पेंसिल पोर्टल की क्या विशेषताएं हैं?

Jan 15, 2018, 15:59 IST

पेंसिल एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल या प्लेटफार्म है जिसका उद्देश्य बाल मजदूरी मुक्त समाज को बनाने के लिए बाल श्रम का उन्मूलन करना है. अर्थार्त बाल श्रम को पूरी तरह से समाप्त करने में मदद करेगा यह पोर्टल. इस लेख के माध्यम से पेंसिल पोर्टल क्या है, इसकी क्या विशेषताएं है और यह कैसे काम करेगा, NCLP योजना कब और क्यों शुरू की गई थी, इसके पीछे क्या उद्देश्य था, आदि के बारे में भी अध्ययन करेंगे.

What are the features of PENCIL Portal?
What are the features of PENCIL Portal?

पेंसिल पोर्टल, बाल श्रम को खत्म करने वाला एक प्लेटफार्म है, जो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था. पेंसिल पोर्टल का अर्थ है Effective Enforcement for no Child Labour. यह एक इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल है, जिसका उद्देश्य बाल श्रम मुक्त समाज के लक्ष्य को प्राप्त करने में केंद्र, राज्य सरकारों, जिला स्तरीय प्रशासन, समाज के नागरिक यानी सिविल सोसाइटी और आम लोगों को शामिल करना है.
जैसा कि हम जानते हैं कि भारत में हर 10 बच्चों में से एक बाल श्रम में शामिल होता है और अपने बचपन के दौरान सामान्य जीवन नहीं जी पाता है. अर्थार्त उसका बचपन काम के बोझ में कहीं खो जाता है. इसलिए, पांच वर्षों में सरकार बाल श्रम को खत्म करने की योजना बना रही है. सशक्त विकास योजना (Sustainable Development Goal) के लक्ष्यों में एक है, बाल मज़दूरी को 2025 तक समाप्त करना. इस लेख के माध्यम से पेंसिल पोर्टल क्या है, इसकी क्या विशेषताएं है और यह योजना कैसे काम करेगी, NCLP योजना कब और क्यों शुरू की गई थी, इसके पीछे क्या उद्देश्य था, आदि के बारे में भी अध्ययन करेंगे.
पेंसिल पोर्टल की विशेषताएं
पेंसिल पोर्टल के विभिन्न घटक हैं:
1. चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम
2. शिकायत प्रकोष्ठ
3. राज्य सरकार
4. राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना और परस्पर सहयोग
- जिला नोडल अधिकारी (District Nodal Officers DNOs) को जिले द्वारा नामित किया जाएगा, जो कि बाल श्रम से सम्बंधित शिकायतों को दर्ज करेंगे. शिकायत मिलने के 48 घंटों के भीतर, पहले वे शिकायत की वास्तविकता की जांच करेंगे और फिर पुलिस की सहायता से बचाव उपायों का इस्तेमाल करेंगे. अभी तक, 7 राज्यों / संघ शासित प्रदेशों ने DNOs को नियुक्त किया है.

What are the features of Pencil Portal

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- ऐसे पोर्टल का मुख्य उद्देश्य, NCLP के विधायी प्रावधानों और प्रभावी कार्यान्वयन दोनों को लागू करने और निगरानी करने के लिए एक मजबूत तंत्र को बनाना है. समवर्ती सूची में भी बाल श्रम के विषय का उल्लेख किया गया है. यह महसूस किया गया कि इसको लागू करना बड़े स्तर पर राज्य सरकारों पर निर्भर करता है.
- एक ऑनलाइन पोर्टल, जो कि केंद्र सरकार को राज्य सरकार, जिला और सभी परियोजना समितियों को जोड़ेगा, कार्यान्वयन के लिए एक तंत्र प्रदान करेगा.
बाल श्रम प्रवर्तन के लिए मानक प्रचालन पक्रियाएं (Standing Operating Procedures,SOPs) क्या है?
- बाल श्रम संबधी प्रवर्तन एजेंसियों के कार्यान्वयन के लिए मानक प्रचालन पक्रियाएं (SOP) जारी की गई हैं. यह बाल श्रम को पूर्ण रूप से रोकने के संदर्भ में प्रशिक्षकों, चिकित्सकों, निगरानी एजेंसियों और साथ ही खतरनाक या जोखिमभरी मज़दूरी से किशोरावस्था वाले बच्चों को सुरक्षा दी जाएगी, जिससे भारत को बाल श्रम मुक्त बनाया जा सकेगा.
- समुचित मार्गदर्शन के साथ यह पक्रियाएं जमीनी स्तर पर प्रभावी तरीके से योजनाओं को कार्यान्वित करने में भी मदद करेंगी.
- पहली बार इस तरह के कानूनी ढांचे का निर्माण हुआ है जो बच्चों को  निवारण, बचाव और पुनर्वास प्रदान करेगा और जिला स्तर पर भी संस्थागत स्थापना जिला टास्क फोर्स के रूप में कार्य करेगा.
राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना (NCLP) के बारे में
1988 में बाल श्रम के पुनर्वास के लिए एक योजना शुरू की गई थी जिसका नाम है राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना (NCLP). इस योजना के तहत 9 से 14 साल के आयु वर्ग के बच्चों को काम करने से रोक दिया गया, जो बच्चे काम कर रहे थे उनको हटा दिया गया और शिक्षा की औपचारिक व्यवस्था से उनको तैयार करने के लिए NCLP स्पेशल ट्रेनिंग सेंटरों में शामिल किया गया. शिक्षा से बच्चों का भविष्य बदल सकता है. इस योजना के तहत  शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, मिड-डे मील, वृत्ति, स्वास्थ्य देखभाल आदि प्रदान किए. किशोरावस्था खतरनाक व्यवसायों से वापस ले ली गई हैं.
इस बात को अनदेखा नहीं किया जा सकता है कि बाल श्रमिकों की आय से लोगों के जीवन में प्रभाव पड़ता है, लेकिन लंबे समय के लिए नहीं क्योंकि इससे बच्चे अपनी क्षमता तक पहुंचने में सक्षम नहीं हो पाते है. इसके अलावा, हमारे राष्ट्र का भविष्य बच्चों से जुड़ा हुआ है. हमें एक साथ बाल मजदूरी को रोकने के लिए एक जुट होना चाहिए. बच्चों को अपने बचपन के दिनों का आनंद लेने दें और शिक्षा प्रदान करके उनके भविष्य को सुनहरा बनाएं.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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