किस शासक को कहा जाता है ‘कश्मीर का अकबर’ और क्यों, जानें

भारत में कश्मीर को धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है। कश्मीर अपनी खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है, जहां हर साल बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी पर्यटन के लिए पहुंचते हैं। भारतीय इतिहास में कश्मीर का अध्याय महत्वूर्ण रहा है, जो कि कई राजा-महाराजाओं का गढ़ था। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि इतिहास के किस शासक को हम कश्मीर के अकबर के रूप में जानते हैं और क्यों, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।  

Jan 19, 2024, 12:54 IST
कश्मीर का अकबर
कश्मीर का अकबर

भारतीय इतिहास में कई ऐसे शासक हुए हैं, जिनकी नीतियों की मिसाल न सिर्फ समकालीन युग में दी जाती थी, बल्कि वर्तमान तक ऐसे शासकों का जिक्र किया जाता है। इतिहास के पन्नों में दर्ज  ये शासक अपनी विशेष पहचान बनाए हुए हैं, जिससे ये सामाजिक रूप से एक गहरी छाप छोड़ने में भी सफल हुए हैं। भारत में कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि इतिहास के किस शासक को कश्मीर का अकबर कहा जाता है और क्यों, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

 

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खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है कश्मीर

कश्मीर अपनी खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है, जहां प्राकृतिक सुंदरता एकाएक पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचती है। सर्द मौसम में यहां पड़ने वाली बर्फ इसकी सुदंरता को चार चांद लगाने का काम करती है और यही वह मौसम है, जब पर्यटक बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं। अपने यहां के मनोरम दृश्य और खूबसूरत छंटाओं की वजह से कश्मीर को हम धरती के स्वर्ग के रूप में भी जानते हैं।

 

किस शासक को कहा जाता है कश्मीर का अकबर

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर किस शासक को कश्मीर का अकबर कहा जाता था, तो आपको बता दें कि जैनुल आबिदीन को हम कश्मीर के अकबर के रूप में भी जानते हैं। जैनुल आबिदीन कश्मीर के आठवें सुल्तान थे। कलहण के राजतरंगिणी में उनके शासनकाल का उल्लेख मिलता है।

 

किस घराने से था जैनुल आबिदीन

जैनुल आबिदीन का शासनकाल 1420 से 1470 तक रहा था और यह मीर शाह घराने से था। यहां यह भी जानना जरूरी है कि शाह मीर शाह को कश्मीर का पहला मुस्लिम शासक भी कहा जाता है, जिसने साल 1339 में अपना राजवंश स्थापित किया था। 

 

क्यों कहा जाता है कश्मीर का अकबर

अब सवाल है कि आखिर जैनुल आबिदीन को कश्मीर का अकबर क्यों कहा जाता है, तो आपको बता दें कि आबिदीन अपने भाई सिकंदर शाह के उत्तराधिकारी के रूप में गद्दी पर बैठा था। सिंकदर शाह के समय कश्मीरी पंडितों को राज्य निकाला कर दिया गया था और कई हिंदू मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया गया था।

वहीं, जैनुल ने कई हिंदू मंदिरों को पुनः स्थापित किया और कश्मीरी पंडितों को दोबारा घाटी में बसाया। इसके साथ ही उसने जजिया कर की भी समाप्ति की। साथ ही गौ हत्या पर भी पाबंदी लगा दी थी। उसके शासनकाल में साहित्य और संगीत का भी विकास हुआ।

वह संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने के साथ तिब्बती, फारसी और कश्मीरी भाषा भी जानता था। जैनुल ने अपने शासनकाल में हिंदुओं को महत्वपूर्ण पद दिए। साथ ही उसने कश्मीर की एक कृति राजतरंगिणी का अगल भाग संस्कृत के विद्वान जोनराज से लिखवाया। अपने इस रवैये की वजह से उसे कश्मीर का अकबर कहा जाता है। क्योंकि, अकबर के शासनकाल में भी अन्य धर्मों को महत्व दिया गया था। 

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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