उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। यहां 75 जिले और 18 मंडल हैं। इसके साथ ही अलग-अलग जिलों में भाषाओं में भी अंतर पाया जाता है। भारत का यह राज्य अपनी विविध संस्कृति, अनूठी परंपराएं, खानपान और धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है।
यही वजह है कि हर साल यहां बड़ी संख्या में देसी-विदेशी सैलानी पर्यटन के लिए पहुंचते हैं। सबसे अधिक जिले वाला राज्य होने के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने यहां पर हर एक जिले को एक अलग पहचान दी है।
पढ़ेंः काले चावल के लिए उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला है मशहूर, जानें
सरकार ने एक जनपद एक उत्पाद योजना, 2018 के तहत यहां हर एक जिले में स्थानीय उत्पाद की पहचान कर उसे प्रमाणित किया है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ-साथ संबंधित वस्तुओं को वैश्विक पटेल पर पहचान बनाने में मदद मिल सके।
इस कड़ी में उत्तर प्रदेश का एक जिला ऐसा भी है, जो कि अपने यहां के वाद्य यंत्रों के लिए जाना जाता है। खास बात यह है कि यह जिला ढोलक के लिए मशहूर है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम उत्तर प्रदेश के इस जिले के बारे में जानेंगे।
कौन-सा जिला है ढोलक वाला शहर
उत्तर प्रदेश में यूं तो कई जिले मशहूर हैं, हालांकि इनमें से एक जिला ढोलक के लिए भी जाना जाता है। आपको बता दें कि राज्य का अमरोहा जिला अपने यहां के वाद्य यंत्रों के लिए मशहूर है। खासतौर पर यहां पर ढोलक बनाई जाती है।
क्यों है ढोलक के लिए मशहूर
अब सवाल है कि उत्तर प्रदेश का यह जिला ढोलक के लिए क्यों मशहूर है। दरअसल, उत्तर प्रदेश की एक जनपद-एक उत्पाद आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, अमरोहा जिले में 300 से अधिक छोटी इकाइयां हैं, जो ढोलक निर्माण से जुड़ी हुई हैं।
इनमें 1000 से अधिक कारीगरों को रोजगार मिलता है। ऐसे में यहां पर ढोलक का निर्माण किया जाता है, जिसके बाद देश के अलग-अलग जिलों में ढोलक की आपूर्ति की जाती है।
इसके साथ ही अमरोहा जिला अपने यहां के रेडीमेड गारमेंट के लिए भी जाना जाता है। यहां बच्चों से लेकर बड़ों के लिए कपड़ों को तैयार किया जाता है, जिसके लिए कच्चे माल के रूप में दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों से कपड़े को मंगाया जाता है और रेडीमेड गारमेंट के रूप में तैयार किया जाता है।
जिले का एक परिचय
अमरोहा जिला मुरादाबाद के पास स्थित एक छोटा कस्बा है। इस जिले के नाम की बात करें, तो यह आम और रूहा से बना है, जो कि यहां पर पाए जाने वाली मछली की एक प्रजाति है। इस जिले में मुख्य रूप से वाद्ययंत्रों का ही काम होता है।
यहां प्रमुख रूप से आम और शीशम की लकड़ी से ढोलक को तैयार किया जाता है। इस जिले में तीन तहसील, छह विकासखंड, 1133 गांव और 1640 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां है।
पढ़ेंः उत्तर प्रदेश के प्रमुख अभयारण्य, देखें लिस्ट
पढ़ेंः उत्तर प्रदेश के किस जिले को कहा जाता है ‘घंटी और घुंघरू का शहर', जानें
Comments
All Comments (0)
Join the conversation