यदि आप IAS परीक्षा के लिए अपना अंतिम प्रयास कर रहे हैं तो सही मायने में आपके सामने आने वाली चुनौतियां हर रूप में महत्वपूर्ण हैं। इस प्रतिष्ठित परीक्षा के लिए तैयारी के अलावा अंतिम प्रयास तक परीक्षा देने की दृढ इच्छाशक्ति आप पर बहुत अधिक मानसिक दबाव बना देती है। आपने IAS की परीक्षा में कई बार विफलताओं के साथ तैयारी के दौरान 4 से 5 वर्ष का समय लगा दिया है। इसके अलावा, समाज और सहयोगियों का दबाव आपको और परेशान कर देता है, IAS को बतौर करिअर विकल्प चुनने के आपके महत्वाकांक्षी फैसले पर आपको संदेह होने लगता है। इन सब के अलावा, आपके भविष्य के बारे में अनिश्चितता और IAS की तैयारी के बाद का जीवन अंतिम प्रयास के साथ समाप्त हो जाता है और निश्चित रूप से चीजों को पहले से भी अधिक जटिल बना देता है।
IAS Topper 2017, Nitish Kumar Singh Rank 23rd Journey to Success
बहुत से लोगों ने आपसे कहा होगा– सुबह होने से पहले अंधेरा बहुत गहरा होता है; लेकिन जब बात IAS परीक्षा की तैयारी की हो तो अंधेरा जैसा कुछ नहीं होता। IAS परीक्षा की महानता इस तथ्य में है कि यह सभी के लिए बहुत मूल्यकारक होती है, चाहे इसे कोई पहली बार दे रहा हो या अंतिम बार, दोनों ही तरह के लोगों के लिए इसमें सफलता के समान अवसर होते हैं। वास्तव में अंतिम बार IAS की परीक्षा देने वाले व्यक्ति के पास अनुभव और वर्षों की तैयारी का लाभ होता है जो उन्हें परीक्षा में मदद करता है। दूसरे शब्दों में आप पहले से ही आधा सफर तय कर चुके होते हैं, जहां तक पहुंचने में कई अन्यों को वर्षों लगेंगे। यदि आप IAS परीक्षा में अंतिम प्रयास के बारे में चिंतित हैं तो यहां दिए गए टिप्स का प्रयोग अपने लाभ के लिए कर सकते हैं–
आप ड्रिल से पहले से ही परिचित हैं
जैसा कि ऊपर बताया गया है, यदि आप अंतिम बार IAS की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आपके पास बहुत लाभ हैं। आपने पहले ही अधिकांश चुनौतियों का सामना कर लिया है और IAS की तैयारी की आरंभिक चरण के दौरान फ्रेशर्स को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, उसका हल आप जानते हैं। नियमित ड्रिल से परिचित होने के नाते, आपको काफी फायदा होता है क्योंकि आपके पास समस्याओं को हल करने के लिए आप मानसिक और संसाधन दोनों ही आवश्यक्ताओं से लैस होते हैं। हालांकि, परीक्षा का पैटर्न, परीक्षा का प्रारूप (फॉर्मैट) और यहां तक कि सब्जेक्टिव प्राथमिकताएं इन वर्षों में संभव है बदल गईं हों, लेकिन इन वर्षों में आपने जो जानकारी प्राप्त की है वह स्थिर बनीं रहेंगी और आपको IAS की परीक्षा के अंतिम प्रयास में मदद करेंगी।
IAS की तैयारी शुरू करने के लिए सही उम्र
पहले क्या छूट गया, उसका पता करें?
