क्या होता है Uniform Civil Code और क्यों है जरूरी, आसान भाषा में समझें

हाल ही में Uniform Civil Code(समान नागरिक सहिंता) एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है। विधि आयोग ने इसे लेकर कंसल्टेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके तहत सार्वजनिक और धार्मिक संगठनों से राय मांगी जा रही है। हालांकि, यहां सवाल यह है कि आखिर समान नागरिक संहिता क्या है। यदि आपको इस बारे में जानकारी नहीं है, तो जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

Jun 15, 2023, 12:23 IST
यूनिफॉर्म सिविल कोड
यूनिफॉर्म सिविल कोड

Uniform Civil Code एक बार फिर से चर्चाओं में आ गया है। विधि आयोग ने इस पर परामर्श प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। इसके तहत धार्मिक और सामाजिक संगठनों से उनकी राय मांगी गई है, जो कि 30 दिनों के भीतर के देनी होगी।

कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाले आयोग ने बयान जारी कर कहा कि जो लोग अपनी राय में देने में रूचि रखते हैं और इच्छुक हैं, वे अपनी राय 30 दिनों के अंदर दे सकते हैं।

हालांकि, यहां सवाल यह है कि आखिर समान नागरिक संहिता क्या है और यह क्यों जरूरी है। इन्हीं सब सवालों का जवाब आसान भाषा में जानने के लिए यह पूरा लेख पढें।   

 

क्या होता है Uniform Civil Code

यूनिफॉर्म सिविल कोड एक देश एक नियम के तहत काम करता है। इसके तहत सभी धर्म के नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेना, विरासत और उत्तराधिकार जैसे कानूनों को एक कॉमन कानून के तहत नियंत्रित करने की बात कही गई है, फिर चाहे वह व्यक्ति किसी भी धर्म का क्यों न हो।

मौजूदा समय में अलग-अलग धर्मों में इन्हें लेकर अलग-अलग राय और कानून हैं। 

 

भारतीय संविधान में लिखित है कोड

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 के भाग चार में समान नागिरक संहिता का उल्लेख किया गया है। अनुच्छेद 44 के मुताबिक, राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा।

अनुच्छेद 44 का उद्देश्य कमजोर समूहों के खिलाफ भेदभाव दूर कर विभिन्न सांस्कृतिक समूहों के बीच सामांजस्य स्थापित करना था। उस समय भारत के पहले कानून मंत्री डॉ. बीआर अंबेडकर ने कहा था कि समान नागिरक संहिता वांछनीय है, लेकिन फिलहाल यह स्वैच्छिक होनी चाहिए।   

 

कैसे आया था Uniform Civil Code

यूनिफॉर्म सिविल कोड सबसे पहले ब्रिटिश सरकार के समय आया था, जब ब्रिटिश सरकार ने सुबूत, अपराध और अनुबंधों से संबंधित एक रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में भारत की संहिताकरण की एकरूपता को लेकर जोर दिया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि हिंदू और मुस्लिम के व्यक्तिगत कानून संहिताकरण से बाहर रहे।

साल 1941 में हिंदू कानूनों को सहिंताबद्ध करने के लिए बीएन राव समिति का गठन भी किया गया था।

 

क्यों जरूरी है Uniform Civil Code

अब सवाल आता है कि भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड क्यों जरूरी है, तो जैसे की आपको पता है कि भारत विविधताओं का देश का कहा जाता है। यहां अलग-अलग जाति और धर्मों में शादी और तलाक को लेकर अलग-अलग नियम हैं। वहीं, लोग शादी और तलाक को लेकर पर्सलनल लॉ बोर्ड ही जाते हैं।

ऐसे में इन नियमों की वजह से कानून प्रणाली भी प्रभावित होती है। यूनिफॉर्म सिविल कोड बनने के बाद इस तरह के सभी चीजें एक ही कानून के दायरे में आ जाएंगी। इस कोड के बन जाने से हिंदू कोड बिल और शरीयत कानून को सरल बनाने में मदद मिलेगी। 

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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