उत्तर प्रदेश के किस जिले को कहा जाता है शिराज-ए-हिंद, जानें

उत्तर प्रदेश अलौकिक संस्कृति और अनूठी परंपराओं वाला राज्य है। भारत का यह राज्य समृद्ध इतिहास के साथ भारत के प्रमुख राज्यों में से एक है। इसके साथ ही यह सबसे अधिक जिले वाला राज्य भी है। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला शिराज-ए-हिंद के नाम से भी जाना जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

Dec 12, 2023, 13:18 IST
यूपी का शिराज-ए-हिंद
यूपी का शिराज-ए-हिंद

उत्तर प्रदेश क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। इसके कुल क्षेत्रफल की बात करें, तो वह 240,928 वर्ग किलोमीटर है, जो कि पूरे भारत का 7.33 फीसदी है।

वहीं, जनसंख्या के हिसाब से यह भारत का सबसे बड़ा राज्य है। साल 2011 में यहां की जनसंख्या 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 दर्ज की गई थी। इन सबके अलावा भारत का यह राज्य सबसे अधिक जिले वाला राज्य भी है। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में सुना और पढ़ा होगा।

यहां के हर जिले की अपनी विशेष पहचान है। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला शिराज-ए-हिंद के नाम से जाना जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

 

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सबसे अधिक जिले वाला राज्य है उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। यहां कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडल में आते हैं। इनमें सबसे बड़ा जिला लखीमीपुर खिरी और सबसे छोटा जिला हापुड़ है। वहीं, सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर और सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र है। सबसे पूर्वी जिले की बात करें, तो वह बलिया और सबसे पश्चिमी जिला शामली है। 

 

कौन-सा जिला है शिराज-ए-हिंद

अब सवाल है कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला शिराज-ए-हिंद कहलाता है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश का जौनपुर जिला शिराज-ए-हिंद के नाम से भी जाना जाता है। 

 

क्यों कहा जाता है शिराज-ए-हिंद

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर जौनपुर जिले को ही शिराज-ए-हिंद क्यों कहा जाता है। आपको बता दें कि जौनपुर का एतिहासिक नाम सिराज-ए-हिंद है। दरअसल, जौनपुर की स्थापना दिल्ली सल्तनत के सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने की थी, जिन्होंने अपने भाई मोहम्मद बिन तुगलक की याद में यह शहर बसाया था। इस दौरान उन्होंने हिसार, फिरोजाबाद और फतेहाबाद शहरों को भी बसाया। 

शरकी शासनकाल के दौरान जौनपुर शरकियों की राजधानी बन गया था। इस दौरान यहां कई मदरसे और मस्जिदों का निर्माण करवाया गया। साथ ही तालिम यानि कि शिक्षा पर भी जोर दिया गया। एक दिन हुमायूं और फारस के सम्राट यानि ताहमास की मुलाकात हुई, तो उन्होंने हुमायूं से शहर के लोगों का मूल्यांकन करने के लिए कहा।

इस पर हुमायूं ने यहां मदरसों और मठ का निर्माण कराने की सलाह दी। बाद में यहां बच्चों को शिक्षित करने के लिए कई विद्वानों को बुलाया गया। बाद में जब मुगल शासक शाहजहां द्वारा जौनपुर और ईरान का संबंध पता चला, तो उन्होंने जौनपुर के लिए भारत का शिराज का वर्णन किया। शाहजाहं द्वारा जौनपुर को दार-उल-लम का नाम भी दिया गया था। हालांकि, वर्तमान में यह शिराज-ए-हिंद के नाम से जाना जाता है। 

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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