भारतीय छात्र आज दुनिया भर में अपने देश का नाम रोशन करने में जुटे हैं। इसी संदर्भ में एक बार फिर से भारत के युवाओं ने अपने देश का प्रतिनिधित्व किया है। बता दें कि भारत के विभिन्न सरकारी स्कूलों से 34 छात्रों को जापान के सकुरा विज्ञान कार्यक्रम के लिए चुना गया है। जापान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एजेंसी (JST) द्वारा संचालित यह पहल युवा शिक्षार्थियों को जापान के उन्नत वैज्ञानिक नवाचारों को देखने के साथ-साथ उसकी संस्कृति का अनुभव करने का अवसर प्रदान करती है।
भारत के किन राज्यों से चुने गए हैं छात्र?
यह विज्ञान कार्यक्रम 17 अगस्त से 23 अगस्त 2025 तक किया जाएगा, जिसमें भारत समेत मिस्र, घाना, केन्या, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका और जाम्बिया के छात्र भी शामिल होंगे। भारत का प्रतिनिधित्व आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, लक्षद्वीप, ओडिशा, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों और अजमेर, भोपाल, भुवनेश्वर और मैसूर स्थित क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (RII) के प्रदर्शन स्कूलों से चुने गए 13 लड़के और 21 लड़कियां कर रही हैं। छात्रों को इस ग्रुप के साथ-साख तीन सुपरवाइजर भी होंगे।
क्या है इस कार्यक्रम का उद्देश्य
भारत सकुरा कार्यक्रम में 2016 से शामिल हुआ और तब से अब तक 630 से ज़्यादा छात्र और 90 पर्यवेक्षक इसमें भाग ले चुके हैं। 2014 में वैश्विक स्तर पर शुरू किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में वैज्ञानिक जिज्ञासा का विस्तार करना और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना है।
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (DoSEL) द्वारा नई दिल्ली स्थित NCERT में आयोजित एक समारोह में चयनित छात्रों को औपचारिक रूप से रवाना किया गया। इस कार्यक्रम में DoSEL के सचिव संजय कुमार, NCERT के संयुक्त निदेशक प्रोफेसर प्रकाश चंद्र अग्रवाल और DoSEL की संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी ने भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए, संजय कुमार ने इस पहल को युवा प्रतिभागियों के लिए एक "स्वर्णिम अवसर" बताया। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों को इस अनुभव को पूरी तरह से अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे जापान की अत्यधिक उन्नत प्रणालियों से परिचित होना भविष्य के नवप्रवर्तन को प्रेरित कर सकता है और भारत-जापान संबंधों को मजबूत बनाने में योगदान दे सकता है।
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