भारत में एक टीचर बनकर आप देश और समाज की सेवा करने के साथ ही इस देश के सुनहरे भविष्य के लिए भावी पीढ़ी को सुशिक्षित कर सकते हैं. वर्ष, 2019 – 2020 के एकेडेमिक सेशन से भावी टीचर्स भारत में 04 साल की अवधि का इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स कर सकते हैं. भारत सरकार आने वाले 05 सालों में सकल घरेलू उत्पाद की लगभग 05 फीसदी रकम टीचिंग पर खर्च करने की योजना बना रही है. भारत सरकार को इस दिशा में खास प्रयास करने के लिए, विभिन्न स्कूलों में अच्छे टीचर्स को अपॉइंट करने के साथ ही, स्टूडेंट्स के विकास के लिए लगातार प्रयास करने होंगे. इसलिए, अब सभी इच्छुक, टैलेंटेड और क्वालिफाइड स्टूडेंट्स टीचिंग की जॉब ज्वाइन करके अनेक इंडियन स्टूडेंट्स के भविष्य को उज्ज्वल बनाकर अपने देश और समाज की सेवा कर सकते हैं.
अगर आप किसी सरकारी स्कूल में टीचर बनना चाहते हैं तो आपके पास बीएड की डिग्री जरुर होनी चाहिए. अब तो सरकार ने यह घोषणा भी कर दी है कि, चाहे सरकारी टीचर्स हों या फिर, किसी प्राइवेट स्कूल के टीचर्स, सब टीचर्स के पास बीएड की डिग्री जरुर होनी चाहिए. यूं भी, भारत में सामान्य बीएड कोर्स की अवधि 02 वर्ष होती है और अगर किसी कैंडिडेट ने बीएड की डिग्री हासिल नहीं की है तो वैध रूप से वह किसी स्कूल में पढ़ाने के योग्य नहीं है. इसलिए, इस आर्टिकल में हम भारत के भावी टीचर्स के लिए इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स के फायदों की चर्चा कर रहे हैं.
भारत में बीएड के लिये जरुरी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए), बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) या बैचलर ऑफ कॉमर्स (बीकॉम) या अन्य किसी कोर्स में ग्रेजुएट कैंडिडेट, जिसने कम से कम 50% मार्क्स के साथ किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज/ यूनिवर्सिटी से अपनी डिग्री हासिल की हो, बीएड कोर्स में एडमिशन लेने के लिए योग्य कैंडिडेट है.
रेगुलर बीएड करने के लिए सबसे पहले कैंडिडेट्स या स्टूडेंट्स को एंट्रेंस एग्जाम पास करना पड़ता है. फिर काउन्सलिंग के बाद सभी कैंडिडेट्स को उनके मेरिट लिस्ट में रैंक के मुताबिक कॉलेज मिलता है. भारत में बीएड कोर्स करवाने वाले कई प्राइवेट और गवर्नमेंट कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ हैं. किसी सरकारी कॉलेज से बीएड करने पर लागत काफी कम लगती है जबकि किसी प्राइवेट कॉलेज से बीएड कोर्स करने पर फीस 01 लाख रुपये से भी अधिक हो सकती है.
इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी
मानव संसाधन मंत्रालय (HRD), भारत सरकार ने इस साल अर्थात 2019 – 2020 से स्टूडेंट्स के लिए 4 साल का इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू करने की घोषणा की है ताकि भावी टीचर्स और टीचिंग की क्वालिटी में काफी सुधार लाया जा सके. इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स के लिए साइंस, आर्ट्स या कॉमर्स की स्ट्रीम में किसी अंडरग्रेजुएट कोर्स की डिग्री हासिल करनी जरुरी नहीं होती है. बल्कि स्टूडेंट्स किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से अपनी 12वीं क्लास पास करने के बाद सीधे इस इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं.
दरअसल, टीचर्स की काफी कम सैलरी, सरकारी स्कूलों में टीचर-स्टूडेंट्स का बेमेल रेशो या अनुपात जैसे इश्यूज़ के कारण टैलेंटेड स्टूडेंट्स टीचिंग प्रोफेशन को अपनाने से दूर ही रहना पसंद करते हैं. इसलिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचिंग एजुकेशन (NCTE) ने बीएड का कोर्स करिकुलम फिर से तैयार किया है ताकि मौजूदा समय के मुताबिक टीचिंग प्रोफेशन में जरुरी बदलाव लाया जा सके और मोस्ट टैलेंटेड और काबिल कैंडिडेट्स टीचिंग प्रोफेशन को ख़ुशी से अपना लें.
भारत में इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की प्रमुख विशेषताएं
- यह कोर्स स्टूडेंट्स का पूरा 01 साल बचाएगा क्योंकि स्टूडेंट्स अपनी 12वीं क्लास पास करने के तुरंत बाद यह इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स ज्वाइन कर सकते हैं.
- 03 साल की ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद स्टूडेंट्स 2 साल का बीएड कोर्स करते थे लेकिन अब स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल किये बिना ही सीधे 04 साल की अवधि के इस इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं जिससे उनका पूरा 01 कीमती साल बच जाता है.
- यह 04 साल का इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स प्री-प्राइमरी से प्राइमरी लेवल तक और अपर प्राइमरी लेवल से सेकेंडरी लेवल तक प्रमुख 02 लेवल्स के लिए करवाया जा रहा है.
