Indian Railways:भारतीय रेलवे में प्रतिदिन करोड़ों यात्री सफर करते हैं। इन यात्रियों में देश के वरीष्ठ नागरिक भी शामिल हैं, जो अपनी मंजिलों तक का सफर रेलवे के माध्यम से पूरा करते हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे विभिन्न श्रेणियों में छूट प्रदान करता है।
इसमें वरीष्ठ नागरिक भी शामिल हैं। हालांकि, अभी इस छूट पर रोक लगी हुई है। इसे लेकर हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र में रेलवे यात्रा में वरीष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट पर सवाल पूछा गया है। इस पर रेल मंत्रालय ने अपनी स्पष्टीकरण दे दिया है।
ऐसे में यहां सवाल है कि क्या रेलवे द्वारा फिर से वरीष्ठ नागरिकों को ट्रेन में छूट दिए जाने पर विचार किया जा रहा है या फिर अभी इस पर रोक बरकरार रहेगी ? किन-किन श्रेणियों में मिलती है छूट और क्या है रेलवे का जवाब, जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।
कोरोना से पहले मिलती थी छूट
भारतीय रेलवे द्वारा कोरोना महामारी के आने से पहले देशभर के वरीष्ठ नागरिकों को यात्रा टिकट पर रियायत प्रदान की जाती थी। इसके तहत कम से कम 60 वर्ष के पुरुष को 40 फीसदी और कम से कम 58 वर्ष की महिलाओं को किराये में 50 फीसदी छूट मिलती थी। हालांकि, कोरोना महामारी के बाद इस पर रोक लग गई है।
संसद में क्या पूछा गया सवाल
संसद के शीतकालीन सत्र में सवाल पूछा गया है कि पहले वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन की टिकट पर छूट मिलती थी, जिसे बंद कर दिया गया है। क्या रेल मंत्रालय इस छूट को वापस करने पर कोई विचार कर रहा है? इसे लेकर क्या फैसला हुआ है?
रेल मंत्रालय ने किया दिया है जवाब
सवाल के जवाब में रेल मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि वर्ष 2022-23 में रेलवे की ओर से ट्रेन यात्रियों पर सब्सिडी के रूप में 567,993 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। मंत्रालय की ओर से उदाहरण देते हुए कहा गया है कि यदि रेलवे की ओर से एक यात्री को 100 रुपये की सुविधा दी जाती है, तो उस यात्री से रेलवे द्वारा 46 फीसदी कम कीमत वसूलता है, यानि रेलवे द्वारा व्यक्ति से 54 रुपये ही लिए जाते हैं।
ऐसे में 100 रुपये की एक टिकट पर 46 रुपये की छूट पहले से ही मिल रही है। वहीं, रेलवे की कोशिश है कि वरीष्ठ नागरिकों को मिलने वाली सुविधाओं में इजाफा किया जाए। इसे देखते हुए रेलवे प्रयास करता है कि वरीष्ठ नागरिकों को नीचे वाली ही सीट मिले।
किन-किन श्रेणियों में मिल रही है छूट
रेल मंत्रालय द्वारा स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान में रेलवे की ओर से दिव्यांगों को चार श्रेणी में, मरीजों को 11 और छात्रों को आठ श्रेणियों में छूट दी जा रही है।
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