माध्यमिक शिक्षा परिषद्, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट स्तर की परीक्षाओं को संचालित करने वाली विश्व की एक सर्वौच्च संस्था है। इसकी स्थापना भारत में सबसे पहले सन् 1921 में हुई थी।
उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत आने वाली हाई स्कूल बोर्ड और इंटरमीडिएट बोर्ड दोनों के लिए परीक्षा का आयोजन करती है। शिक्षा बोर्ड अपने से संबद्ध स्कूलों के लिए पहली कक्षा से लेकर 12 वीं कक्षा तक पाठ्यक्रम भी तैयार करता है। यह तीन परीक्षाओं का आयोजन करता है: सातवीं कक्षा के लिए मध्य विद्यालय परीक्षा, दसवीं कक्षा के लिए उच्च विद्यालय परीक्षा और बारहवीं कक्षा के लिए मध्यवर्ती परीक्षा।
यहाँ यूपी बोर्ड के अंतर्गत आयोजित कक्षा 10वीं और 12वीं के वार्षिक अध्ययन चक्र का चित्रात्मक विवरण निम्नवत है:
प्रत्येक चरण का संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है:
चरण 1: प्रवेश तथा अध्ययन प्रारम्भ (जुलाई - सितम्बर):
यूपी बोर्ड की कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा(वर्ष 2017) का अध्ययन जुलाई माह से तथा आवेदनपत्र अगस्त से सितम्बर तक ऑनलाइन भराए जाते है । ये सभी आवेदन पत्र उनके पंजीकृत विद्यालय के माध्यम से प्रधानाचार्य द्वारा आनलाइन किए जाते है । व्यक्तिगत परीक्षार्थियों द्वारा विहित आवेदन पत्र पर अपना विवरण भरकर अर्हता प्रमाणपत्र सहित निर्धारित शुल्क के साथ अपने विद्यालय पर जमा करने होंगे |
चरण 2: अर्द्ध-वार्षिक परीक्षा (अक्टूबर – नबम्बर):
अर्द्ध-वार्षिक परीक्षा के लिए यूपी बोर्ड की तरफ से कोई दिशा-निर्देश नही होते है, इसलिए सम्बन्धित विद्यालयों में वर्तमान शिक्षण-सत्र के मध्य में अर्द्ध-वार्षिक परीक्षा करा लेते है | एक अनुमान के मुताबिक सभी विद्यालय अक्टूबर एवं नवम्बर में अर्द्ध-वार्षिक परीक्षा कराते है | अर्द्ध-वार्षिक परीक्षा में प्रश्न परीक्षा की तारीख तक हो चुके सिलेबस में से ही आते है |
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चरण 3: बोर्ड एग्ज़ाम समय-सारणी अधिसूचना एवं प्रीबोर्ड एग्ज़ाम (दिसम्बर – जनवरी):
गत वर्ष माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव शैल यादव ने बोर्ड एग्ज़ाम समय-सारणी की अधिसूचना 17 दिसम्बर को जारी की थी तथा बताया था कि 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं एक साथ सुबह और शाम दो पालियो में संचालित की जाएंगी। पहली पाली सुबह 7:30 बजे से 10:45 तक चलेगी और दूसरी पाली दोपहर 2 बजे से शाम 5:15 तक होगी।
माध्यमिक शिक्षा परिषद्, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2015 में यह अधिसूचना जारी की कि यूपी बोर्ड के स्कूलों को अब सीबीएसई की तर्ज पर हर हाल में प्री- बोर्ड एग्ज़ाम करवाने होंगे । अत: प्रत्येक स्कूल दिसम्बर में या जनवरी में प्री- बोर्ड की परीक्षा कराता है | प्री- बोर्ड एग्ज़ाम का पैटर्न बोर्ड परीक्षा के पैटर्न की ही तरह होता है | प्री-बोर्ड परीक्षा किसी भी स्कूल को अपने छात्रों के बोर्ड परीक्षा में आने वाले परिणाम का आकलन बताता है | यह परीक्षा सभी छात्रों को देना अनिवार्य होता है | फेल हुए छात्रों के लिए स्कूल अतिरिक्त क्लासेज का आयोजन करता है जिसमे शिक्षक उन विषयों पर ज्यादा जोर देते है जिनमें छात्र फेल हुए होते है |
चरण 4: बोर्ड एग्ज़ाम (फरवरी – मार्च):
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वार्षिक परीक्षाएं मुख्यत: फरवरी के दुसरे या तीसरे सप्ताह में शुरू हो जाती है | इस वर्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वार्षिक परीक्षाएं 18 फरवरी से 21 मार्च तक चली । इस चरण में छात्रों को बोर्ड द्वारा दी गई समय-सारणी(टाइम टेबल) का खास तौर पर ध्यान रखना होगा | किसी दो विषयों के बीच के समय का गैप होने पर छात्रों को इसका विशेष रूप से फायदा उठाना चाहिये | परीक्षा के दौरान ज़्यादातर छात्र को मानसिक तनाव तथा अपने ऊपर उनको विश्वास की कमी का एहसास होता है | इस तरह की हालत में निम्न दिए गये कुछ लेख का अध्ययन करना चाहिये |
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चरण 5: रिजल्ट (मई):
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद, कक्षा 10 का रिजल्ट मुख्यत: मई के दुसरे या तीसरे सप्ताह में जारी करता है तथा इसके लगभग 10 दिन बाद कक्षा 12 का रिजल्ट भी जारी हो जाता है |
रिजल्ट निकलने से पहेले स्वत: ही छात्र की टेंशन बढ़ गया है. किसी छात्र को कम अंक मिलने की टेंशन है, तो किसी को अच्छे नंबर लाने की जिज्ञासा. ऐसे में अभिभावकों को काफी सतर्क रहने की ज़रूरत है.
इस बार हाई स्कूल में 87.66 फ़ीसदी छात्र सफल हुए. 91.11 फ़ीसदी लड़कियों ने हाई स्कूल की परीक्षा पास की है जबकि 84.82 फीसदी लड़के पास हुए हैं. रायबरेली की सौम्य पटेल ने 592/600 अंक के साथ हाईस्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त किया जबकि बाराबंकी की साक्षी वर्मा ने 491/500 अंक के साथ इंटरमीडिएट में टॉप किया है.
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