भारत में वर्तमान में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। हालांकि, आजादी से पहले यह तस्वीर अलग थी। साल 1947 में देश जब आजाद हुआ, तो भारत में 565 रियासतें हुआ करती थी। इसके बाद ये रियासतें खत्म हुई और 14 राज्यों का गठन हुआ।
इन 14 राज्यों के बाद देश में 29 राज्य बने और अंत में अब 28 राज्य हो गए हैं। यहां हर राज्य की अपनी विशेषता है, जिससे राज्यों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली हुई है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि भारत का ऐसा कौन-सा राज्य है, जिसे भारत में चीनी का कटोरा भी कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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किस राज्य को कहा जाता है चीनी का कटोरा
भारत में आपने अलग-अलग राज्यों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। इस कड़ी में एक राज्य ऐसा भी है, जो कि चीनी के कटोरे के रूप में जाना जाता है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य को चीनी के कटोरे के रूप में भी जाना जाता है।
क्यों कहा जाता है चीनी का कटोरा
अब सवाल यह है कि आखिर उत्तर प्रदेश राज्य को ही चीनी के कटोरे के रूप में क्यों जाना जाता है। दरअसल, उत्तर प्रदेश गन्नों की खेती के लिए भी प्रमुख है। यह गन्नों का प्रमुख उत्पादक राज्य है। साल 2014 तक भारत में गन्ने की खेती में इसकी करीब 39 फीसदी तक हिस्सेदारी थी।
कहां-कहां होती है गन्नों की खेती
उत्तर प्रदेश में यदि गन्नों की खेती वाले प्रमुख शहरों की बात करें, तो सहारनपुर, बुलंदशहर, मेरठ और बरेली में प्रमुख रूप से गन्नों की खेती की जाती है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यहां पर प्रमुख रूप से गन्नों का उत्पादन होता है, लेकिन सबसे अधिक चीनी मिलें महाराष्ट्र में स्थित हैं। वहीं, भारत में तमिलनाडू भी उत्पादकता के मामले में टॉप पर आता है।
गन्ने के संबंध में जानकारी
गन्ना एक उष्णकटिबंधीय फसल है, जिसे पोषण के लिए 110 से 150 सेंटीमीटर तक बारिश की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही गन्ने को 27 से 33 डिग्री सेल्सियस तक तापमान चाहिए होता है, जिससे यह आसानी से पोषित हो सकता है। आपको बता दें कि यदि विश्व में चीनी के कटोरे वाले देश की बात करें, तो क्यूबा देश को चीनी का कटोरा कहा जाता है।
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