प्रत्येक वर्ष लाखों उम्मीदवार राष्ट्रीय स्तरीय इंजीनियरिंग परीक्षा जैसे JEE Main एवं JEE Advanced और राज्य स्तरीय परीक्षा जैसे UPSEE, WBJEE इत्यादि में सम्मलित होते हैं. इसके साथ-साथ कुछ उम्मीदवार अन्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जैसे SRMJEEE, VITEEE में भी सम्मलित होते हैं. सभी विद्यार्थी प्रवेश परीक्षा में अच्छे मार्क्स लाने के लिए दिन-रात एक कर देते हैं और कुछ विद्यार्थी सफल भी हो जाते हैं. जिन विद्यार्थियों की इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में टॉप रैंक आती है वो अपने पसंदीदा कॉलेज में अपनी मनचाही स्ट्रीम लेने में सफल हो जाते है, किन्तु जो विद्यार्थी टॉप रैंक लाने में असफल हो जाते हैं वो अच्छे कॉलेज या मनचाही स्ट्रीम को ले कर कन्फ्यूज्ड रहते हैं.
इस लेख में हम आपको अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज और मनपसंद स्ट्रीम को चुनने के फायदे बताएँगे.
1. अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज को चुनने के फायदे:
कुछ विद्यार्थी काउंसलिंग के दौरान अपनी मनचाही स्ट्रीम की तुलना में अच्छे कॉलेज को चुनना पसंद करते हैं. आइये जानते हैं इसके क्या फायदे हो सकते हैं.
- इंडस्ट्री में अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेजों को लोग जानते हैं:
अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेजों की सभी फील्ड की कंपनियों में अच्छी पहचान होती है जिससे कंपनी द्वारा समय-समय पर सेमिनार आयोजित किये जाते हैं. विद्यार्थी सेमिनार की सहायता से इंडस्ट्री में होने वाले बदलावों को जान सकते हैं और अपने आप को अपडेट रख सकते हैं. उदाहरण के तौर पर कुछ वर्ष पहले वेबसाइट बनाने के लिए कंपनियों में HTML और DHTML का प्रयोग किया जाता था, किन्तु अब कंपनियों का फोकस JAVA और Php पर होता जा रहा है.
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- प्लेसमेंट बहुत अच्छा होता है:
अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेजों में विद्यार्थियों का प्लेसमेंट रिकॉर्ड बहुत ही अच्छा होता है. अधिकतर कॉलेजों में सभी स्ट्रीम की कंपनियाँ विद्यार्थियों को अपनी कंपनी में जॉब ऑफर करने आती हैं. विद्यार्थी अच्छे कॉलेज में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद किसी भी बड़ी कंपनी में अच्छे पैकेज पर जॉब हासिल कर सकते हैं.
- इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा होता है:
इंफ्रास्ट्रक्चर किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. अच्छे कॉलेजों में ट्रांसपोर्ट सुविधा, पुस्तकालय, प्रयोगशाला एयरकंडीशनिंग, हॉस्टल की सुविधा इत्यादि बड़ी ही अच्छी होती है. जिससे विद्यार्थियों को पढ़ने में किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.
- प्रोफ़ेसर अत्यधिक अनुभवी और शिक्षित होते हैं:
प्रतिष्ठित कॉलेजों में अत्यधिक शिक्षित प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाती है. वहाँ के ज़्यादातर प्रोफेसरों के पास विदेशी कॉलेजों से Phd. और M.Tech की डिग्री होती है. कुछ प्रोफेसरों के पास तो इंडस्ट्री में सालों का अनुभव होता है. ऐसे टीचर या प्रोफेसर विद्यार्थियों को केवल इंजीनियरिंग डिग्री को हासिल करने के लिए नहीं पढ़ाते अपितु वो उन्हें इंडस्ट्री में कैसे अपनी जगह बनानी है इसके लिए भी उनके साथ अपना अनुभव बाँटते हैं.
- Well Equipped प्रयोगशाला:
अगर किसी विद्यार्थी को इंजीनियरिंग के फील्ड में कुछ अच्छा करना है तो उसके केवल सैद्धांतिक (Theoretical) ज्ञान हासिल करने में फोकस नहीं करना चाहिए. विद्यार्थियों को थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल स्किल्स को अच्छा करने पर फोकस करना चाहिए. अच्छे कॉलेजों की प्रैक्टिकल प्रयोगशालाओं में कोई भी प्रयोग करने के लिए लगभग सभी उपकरण मौजूद होते हैं. जिससे उनका थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज भी अच्छी होती है.
