द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात जलवायु परिवर्तन को लेकर वैश्विक स्तर पर चर्चाएँ प्रारंभ हुईं. वर्ष 1972 मे स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में जलवायु परिवर्तन को लेकर पहला सम्मेलन आयोजित किया गया. इसमें यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक देश जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए घरेलू नियम बनाएंगे. इस आशय की पु्ष्टि हेतु 1972 में ही संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का गठन किया गया और इसका नैरोबी में बनाया गया.
स्टॉकहोम सम्मेलन के बाद वर्ष 1992 में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में सम्बद्ध राष्ट्रों के प्रतिनिधि एकत्रित हुए तथा जलवायु परिवर्तन संबंधित कार्ययोजना के भविष्य की दिशा पर पुनः चर्चा की. इस सम्मेलन को रियो सम्मेलन के नाम से भी जाना जाता है. रियो डि जेनेरियो में यह तय किया गया कि सदस्य राष्ट्र प्रत्येक वर्ष एक सम्मेलन हेतु एकत्रित होंगे तथा जलवायु संबंधित चिंताओं और कार्ययोजनाओं पर चर्चा करेंगें. इस सम्मेलन को कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कोप) नाम दिया गया.
वर्ष 1995 में पहला कोप सम्मेलन आयोजित किया गया और वर्ष 2012 तक कुल 18 कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कोप-18) आयोजित किये गए. 18वां सम्मेलन (कोप-18) दोहा में 26 नवंबर 2012 से 8 दिसंबर 2012 के बीच आयोजित किया गया था, जबकि 19वां सम्मेलन कोप-19 पोलैंड की राजधानी वारसा में 11 से 22 नवंबर 2013 के बीच आयोजित हुआ.
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