IAS परीक्षा के अंतिम प्रयास की तैयारी शुरु करने का सबसे अच्छे तरीकों में से एक है बीते वर्षों की तैयारी की रणनीति की व्यापक समीक्षा करना। ऐसा सिर्फ कमियों को तलाशने और उम्मीदवारों द्वारा पिछले प्रयासों में छूट जाने वाली चीजों का पता लगाने के लिए ही नहीं बल्कि वास्तविक खूबियों और उन तरीकों का पता लगाने के लिए किया जाता है जिसका इस्तेमाल IAS तैयारी रणनीति में मौजूद कमियों को दूर करने में किया जा सके। इसके अलावा, आत्म–मूल्यांकन समग्र IAS तैयारी रणनीति में सुधार लाने और इस वर्ष होने वाले बदलावों, रुझानों और आवश्यकताओं के अनुसार अधिक सुव्यवस्थित बनाने में भी मदद करता है।
एकेडमिक बैकग्राउंड को अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करें
IAS उम्मीदवारों में अपने एकेडमिक बैकग्राउंड को पूरी तरह से नजरअंदाज करने और चल रहे रुझानों और कभी– कभी सहयोगियों के दबाव में आकर वैकल्पिक विषयों का चयन करना आम बात है। हालांकि, सिर्फ इसलिए कि एक विषय में किसी ने अच्छा किया, यह जरूरी नहीं है कि उसी विषय में आप भी अच्छा करें। इसके अलावा, हमने पहले ही चर्चा की है कि कुछ विषय दूसरों विषयों के मुकाबले परीक्षा में सफल होने में आपकी अधिक मदद करते हैं।
इसलिए, यदि आपने पहले IAS परीक्षा के लिए अपना एकेडमिक बैकग्राउंड छोड़ दिया है तो आपको फिर से उस पर ध्यान देना चाहिए। अपने एकेडमिक बैकग्राउंड पर निर्भर होने का मुख्य लाभ है कि आपने स्कूल के साथ– साथ स्नातक स्तर पर उसकी पढ़ाई करते हुए अपने जीवन का अच्छा समय उस पर पहले ही लगा दिया है। इसलिए, जब बात IAS परीक्षा के लिए वैकल्पिक विषय की तैयारी की आती है, तब एक बिल्कुल नए या आपके लिए अनजान विषय की तैयारी की तुलना में ज्यादा आसान होगा।
IAS टॉपर्स द्वारा सुझाई गई किताबें
विशेषज्ञ बनने से बचें, मेहनत करें
कई विशेषज्ञों ने बताया है कि IAS की परीक्षा में लगातार विफलता की मुख्य वजह छात्रों की जानकारी या प्रतिबद्धता की कमी नहीं बल्कि फोकस की कमी है। भारतीय शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य विषय का विशेषज्ञ बनाना है। यहां एकेडमी एक ही विषय में गहरे अध्ययन पर अधिक जोर देते हैं बजाए हर चीज के सामान्य अध्ययन के। ऐसा दृष्टिकोण UPSC की परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों के लिए दुर्भाग्य बन सकता है। प्रतिष्ठित IAS परीक्षा का उद्देश्य अनेक विषयों की जानकारी रखने वालों (generalists) यानि जिनके पास कई विषयों की विविध रेंज का संपूर्ण ज्ञान है (न कि सिर्फ एक ही विषय की गहरी समझ) को चुनना है। यदि आप सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपना अंतिम प्रयास कर रहे हैं, तो अपने अध्ययन अवधि के दौरान आपको इस बात का ज्ञान हो गया होगा। इसलिए बेहतर होगा की अपने अंतिम प्रयास में आप सभी विषयों की तैयारी पे पूरा ध्यान दें।
अनुसरण न करें
IAS उम्मीदवारों के लिए टॉपर्स का अंधा भक्त होने की संस्कृति का शिकार होना बहुत आसान है। विभिन्न पद्धतियों और तकनीकों को जानने के लिए सफलता की कहानियां और तैयारी संबंधी टिप्स पढ़ना बहुत अच्छी बात है। प्रत्येक उम्मीदवार को अपनी तैयारी पद्धति और रणनीति को अपनी गति, अध्ययन संबंधी आवश्यकताओं, खूबियों और खामियों के अनुसार स्वयं तैयार करना चाहिए। यह बात उन उम्मीदवारों के लिए और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है जो अंतिम बार IAS की परीक्षा दे रहे हैं। ऐसे उम्मीदवारों के पास IAS की तैयारी के लिए पहले से ही प्रासंगिक जानकारी और अनुभव होता है और उनके लक्ष्यों को पूरा करने के लिए रणनीति बनाने के क्रम में वे विशिष्ट जरूरतों को पहचानने में सक्षम होते हैं। इसके अलावा,यदि आप अंतिम बार IAS परीक्षा दे रहे हैं, तो अच्छा रहेगा उसे आप अपनी क्षमताओं के अनुसार दें न कि टॉपर्स, शिक्षकों और सहयोगियों की सामूहिक चेतना द्वारा सुझाई गयी तकनीकों के अनुसार।
उपर उल्लिखित बातें कुछ मायनों में सामान्य लग सकती हैं लेकिन अंतिम प्रयास में IAS की परीक्षा में सफल होने की बात हो तो ये किसी भी तरीके से अप्रभावी नहीं हैं। किसी भी अन्य प्रतियोगिता की तरह नियम वही रहते हैं, चाहे यह आपका पहला प्रयास हो या अंतिम। इस सवाल में अंतर आपका सकारात्मक रवैया, आत्म– विश्वास और बीते अनुभवों और विफलताओं से मिली सीख ही लाएगा।
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