हरियाणा भारत के उत्तर-पश्चिम में स्थित प्रमुख राज्यों में शामिल है। यह राज्य न सिर्फ अपनी संस्कृति और विविधता के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां के खिलाड़ियों ने भी राज्य को विशेष पहचान दिलाई है। यही वजह है कि इस राज्य को खिलाड़ियों की राज्य भी कहा जाता है।
इसके अतिरिक्त, कृषि के क्षेत्र में संपन्न यह राज्य भारतीय कृषि में महत्त्वपूर्ण योगदान देने के लिए जाना जाता है। राज्य का जिक्र हमें महाभारत जैसे महाकाव्य से लेकर 1857 की क्रांति में भी देखने को मिलता है।
यहां के प्रत्येक जिले की अपनी विशेषता है। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि हरियाणा के किस जिले को बुनकरों की नगरी के रूप में भी जाना जाता है। यदि आप नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
हरियाणा राज्य का गठन
हरियाणा राज्य का गठन 1 नवंबर, 1966 को भारत के 17वें राज्य के रूप में पंजाब से अलग कर बनाया गया था। यह राज्य कुल 44,212 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि पूरे भारत के करीब डेढ़ फीसदी हिस्से पर है।
हरियाणा में कुल जिले और मंडल
हरियाणा में कुल जिलों की बात करें, तो इनकी संख्या 22 है, जो कि 6 मंडलों में आते हैं। इन मंडलों में हमें कुल 93 उपमंडल देखने को मिलते हैं, जिनमें कुल 97 तहसील आती हैं। यहां कुल 10 नगर निगम, 46 नगर पालिका, 21 नगर परिषद्, 6 हजार से अधिक ग्राम पंचायत और 100 से अधिक पंचायत समिति हैं। राज्य का जनसंख्या घनत्व 573 प्रति वर्ग किलोमीटर है।
हरियाणा का सबसे बड़ा और सबसे छोटा जिला
हरियाणा के सबसे बड़े जिले की बात करें, तो यह सिरसा है, जो कि कुल 4276 वर्ग किलोमीटर में है। वहीं, सबसे छोटा जिला फरीदाबाद है, जो कि 742.9 वर्ग किलोमीटर है।
हरियाणा के चार दिशाओं के चार जिले
हरियाणा का सबसे पूर्वी जिला यमुनानगर है। वहीं, सबसे उत्तरी जिला पंचकूला है, तो सबसे दक्षिणी जिला नूंह है, तो सबसे पश्चिमी जिला सिरसा है।
हरियाणा की साक्षरता दर
साल 2011 में हरियाणा की कुल साक्षरता दर 75.5 फीसदी दर्ज गई थी। इसमें पुरुषों की साक्षरता दर 84.06 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 65.94 फीसदी दर्ज की गई थी।
किस जिले को कहा जाता है बुनकरों का शहर
अब सवाल है कि किस जिले को बुनकरों का शहर कहा जाता है, तो आपको बता दें कि पानीपत जिले को हम बुनकरों के शहर के रूप में भी जानते हैं। इस जिले में कपड़ा और कालीन का उत्पादन किया जाता है। वहीं, यहां भारत में सबसे सस्ते धागे का केंद्र है। यहां बुनकरों द्वारा तैयार किए जाने वाले कंबलों को सैनिकों को भेजा जाता है।
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