Operation Gibraltar: जानें पाकिस्तान का भारत के खिलाफ “ऑपरेशन जिब्राल्टर” क्या था?

पकिस्तान हमेशा से ही कश्मीर को हथियाने के अलग-अलग प्रयास करता आया है. इसी में एक प्रयास ऑपरेशन गिब्राल्टर भी है.     पाकिस्तान ने कश्मीर को कब्जाने के लिए गुपचुप  तरीके से “ऑपरेशन जिब्राल्टर” चलाया था. आइये इस लेख के माध्यम से  “ऑपरेशन जिब्राल्टर” के बारे में जानें .

Jan 25, 2023, 18:05 IST
Operation Gibraltar
Operation Gibraltar

भारत और पाकिस्तान दो ऐसे पड़ोसी मुल्क है जिनमे कभी भी संबध मधुर नहीं रहें हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक 4 बड़े युद्ध लड़े गए हैं और गर्व की बात यह है कि इन चारों युद्धों में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था. भारत और पाकिस्तान के बीच पहला युद्ध 1947-1948 में कश्मीर में कब्जे को लेकर हुआ था, इसके बाद 1965 की लड़ाई, फिर 1971 का बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और सबसे बाद में 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था.

इस लेख में हम पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ चलाये गए 'ऑपरेशन जिब्राल्टर' के बारे में पढेंगे.

दरअसल भारत के मुसलमानों में ऐसी मान्यता है कि कश्मीर में हजरत दरगाह में पैगंबर मुहम्मद का “बाल” रखा हुआ है, इसी बाल के गायब होने की खबर से कश्मीरियों में रोष था और इसी रोष का फायदा उठाने के लिए पाक ने उनको भारत के खिलाफ भड़काने के लिए अपने करीब 5000 सैनिकों को कश्मीर के लोगों के साथ सादा भेष में रहने के लिए भेज दिया था. ये सैनिक आम नागरिक बनकर कश्मीरियों के साथ रहने लगे थे और उनको भारत के खिलाफ जिहाद छेड़ने के लिए भड़का रहे थे. इस ऑपरेशन को पाक सेना का मेजर जनरल अख्तर हुसैन रिजवी कमांड कर रहा था.
दरअसल पाकिस्तान ऑपरेशन जिब्राल्टर के माध्यम से कश्मीर में अशांति फैलाकर उस पर कब्ज़ा करना चाहता था.

कार की नंबर प्लेट पर अशोक चिन्ह का उपयोग कौन कर सकता है?

पाकिस्तान ने ऑपरेशन जिब्राल्टर नाम ही क्यों रखा था?

जिब्राल्टर, स्पेन के पास एक छोटा सा टापू है. जब यूरोप जीतने के उद्देश्य से अरबी सेना पश्चिम की  ओर चली तो जिब्राल्टर ही उनका पड़ाव बना था जिससे निकलकर उन्होंने पूरे स्पेन पर जीत दर्ज की थी. मिल्ट्री ऑपरेशन का नाम ज्रिबाल्टर रखना बताता है कि पाकिस्तान को लगता था कि अगर एक बार जिब्राल्टर (कश्मीर) पर उसने जीत दर्ज कर ली तो पूरे स्पेन रूपी भारत पर भी अधिकार कर लेगा.

strait gibraltar

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने ऑपरेशन जिब्राल्टर की प्लानिंग 1950 के आस पास से ही शुरू कर दी थी लेकिन वह इसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए सही मौके का इंतजार कर रहा था. इस ऑपरेशन को उस समय पाकिस्तान के विदेश मंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो का समर्थन प्राप्त था. इस ऑपरेशन के लिए पाकिस्तान ने लगभग 40 हजार सैनिकों को विशेष रूप से ट्रेनिंग दी थी और जिनका मकसद "घुसपैठ से हमला" करना था.

सेवानिवृत्त पाकिस्तानी जनरल अख्तर हुसैन मलिक के शब्दों में, हम इस ऑपरेशन के माध्यम से "कश्मीर समस्या को हमेशा के लिए खत्म करना चाहते थे, हालाँकि हम भारत से युद्ध नहीं चाहते थे. इस काम को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान ने पहले जमीनी कार्य, ख़ुफ़िया जानकारी जुटाने के लिए और घुसपैठ करने के लिए सीमा की पहचान करने के लिए पहले "ऑपरेशन नुसरत" भी चलाया था.
अगस्त 1965 के पहले सप्ताह में, (कुछ सूत्रों ने इसे 24 जुलाई माना); 30 हजार से 40 हजार के बीच की संख्या में पाकिस्तानी सैनिक (जो आजाद कश्मीर रेजिमेंटल फोर्स -अब आजाद कश्मीर रेजिमेंट), ने भारतीय सीमा में घुसना शुरू कर दिया था इनका लक्ष्य कश्मीर के चार ऊंचाई वाले इलाकों पीरपंजाल, गुलमर्ग, उरी और बारामूला पर कब्ज़ा करना था ताकि यदि भारी लड़ाई छिड़े तो पाकिस्तान की सेना ऊपर बैठकर भारत की सेना के दांत खट्टे कर सके. इन सैनिकों को पाकिस्तान ने "जिब्राल्टर फोर्स" सीक्रेट नाम दिया था.

ऑपरेशन जिब्राल्टर बुरी तरह से विफल साबित हुआ क्योंकि आम कश्मीरियों ने खुद भारतीय सेना को सीमा पार से आए पंजाबी बोलने वाले सैनिकों की जानकारी दी थी. स्पेशल फोर्स पैरा कमांडो को पाकिस्तानी घुसपैठियों को तलाश कर मारने या पकड़ने का जिम्मा मिला था. पैरा कमांडो को एयर लिफ्ट कराने की जिम्मेदारी एयर फोर्स को दी गयी थी. भारत के जाबांज सैनिकों ने बहुत बड़ी संख्या में घुसपैठियों को पकड़ लिया लेकिन पाकिस्तान ने भारी तोपों से गोला बारी शुरू कर दी थी. इस प्रकार यह ऑपरेशन जिब्राल्टर ही 1965 के भारत-पाक युद्ध की वजह बना था.

india pak war 1965
(लाहौर में खड़े भारत के जाबांज सैनिक)
1965 का भारत-पाक युद्ध  द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से टैंकों के माध्यम से लड़ा गया सबसे बड़ा युद्ध था. इस युद्ध में भारत के सैनिकों ने पाकिस्तान को इतनी बुरी तरह खदेड़ा था कि पाकिस्तान के सैनिक 20 टैंकों को चलती हालत में छोड़कर भाग गए थे और भारत की सेना लाहौर के ठीक बाहर तक पहुँच गयी थी. लेकिन इस युद्ध की समाप्ति के लिए पूर्व प्रधानमन्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच ताशकंद समझौता हुआ था जिसमें भारत ने पाकिस्तान को उसके जीते हुए इलाके वापस लौटा दिए थे.

उम्मीद है कि ऑपरेशन जिब्राल्टर के बारे में दी गयी यह जानकारी आपको रोचक लगी होगी.

भारत में देशद्रोह के अंतर्गत कौन कौन से काम आते हैं?

जानें भारत ‌- पाकिस्तान के बीच कितने युद्ध हुए और उनके क्या कारण थे?

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News