2020 पूरी दुनिया के लिए अभूतपूर्व चुनौतियों से भरा साल था. एक महामारी के कारण अनेक लोगों की ज़िन्दगी और रोज़गार चले गए जिससे दुनिया लगभग ठहर सी गई. बच्चों को विशेष रूप से इस बात के लिए संघर्ष करना पड़ा कि आगे का नया तरीका क्या होगा क्योंकि उनकी कक्षायें वास्तविक स्थानों से डिजिटल स्पेस में होने लगीं. अकेले भारत में 250 मिलियन से अधिक स्कूल जाने वाले छात्र हैं, जो दुनिया के किसी भी देश से अधिक है. टेक्नोलॉजी ने इनमें से कई छात्रों के लिए सीखने में निरंतरता सुनिश्चित की है और उनके सीखने और संवाद करने के तरीके को बदल दिया है.
नए साल के साथ हमने बेहतर तरीके से काम करना शुरु कर दिया है क्योंकि हम एक अच्छे भविष्य की उम्मीद करते हैं. महान नेल्सन मंडेला ने एक बार कहा था, “बच्चे हमारा सबसे बड़ा खजाना हैं. वे हमारा भविष्य हैं.” इसलिए यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि बच्चों को भविष्य के कुशल नागरिकों में बदलने के अवसर पैदा किए जाएं. इस कार्य को पूरा करने में मदद करने के लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें खुद को अभिव्यक्त करने के लिए एक प्लेटफार्म मिले और उनकी प्रतिभा और क्षमताओं को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया जाए.
जैसा कि हम चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ते जा रहे हैं, यह महत्वपूर्ण है कि बच्चों को इनमें प्रशिक्षण दिया जाए 1) ज्ञानात्मक कौशल जिसमें महत्वपूर्ण सोचने की क्षमता शामिल है, और 2) गैर-ज्ञानात्मक कौशल जैसे दृढ़ता और सामाजिक कौशल जो उन्हें टेक्नोलॉजी के नेतृत्व वाले भविष्य के लिए तैयार कर सके. साथ ही, हमें ऐसी परिस्थितियां बनानी होंगी जो बच्चों को खुद को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने की अनुमति दें. बच्चों को बहुत कम उम्र से ही आवश्यक कौशल और सामाजिक कौशल से परिपूर्ण होना चाहिए.
भारत में कौशल प्रतियोगिताओं के दायरे और प्रभाव को बढ़ाने के लिए, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने जूनियर स्किल्स चैंम्पियनशिप के पहले संस्करण को लॉन्च करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के साथ हाथ मिलाया है. जूनियर स्किल्स चैंपियनशिप का उद्देश्य युवाओं में रचनात्मक भावना को जगाना और देश भर के बच्चों को एक कॉमन प्लेटफॉर्म पर लाना है, जहां वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें. इस पहल के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप स्कूली स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के एकीकरण के लिए एक बड़ी प्रेरणा दी जा सकती है.
जूनियर स्किल्स चैंपियनशिप 2021 में छठी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों को लक्षित किया गया है, जो उन्हें दस उभरते या स्थापित कौशल में से एक का पता लगाने और तेजी से बदलती दुनिया में अपने करियर के बारे में निर्णय लेने का अवसर देगी. बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने में मदद करने के लिए इस चैंपियनशिप की परिकल्पना की गई है. इस चैम्पियनशिप के लिए पंजीकरण 19 फरवरी को बंद हो जाएगा. चैम्पियनशिप के दौरान, छात्र करियर की एक विस्तृत श्रृंखला को आगे बढ़ाने के लिए तरीकों और विश्लेषणात्मक कौशल से लैस होने के लिए विभिन्न ऑनलाइन सत्रों और बूट कैंप्स में भाग लेंगे. यह चैंपियनशिप 12 और 18 वर्ष की आयु के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि यह उन्हें अपने कार्य और जुनून को खोजने का अवसर देगी. बच्चों को आवश्यक एक्सपोज़र और अनुभव देकर, यह उनमें आत्मविश्वास जगाने और उन्हें अनुकूलनीय, प्रेरित और जिम्मेदार बनने में मदद करेगी. जूनियर स्किल्स चैम्पियनशिप 2021 उन्हें टीमवर्क, संगठन, बातचीत और समस्या समाधान का महत्व भी सिखाएगी.
युवा छात्रों के लिए, करियर पर निर्णय लेना कभी-कभी एक कष्टकारी प्रक्रिया हो सकती है, खासकर कि जब तेजी से बदलते आर्थिक परिदृश्य का सामना किया जाता है. चैंपियनशिप को शैक्षणिक कार्यक्रमों, अनुभवात्मक शिक्षा, व्यक्तिगत हितों की पहचान, कौशल और करियर कोचिंग के बीच की खाई को पाटने के लिए बनाया गया है. इस चैम्पियनशिप के माध्यम से, एनएसडीसी, सीबीएसई के साथ मिलकर, छात्रों को भविष्य की नौकरियों के लिए प्रासंगिक कौशल को सशक्त बनाने में मदद करेगा. इससे कम उम्र में व्यावसायिक शिक्षा के प्रति युवाओं में आकांक्षा पैदा होगी.
भारतीय युवा पहले से ही वर्ल्ड स्किल्स इंटरनेशनल प्रतियोगिता के माध्यम से वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं. जूनियर स्किल्स एक ऐसा लॉन्चपैड है जो छात्रों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोज़र प्रदान करने में मदद करेगा और उन्हें अत्यधिक प्रतिस्पर्धी माहौल में उत्कृष्टता प्रदान करने के लिए तैयार करेगा. जूनियर स्किल्स वह टॉनिक है जो युवा भारतीयों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिला सकती है. हम माता-पिता और शिक्षकों से आग्रह करते हैं कि वे बच्चों को इस तरह की जूनियर स्किल्स चैम्पियनशिप में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें.
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