उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है। साल 2011 में यहां की जनसंख्या 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 दर्ज की गई थी, जो कि पूरे भारत की करीब 16.5 फीसदी थी। वहीं, यह राज्य देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो कि 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि 7.33 फीसदी हिस्से पर है।
इन दिनों संभल जिला चर्चाओं में है। यहां मौजूद मंदिर ने जिले को चर्चाओं में ला दिया है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि संभल जिले को हम एक और नाम से भी जानते हैं। कौन-सा है यह नाम और क्या है नाम के पीछे की कहानी, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
उत्तर प्रदेश में कुल जिले
उत्तर प्रदेश में कुल जिलों की बात करें, यहां कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। यहां कुल 351 तहसील, 17 नगर निगम, 826 सामुदायिक विकास खंड, 200 नगर पालिक परिषद् और 75 नगर पंचायत हैं।
क्यों चर्चाओं में है संभल जिला
संभल जिला बीते दिनों शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर चर्चाओं में था। वहीं, इन दिनों यह फिर से चर्चाओं में है। इस बार यह जिला प्राचीन शिव मंदिर को लेकर चर्चाओं में आ गया है। मंदिर को लेकर दावा किया गया है कि यह कथित तौर पर 1978 से बंद है, जिसके बाद इसकी कार्बन डेटिंग की बात कही गई है।
किस नाम से जाना जाता है संभल जिला
अब सवाल है कि उत्तर प्रदेश का संभल जिला और किस नाम से जाना जाात है, तो आपको बता दें कि यह भीमनगर उपनाम से भी जाना जाता है।
क्यों भीमनगर नाम से जाना जाता है संभल
संभल जिले की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, संभल जिले को 28 सितंबर 2011 को राज्य के तीन नए जिलों में से एक के रूप में घोषित किया गया था। इसका पूर्व नाम “भीमनगर” था। ऐसे में इस जिले को भीमनगर के नाम से भी जानते हैं।
संभल जिले का इतिहास
संभल जिले की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, ‘कहा जाता है कि 12वीं शताब्दी के दौरान दिल्ली के अंतिम हिंदू शासक पृथ्वीराज चौहान ने यहां दो बड़े युद्ध लड़े थे, दोनों युद्ध ही गाजी सैयद सालार मसूद के विरुद्ध लड़े गए थे, जो गजनी साम्राज्य के शासक महमूद गजनी का भतीजा था।
पहले युद्ध में चौहान ने विजय प्राप्त की और दूसरे युद्ध में इसके विपरीत हुआ। फिर भी इसे साबित करने के लिए कोई परिस्थितिजन्य साक्ष्य नहीं है और इसे व्यापक रूप से एक किंवदंती के रूप में माना जाता है।
दिल्ली के पहले मुस्लिम सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक ने संभल पर कब्जा कर इसे अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया था। यह 14वीं शताब्दी की शुरुआत में हुआ था और इसके बाद दिल्ली के दूसरे सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने संभल शहर पर हमला किया, क्योंकि वहां के एक हिंदू शासक ने उनके कई आदमियों की हत्या की थी।
इसलिए, तुगलक ने हिंदू शासक की सभी सेनाओं को हराने और उसे जीवन भर के लिए गुलाम बनाने की कोशिश में संभल में मुस्लिम शासन लागू किया था।’
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