भारत में यदि वर्तमान में कुल शहरों की बात करें, तो इनकी संख्या 7,000 से अधिक हैं। देश के 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित इन शहरों की अपनी विशेषता है।
अब यदि बात करें शहरों को विशेष बनाने की, तो यहां की अनूठी परंपराएं, सरस-संस्कृति, धार्मिक नदियां और उन नदियों में बसी लोगों की आस्था, प्राचीन सभ्यता और वर्षों का ज्ञान, हर शहर का अपना ज्ञान है, तो विशेष खान-पान भी है।
इसके अलावा यहां की भाषाएं और वेशभूषा समेत स्थानीय स्तर पर होने वाले उत्पाद शहरों की विशेषता बढ़ाने का काम करते हैं। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि भारत का एक शहर ऐसा भी है, जिसे महलों का शहर के नाम से जाना जाता है। कौन-सा है यह शहर और क्या है रॉयल सिटी के पीछे की कहानी, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
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शहरों को दिया जाता है उपनाम
भारत में अलग-अलग शहरों को उनकी विशेषताओं की वजह से उपनाम दिया जाता है। इससे शहरों को एक अलग पहचान मिलती है और शहरों की तरफ लोग आकर्षति होते हैं। शहरों को उपनाम देने में वहां की स्थानीय विशेषता का अहम योगदान होता है। ऐसे में शहरों को उनके मूल नाम के अलावा उपनाम भी दिया जाता है।
किस शहर को कहा जाता है महलों का शहर
अब सवाल यह है कि आखिर किस शहर को महलों का शहर के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के कोलकाता शहर को महलों का शहर के नाम से भी जाना जाता है।
क्यों कहा जाता है महलों का शहर
अब सवाल यह है कि आखिर कोलकाता को ही महलों का शहर के नाम से क्यों जाना जाता है। आपको बता दें कि जब भारत में ब्रिटिश शासनकाल था, तब यहां पर ब्रिटिश की ओर से बड़ी संख्या में इमारतों का निर्माण किया गया था। यहां पर कई हवेलियां और महल भी बनवाए गए, जिनमें ब्रिटिश अधिकारी रहा करते थे। इन महलों के यदि आर्किटेक्टर पर गौर करें, तो उनमें वेस्टर्न कल्चर की झलक दिखाई देती है। यही वजह है कि यहां पर कई एतिहासिक महल होने के कारण इसे महलों का शहर भी कहा जाता है।
शहर का परिचय
कोलकाता शहर हुगली नदी के तट पर स्थित पर एक शहर है, जो कि पश्चिम बंगाल की राजधानी भी है। साल 1911 से पहले तक कोलकाता ही भारत की राजधानी हुआ करता था। यह औपनिवेशिक वास्तुकला, पारंपरिक भोजन, मंदिर, संगीत और अनूठी संस्कृति व परंपराओं से भरा शहर है।
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