उत्तर प्रदेश भारत का वह गहना है, जिसके बिना भारत के श्रृंगार की कल्पना नहीं की जा सकती है। भारत का यह राज्य न सिर्फ धार्मिक और सामाजिक रूप से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि आर्थिक और ऐतिहासिक रूप से भी इसका अपना महत्त्व है। राज्य के प्रत्येक जिले की अपनी विशेषताएं हैं, जिस वजह से इन जिलों को उपनाम भी मिले हुए हैं।
हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी में कौन-सा जिला ‘बिजली का शहर’ भी कहा जाता है। यदि आप नहीं जानते हैं, तो इस लेख में यूपी से जुड़े इस फैक्ट के बारे में जानेंगे।
देश में सबसे अधिक जिले वाला राज्य
यूपी में देश में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। यहां कुल 75 जिले हैं, जिनमें 351 तहसील हैं। ये सभी 18 मंडलों का हिस्सा हैं, जो कि चार संभागों में आते हैं। इन चार संभागों की बात करें, तो यह पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल और बुंदेलखंड है। प्रदेश में 17 नगर निगम, 28 विकास प्राधिकरण और 5 विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण हैं।
कब हुआ था यूपी राज्य का गठन
यूपी राज्य का गठन 24 जनवरी, 1950 को किया गया था। इससे पहले यह संयुक्त प्रांत नाम से जाना जाता था, जो कि अंग्रेजों द्वारा दिया गया नाम था। इतिहास पर गौर करें, तो यहां उत्तर-पश्चिम प्रांत और अवध सूबा अलग-अलग प्रांत हुआ करता था, लेकिन अंग्रेजों ने इन दोनों प्रांतों को आपस में जोड़ा और इसे संयुक्त प्रांत नाम दिया।
किस जिले को कहा जाता है बिजली का शहर
अब सवाल है कि यूपी में किस जिले को बिजली का शहर भी कहा जाता है। आपको बता दें कि यूपी में सोनभद्र जिले को बिजली का शहर भी कहा जाता है।
क्यों कहा जाता है बिजली का शहर
सोनभद्र जिले में कई बड़े थर्मल पावर प्लांट और विद्युत ऊर्जा संयंत्र हैं, जिनमें बड़ी मात्रा में बिजली का उत्पादन होता है। इन संयंत्रों में अनपरा परियोजना और ओबरा परियोजना सबसे प्रमुख हैं। यदि कुल उत्पादन की बात करें, तो अकेला यह जिला पूरे प्रदेश का करीब 50 फीसदी बिजली का उत्पादन करता है। यही वजह है कि इसे बिजली का शहर या ऊर्जा की राजधानी भी कहा जाता है।
खनिजों से संपन्न है जिला
यूपी का सोनभद्र जिला खनिजों से सपंन्न जिला है। यहां चूना, बॉक्साइट, कोयला और सोना पाया जाता है, जिस वजह से यह जिला यूपी में अपनी अलग पहचान रखता है।
पढ़ेंःउत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा बस अड्डा कौन-सा है, जानें यहां
Comments
All Comments (0)
Join the conversation