हाल ही में दाना चक्रवाती तूफान चर्चाओं में है। अंडमान सागर के ऊपर निम्न दाब का क्षेत्र बन गया है, जिसके अगले 48 घंटों में तीव्र होने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, यह निम्न दाब का क्षेत्र चक्रवात तूफान का रूप ले सकता है, जिसके 24 अक्टूबर को ओडिसा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकराने की संभावना है।
दाना चक्रवात को एक देश द्वारा नाम दिया गया है, जिसके बाद इस चक्रवात को पहचान मिल गई है। हालांकि, यहां सवाल है कि आखिर इन चक्रवाती तूफानों को क्यों नाम दिया जाता है। इस लेख में हम जानेंगे।
किसने दिया है दाना चक्रवात का नाम
24 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल और ओडिसा के तटों से टकराने वाले दाना तूफान का नामकरण हो गया है। यह नाम सऊदी अरब द्वारा दिया गया है। इसके अर्थ की बात करें, दाना एक अरबी शब्द है, जिसका हिंदी में उदारता अर्थ होता है।
कैसे दिया जाता है चक्रवातों को नाम
जब भी किसी क्षेत्र में चक्रवात आता है, तो उसका नाम अन्य देशों द्वारा तय किया जाता है। इसके लिए विश्व मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा चक्रवातों का नाम और इसकी सूची को रखा जाता है। अलग-अलग देशों द्वारा चक्रवातों के नाम की लिस्ट भेजी जाती है।
इस दौरान यह ध्यान रखा जाता है कि चक्रवात किसी जाति विशेष, धर्म या किसी समुदाय से जुड़ा नहीं होना चाहिए। साथ ही, चक्रवात का नाम ऐसा न हो, जिससे किसी व्यक्ति विशेष की भावना आहत हो। अंत में विश्व मौसम विज्ञान संस्थान की समिति द्वारा चक्रवात के नाम पर मुहर लगती है।
क्यों दिया जाता है चक्रवातों का नाम
अब सवाल है कि आखिर चक्रवातों का नाम क्यों दिया जाता है, तो आपको बता दें कि जब भी किसी क्षेत्र में चक्रवात आता है, तो मौसम बिगड़ने के साथ तेज रफ्तार से हवाएं चलती हैं और इससे स्थानीय स्तर पर बड़ा नुकसान तक हो जाता है।
इससे बचने के लिए मौसम और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा चेतावनी जारी की जाती है, जिससे जान-माल की रक्षा की जा सके। वहीं, यदि इस दौरान उसी क्षेत्र में कोई दूसरा चक्रवात बन जाता है, तो सरकार और स्थानीय लोगों द्वारा यह पहचान करने में आसानी होती है कि किस तूफान से बचने के लिए क्या हिदायत दी गई है। साथ ही, कौन-सा चक्रवात कब और कहां आएगा। इस वजह से किसी भी चक्रवात को नाम देना महत्त्वपूर्ण हो जाता है।
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