जैसा की आप जानते हैं हमारी पृथ्वी गोलाकार है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी पर स्थान, समय और तिथि किस प्रकार निर्धारित किए जाते है। इसी सन्दर्भ में, काल्पनिक रेखाओ का निर्माण किया गया है जैसे देशान्तर, अक्षांश, भूमध्य रेखा तथा मध्याह्न रेखा ताकि हमे नेविगेशन तथा भौगोलिक जानकारी में मदद मिल सके।
इस लेख में, हम जानेंगे कि क्यों अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा एक सीधी रेखा नहीं है, लेकिन इससे पहले हमें कुछ मूल बातें समझनी होंगी- पृथ्वी पर किसी स्थान को कैसे अनुमानित करते है
उत्तर ध्रुव और दक्षिण ध्रुव पृथ्वी पर दो संदर्भ बिंदु हैं और इन दो बिंदुओं के मध्य में एक रेखा खींची गई है जिसको हम भूमध्य रेखा कहते हैं।
इसके अलावा, भूगर्भ विज्ञानियों ने रेखाओं का एक नेटवर्क तैयार किया है, अर्थात्, स्थानों की पहचान करने के लिए अक्षांश की रेखाएं और देशान्तर की रेखाएँ एक दूसरे को सही कोण पर प्रतिच्छेद (intersect) करती हैं और एक नेटवर्क बनाती हैं जो कि ग्रिड या ग्रेटीक्यूल के रूप में जाना जाता है ये ग्रेटीक्यूल हमें पृथ्वी की सतह पर सटीक स्थान ढूंढने में सहायता करते हैं।
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अब देखते हैं,
एक जगह का समय और तारीख किस प्रकार निर्धारित करते हैं?
पृथ्वी को अपने अक्ष पर 360 डिग्री (देशान्तर) घूमने में 24 घंटे लगते हैं।
जैसे कि हम जानते हैं कि सूर्य पूर्व से निकलता है और पश्चिम में डूबता है। यह पूर्वी और पश्चिमी 180 डिग्री रेखा के देशान्तर के बीच 24 घंटे या एक दिन का अंतर होता है।
उदहारण के तौर पर, यदि कोई यात्री अपनी यात्रा दिनांक 1 जनवरी को पूर्व से पश्चिम की ओर करता हुआ अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पार करता है तो उसकी यात्रा में एक दिन की बढ़ोतरी तो होगी परन्तु तिथि में वो एक दिन पीछे हो जायेगा अर्थात 31 दिसम्बर
अगर वो पश्चिम से पूर्व की ओर यात्रा करता है तो उसकी यात्रा में एक दिन की बढ़ोतरी हो जाएगी।
लेकिन अगर यह यात्रा एक ही भूमि द्रव्यमान पर होती है, तो उसी जगह पर उसी दिन एक अलग तिथि होगी।
इसलिए, दुनिया भर में एकरूपता बनाए रखने के लिए विश्व की समय-सारणी और तारीख को एकजुट करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा तैयार की गई थी।
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अब समझते हैं
क्यों अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा एक सीधी रेखा नहीं है?
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा प्रशान्त महासागर के बीचों-बीच 180 डिग्री देशान्तर पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है। अगर इस रेखा को नक्से पर देखे तो यह रेखा हमे टेढ़ी-मेढ़ी दिखेगी।
अगर यह रेखा एक सीधी रेखा होती तो एक ही स्थान को दो भागो में बाट देती और एक ही दिन में एक ही स्थान पर दो तिथियां हो जाती।
यदि किसी देश के एक भाग में सप्ताह की एक तारीख और दूसरे भाग में अलग तारीख होगी तो यह बहुत असुविधाजनक होगा। इसलिए अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा 180 डिग्री देशान्तर पर टेढ़ी-मेढ़ी होते हुए विश्व को दो भागो में बांटती है।
उपरोक्त लेख में हमने अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा एक सीधी रेखा क्यों नहीं है और क्या कारण है जैसे तथ्यों पर विवरण दे रहे हैं जिसका प्रयोग विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में अध्ययन सामग्री के रूप में किया जा सकता है।
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