस्यों की सूची में एक और रहस्य जुड़ गया है।

यह विशालकाय तारा निश्चित रूप से पुराना है। इसमें बहुत कम लोहा होता है और यह ज्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम से बना होता है। इस रचना से संकेत मिलता है कि तारे का निर्माण तब हुआ होगा, जब ब्रह्मांड में हीलियम और हाइड्रोजन का प्रभुत्व था और इससे पहले कि लोहा सर्वव्यापी हो गया, क्योंकि भारी तत्व तभी विकसित हुए, जब बड़े सितारों ने उन्हें अपने कोर में उत्पन्न किया।

एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, किसी तारे की अनुमानित आयु न केवल इस पर निर्भर करती है कि वह इस समय कितनी ऊर्जा उत्पन्न करता है, बल्कि इस बात पर भी निर्भर करती है कि उसने अपने पूरे अस्तित्व के दौरान किस प्रकार ऊर्जा उत्पन्न की है।

मेथुसेलह की धात्विकता को सावधानीपूर्वक मापा गया और तारे की आयु 14.46 अरब वर्ष निर्धारित की गई, जिसमें दोनों दिशाओं में 800 मिलियन वर्ष की त्रुटि थी। तारा 13.6 अरब वर्ष जितना युवा हो सकता है, जो कि ब्रह्मांड की आयु के भीतर है। वहीं, ब्रह्मांड की व्यापक रूप से स्वीकृत आयु 13.77 अरब वर्ष होने का अनुमान है। यह ब्रह्मांड से भी काफी पुराना, 15.3 अरब वर्ष पुराना हो सकता है।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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