राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्था (नीति आयोग)

Dec 22, 2015, 11:47 IST

भारत सरकार को समाजिक और आर्थिक मुद्दों पर सलाह देने के लिए योजना आयोग का स्थान लेने वाला थिंक टैंक या मंच है नीति आयोग या राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्था। भारत के प्रधानमंत्री बतौर अध्यक्ष आयोग के प्रमुख हैं।1 जनवरी 2015 को योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग का गठन किया गया था। यह भारत सरकार को सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों पर परामर्श देगा।

राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्था (नीति) आयोग

1 जनवरी 2015 को योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग का गठन किया गया था। यह भारत सरकार को सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों पर परामर्श निकाय या एक "थिंक टैंक" के तौर पर अपनी सेवाएं देगा।

नीति आयोग की संरचनाः

नीति आयोग में निम्नलिखित शामिल हैं–

1. भारत का प्रधानमंत्री, पदेन अध्यक्ष।

2. शासी परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर शामिल हैं।

3. क्षेत्रीय परिषद का संचालन विशेष मुद्दों के समाधान के लिए किया जाएगा और एक से अधिक राज्य या क्षेत्र को प्रभावित करने वाली आकस्मिकताओं पर प्रधानमंत्री गौर करेंगे। इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर शामिल होंगे।

4. प्रासंगिक विषयों में ज्ञान रखने वाले विद्वानों, विशेषज्ञों और काम करने वाले लोगों को प्रधानमंत्री विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर नामित करेंगे।

5. अध्यक्ष के तौर पर प्रधानमंत्री के अलावा पूर्ण– कालिक संगठनात्मक ढांचे में शामिल होगें–

क. प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त उपाध्यक्ष।

ख. पूर्णकालिक सदस्य।

ग. पदेन क्षमता में अग्रणी विश्वविद्यालयों अनुसंधान संगठनों और अन्य प्रासंगिक संस्थानों से अधिकतम दो अंश–कालिक (पार्ट–टाइम) सदस्य।

घ. पदेन सदस्यों के रूप में प्रधानमंत्री द्वारा केंद्रीय मंत्रीपरिषद से अधिकतम 4 सदस्यों को नामित किया जाना है।

ङ. निश्चित अवधि के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा की जाएगी। यह अधिकारी भारत सरकार में सचिव रैंक के अधिकारी में से होंगे।

च. सचिवालय (आवश्यक मानकर)।

नीति आयोग के उद्देश्य

नीति आयोग के मुख्य उद्देश्यों का नीचे वर्णन किया जा रहा है–

1. राष्ट्रीय उद्देश्यों के आलोक में राज्यों की सक्रिए भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं, क्षेत्रों और रणनीतियों का साझा दृष्टिकोण विकसित करना।

2. सतत आधार पर राज्यों के साथ संरचित समर्थन पहलों और प्रणालियों के माध्यम से सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना, मजबूत राज्य ही मजबूत देश का निर्माण कर सकता है, इसे मान्यता प्रदान करना।

3. ग्राम स्तर पर विश्वसनीय योजना तैयार करने के लिए प्रणाली विकसित करना और सरकार के उच्च स्तर पर उत्तरोत्तर इसका पालन करना।

4. यह सुनिश्चित करना की राष्ट्रीय सुरक्षा के हित आर्थिक रणनीति और नीति में निहित है।

5. हमारे समाज के उन वर्गों पर विशेष ध्यान देना जिनको आर्थिक प्रगति से पर्याप्त लाभ नहीं  हुआ है।

6. रणनीतिक एवं दीर्ध कालिक नीति एवं कार्यक्रम और पहलों की रूपरेखाएं तैयार करना और उनकी प्रगति एवं प्रभावकारिता पर नजर रखना।

7. सलाह देना और मुख्य हितधारकों एवं समान विचारधारा वाले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक के साथ– साथ शैक्षणिक एवं नीति अनुसंधान संस्थानों के बीच भागीदारी को बढ़ावा देना।

8. कार्यक्रमों और पहलों के कार्यान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी के उन्नयन और क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना।

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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