2. मनपसंद इंजीनियरिंग स्ट्रीम को चुनने के फायदे:
विद्यार्थी अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई विभिन्न इंजीनियरिंग ब्रांच जैसे मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में पूरी कर सकते हैं. इसके साथ-साथ विद्यार्थी कृषि और खाद्य इंजीनियरिंग, ध्वनि इंजीनियरिंग, ऊर्जा इंजीनियरिंग, नौसेना वास्तुकला और महासागर इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचों में भी इंजीनियरिंग की डिग्री ले सकते हैं. प्रत्येक ब्रांच का अपना अलग स्कोप होता है. सभी इंजीनियरिंग ब्रांचों में विद्यार्थी के पास नौकरी पाने के सामान अवसर होते हैं. विद्यार्थी किसी भी ब्रांच में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पुरी करने के बाद अपने करियर में मन चाही उचाईयों को प्राप्त कर सकते हैं.
कुछ विद्यार्थी काउंसलिंग के दौरान अच्छे कॉलेज में कोई भी स्ट्रीम चुनने की तुलना में अपनी मनचाही स्ट्रीम को चुनना पसंद करते हैं.
- Higher studies के लिए जा सकते हैं.
अपनी पसंदीदा इंजीनियरिंग ब्रांच चुनने के बाद विद्यार्थी उसी ही ब्रांच में Higher studies जैसे M.Tech और M.S कर सकते हैं. अपनी Higher studies पूरी करने के बाद भी विद्यार्थी अच्छी कंपनियों में नौकरी पा सकते हैं.
- कोर कंपनी में नौकरी:
सभी विद्यार्थी जिस ब्रांच में उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री ली है उसी से समन्धित domain में नौकरी करना पसंद करते हैं. इसलिए जो विद्यार्थी अपनी पसंदीदा इंजीनियरिंग ब्रांच/स्ट्रीम को चुनते हैं उन्हें अपने domain की पूरी नॉलेज होती है. जिससे उन्हें अपने domain की कोर कंपनी में आसानी से नौकरी मिल जाती है. जैसे ध्वनि इंजीनियरिंग करने वाले विद्यार्थी विभिन्न प्रक्रियाओं (कला प्रदर्शन से संबंधित) के लिए विभिन्न आवाज़ों की रिकॉर्डिंग, संपादन और तकनीकी पहलुओं से सम्बन्धित क्षेत्रों में नौकरी कर सकते हैं. ध्वनि इंजीनियर, संचालन और ध्वनि रिकॉर्डिंग या प्रसारण उपकरण को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं.
- अपनी कोर इंडस्ट्री में Entrepreneur बन सकते हैं.
अपनी मनपसंद स्ट्रीम से इंजीनियरिंग करने पर विद्यार्थियों को मार्किट में उस स्ट्रीम की क्या डिमांड है इस बात का आईडिया हो जाता है. जिससे विद्यार्थी अपने व्यवसाय शुरू करने की भी सोच सकते हैं. जैसे कंप्यूटर इंजीनियरिंग करने वाले विद्यार्थी ecommerce वेबसाइट जैसे Flipkart, Amazon जैसी कंपनी खोल सकते हैं जिसकी मार्किट में बहुत ही अधिक डिमांड है.
- रिसर्च वर्क में जा सकते हैं:
किसी भी विषय पर रिसर्च करने के लिए विद्यार्थियों को उस सब्जेक्ट की नॉलेज होनी चाहिए. इसलिए जो विद्यार्थी अपनी मनपसंद ब्रांच में इंजीनियरिंग की डिग्री लेते हैं वो बड़ी ही आसानी से उस फील्ड में रिसर्च कर सकते हैं. जैसे genetic इंजीनियरिंग करने वाले विद्यार्थी किसी भी नए genes पर रिसर्च कर सकते हैं. एथिकल हैकर किसी भी कंप्यूटर या नेटवर्क के सिक्यूरिटी सिस्टम को हैक करके सिक्यूरिटी की कमज़ोर कड़ियों का पता लगाते है जिससे उन्हें सिस्टम या नेटवर्क सिक्यूरिटी के खतरों का पता चल जाता है और वो Malicious हैकर से बचा सकते है. आजकल एथिकल hackers की हर इंडस्ट्री में demand है जैसे की सबसे महत्वपूर्ण बैंकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर, डिफेंस सेक्टर, वेब सिक्यूरिटी, फॉरेंसिक लैब्स, आदि में.
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