- भारत में इंटीग्रेटेड टीचर ट्रेनिंग बीएड कोर्स एकेडेमिक सेशन 2019 – 2020 से शुरू हो गया है.
- इस साल लिमिटेड कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ यह 04 साल की अवधि का इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स ऑफर कर रहे हैं.
- अब तक जो स्टूडेंट्स किसी विषय में अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर चुके हैं, उन स्टूडेंट्स के पास ग्रेस पीरियड है जिसके तहत वे स्टूडेंट्स 02 साल का बीएड कोर्स या 03 साल का बीएड + एमएड कोर्स कर सकते हैं.
भारत में इन प्रमुख इंस्टीट्यूशंस में ज्वाइन कर सकते हैं आप इंटीग्रेटेड बीएड कोर्सेज
मौजूदा समय में हमारे देश में लगभग 19 हजार एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस बीएड कोर्सेज करवा रहे हैं लेकिन इस साल लिमिटेड इंस्टीट्यूशंस ही इंटीग्रेटेड बीएड कोर्सेज करवा रहे हैं. कुछ टॉप इंस्टीट्यूशंस हैं:
- सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजुकेशन, दिल्ली यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
- इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश
- टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, दिल्ली सोसाइटी फॉर दी वेलफेयर ऑफ़ स्पेशल चिल्ड्रन, दिल्ली
- आर्य विद्यापीठ कॉलेज, गुवाहाटी, असम
- गुवाहाटी कॉलेज, असम
- गवर्नमेंट डूंगर कॉलेज, बीकानेर, राजस्थान
भारत में इंटीग्रेटेड बीएड के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
हमारे देश में टीचर ट्रेनिंग के लिए इंटीग्रेटेड बीएड कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स ने किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से अपनी 12वीं क्लास कम से कम 50% मार्क्स के साथ किसी भी स्ट्रीम (साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स) में पास की हो.
भारत में इंटीग्रेटेड बीएड कोर्सेज के लिए निर्धारित अवधि
हमारे देश में इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स कुल 4 साल की अवधि में पूरा किया जा सकता है और प्रत्येक एकेडेमिक सेशन के आखिर में स्टूडेंट्स को एग्जाम पास करना होता है. इंटीग्रेटेड बीएड कोर्सेज में स्टूडेंट्स अपनी स्ट्रीम जैसेकि आर्ट्स, कॉमर्स या साइंस के मुताबिक ही टीचिंग सब्जेक्ट्स चुन सकते हैं.
भारत में इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स पूरा करने के बाद भावी टीचर्स के लिए करियर स्कोप
भारत में टीचर ट्रेनिंग के लिए निर्धारित इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स भारत के विभिन्न सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूलों में टीचर की जॉब ज्वाइन कर सकते हैं. लेकिन भारत सरकार के किसी स्कूल में टीचर की जॉब ज्वाइन करने के लिए स्टूडेंट्स को CTET एग्जाम मेरिट बेस पर पास करना होता है. इसी तरह, विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा संचालित स्कूलों में टीचर की जॉब ज्वाइन करने के लिए स्टूडेंट्स को संबंधित राज्य द्वारा लिया जाने वाला TET एग्जाम मेरिट बेस पर पास करना होता है.
आप अपने सब्जेक्ट में बीएड की डिग्री हासिल करने के बाद ऑनलाइन टीचिंग भी कर सकते हैं. होम ट्यूशन्स, कोचिंग सेंटर्स में टीचिंग, एजुकेशनल कंसल्टेंट्स के करियर ऑप्शन्स के साथ ही आपके पास पब्लिशिंग हाउसेस, रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट्स में भी एजुकेशन की फील्ड से संबंधित जॉब्स ज्वाइन करने के कई करियर ऑप्शन्स उपलब्ध हैं जैसेकि, एजुकेशन एडमिनिस्ट्रेटर, असिस्टेंट डीन, कंटेंट राइटर और एजुकेशनल रिसर्चर और जर्नलिस्ट आदि.
भारत में टीचर्स का सैलरी पैकेज
हमारे देश में विभिन्न स्कूलों के टीचर्स को रु. 25 हजार – 45 हजार मासिक मिलते हैं. ग्लासडोर के सर्वे के मुताबिक भारत में टीचर्स की एवरेज सैलरी 377,179 रुपये सालाना है. हमारे देश में टीचर्स के सैलरी पैकेज पर उनकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन्स, वर्क एक्सपीरियंस, टीचिंग सब्जेक्ट, टीचिंग केटेगरी – पीआरटी, टीजीटी, पीजीटी – आदि के असर के साथ ही संबंधित एजुकेशनल इंस्टीट्यूट की सैलरी से संबंधित पॉलिसीज़ का भी असर पड़ता है.
अगर आपको पढ़ने और पढ़ाने में काफी दिलचस्पी है और आप “लर्निंग बाय डूइंग” के सिद्धांत को फ़ॉलो करना चाहते हैं तो आप इस साल से यह इंटीग्रेटेड टीचर ट्रेनिंग बीएड कोर्स करके अपने लिए एक सम्मानजनक करियर चुन सकते हैं और यंगस्टर्स का भविष्य सुधारने के साथ-साथ मानवता, देश और समाज की सेवा में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं.
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