आज के समय में मोबाइल, लैपटॉप, डेक्स्टॉप तथा आईपॉड की वजह से अब कॉपी पर लिखने का प्रचलन कम होता जा रहा है. अब तो किताबें और असाइंमेंट्स भी एमएसवर्ड पर पावर प्वाइंट,नोट पैड एवं पेंट ब्रश की मदद से लिखी जा रही हैं या फिर बनाये जा रहे हैं. ऐसे जमाने में या यूँ कहें आज के इस दौर में कॉलेज का एक ऐसा असाइंमेंट बनाना जो पाठकों को अंत तक बांधे रखता हो,एक बहुत ही मुश्किल कार्य है. अधिकांश छात्र इन कॉलेज असाइनमेंट को गंभीरता से नहीं लेते हैं और केवल समय सीमा समाप्त होने से पूर्व उसे किसी भी तरह तैयार कर लेते हैं. लेकिन उनके सही ग्रोथ के परिप्रेक्ष्य में यह दृष्टिकोण एक आदर्श दृष्टिकोण नहीं हो सकता है. क्योंकि ऐसा करते वक्त वे बहुत कुछ सीखने से चूक जाते हैं जो वास्तव में उन्हें और अधिक अंक प्राप्त करने में मदद कर सकता है और उनके लेखन कौशल को भी बढ़ा सकता है.
प्रत्येक स्ट्रीम में असाइंमेंट बनाने या लिखने का तरीका या टेक्नीक अलग अलग होता है. लेकिन कुछ ऐसे सामन्य नियम विशेष भी हैं जो हर तरह के असाइंमेंट्स पर समान रूप से लागू होते हैं.
इसी प्रकार कुछ विशिष्ट टिप्स और ट्रिक्स भी हैं जिन्हें अपने सीखने या फिर अनुभव में वृद्धि के उद्देश्य से अपने कॉलेज असाइनमेंट को लिखते समय प्रयोग में लाकर निःसंदेह अपनी कड़ी मेहनत के बदौलत छात्र अच्छे ग्रेड प्राप्त कर सकते हैं.
एक असाइंमेंट बनाने के लिए किन विशेष बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए इसका वर्णन नीचे किया गया है,
अपने टॉपिक की छानबीन अच्छे तरीके से कर लें
अपना असाइंमेंट बनाने से पहले आपको यह अच्छी तरह से जान लेना चाहिए कि आपको क्या करने को कहा गया है तथा इसे किस तरह से बनाया जाना चाहिए ? यदि आप एक टेक्निकल असाइंमेंट बना रहे हैं,तो उसके लिए बहुत ज्यादा रिसर्च करना और और मौलिक अवधारणाओं से अच्छी तरह वाकिफ होना बहुत जरुरी होता है.यदि आप किसी आर्ट्स सब्जेक्ट्स का असाइंमेंट बना रहे हैं तो इसके लिए आपको
अलग-अलग दृष्टिकोणों पर विचार करना चाहिए.चीजों को बेहतर तरीके से समझने में आपनी मदद करने के लिए आप हमेशा अपने शिक्षकों से संपर्क करना चाहिए.
ब्लू प्रिंट तैयार कर लें
प्रारंम्भ में आपको क्या लिखना है तथा इसमें किन किन तथ्यों को शामिल करना है ? आदि का ब्लू प्रिंट पहले अपने दिमाग में बना लेना चाहिए इसके बाद अगर संभव हो तो पेपर पर उसका खाका तैयार कर लें. उस समय व्याकरण संबंधी त्रुटियों और वाक्य संरचना के बारे में बहुत चिंता न करें. इससे आपके असाइंमेंट का थीम आपके दिमाग में बना रहेगा और आप थोड़ा बहुत संशोधन तथा विस्तार देकर इसे आसानी से तैयार कर सकते हैं.
क्लास रूम नोट्स का प्रयोग करें
आपके क्लास रूम में आपके प्रोफेसर ने जो नोट्स बनवाया है अगर आप उनका प्रयोग टॉपिक के अनुसार करें तो आपके असाइंमेंट का कंटेंट और समृद्ध हो जाएगा. प्रोफेसर द्वारा पढ़ाये गए कंटेंट का इस्तेमाल करने से आपका असाइंमेंट चेक करते समय आपके प्रोफेसर को भी लगेगा कि कक्षा में पढ़ते समय आप उनकी बातों को गौर से सुनते हैं तथा इससे वे प्रभावित भी होंगे.
फॉरमेटिंग का ध्यान रखें
किसी भी असाइंमेंट की फॉर्मेटिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है तथा यह एग्जामिनर को बहुत हद तक प्रभावित करती हैं.ज्यादातर मामलों में, कॉलेज फ़ॉन्ट आकार आदि के बारे में दिशा-निर्देश देकर छात्रों के लिए इसे और भी आसान बना देते हैं. लेकिन कुछ मामलों में छात्रों को इन सभी चीजों के विषय में खुद ही पता लगाना होता है तथा स्वयं की क्रिएटिविटी का प्रयोग करना पड़ता है.अगर ऐसी स्थिति आती है तो अपने सीनियर या प्रोफेसर से इस सन्दर्भ में राय लें और अगर संभव हो तो सीनियर्स द्वारा तैयार किये गए पिछले साल के असाइंमेंट को भी देखें. इससे आपको बहुत आइडिया मिल जाएगा.
छोटे छोटे पैराग्राफ का प्रयोग करें
लोग बहुत लम्बे लम्बे अनुच्छेद को पढ़ने से डरते हैं तथा उनमें कंटेंट को लेकर नीरसता उत्पन्न हो जाती है. इसलिए अपने विचारों को छोटे छोटे पैराग्राफ के साथ प्वाइंट में लिखने की कोशिश करें. इससे असाइंमेंट देखने में सुन्दर भी लगेगा तथा लोगों को आसानी से समझ में भी आ जायेगा. प्रत्येक पैराग्राफ एक दूसरे का पूरक होना चाहिए तथा कहीं भी कंटेंट के प्रवाह में व्यवधान नहीं होना चाहिए. हो सके तो पहले पैराग्राफ में समस्या को प्रस्तुत करें तथा दूसरे पैराग्राफ में उसका समाधान बताएं. एक पैराग्राफ में 5-6 से ज्यादा लाइन नहीं होनी चाहिए लेकिन आवश्यकता पड़ने पर इसे घटाया या बढ़ाया जा सकता है.
भाषा सरल रखें
अपने असाइंमेंट की भाषा हमेशा सरल रखें. ध्यान रखें किसी भी असाइंमेंट को पढ़ते समय पाठक हर दो मिनट पर डिक्शनरी खोलकर देखने की न तो कोशिश करेगा और ना ही वह ऐसा करना चाहता है.यद्यपि आपके प्रोफेसर या इंस्ट्रक्टर आपके उन कठिन शब्दों को समझ सकते हैं लेकिन आपको अपने शब्दों को सरल रखने की ही कोशिश करनी चाहिए.यदि आप कोई टेक्नीकल टर्म इस्तेमाल कर रहें हैं तो आपको हमेशा उसका सही रूप में इस्तेमाल करना चाहिए वर्ना इससे आपकी गलत इम्प्रेशन बनेगी.
अपने असाइमेंट की प्रूफ रीडिंग अवश्य करें
असाइनमेंट जमा करने से पहले आप कम से कम व्याकरणिक या तथ्यात्मक गलतियों से बचने के लिए अपने असाइनमेंट की प्रूफ रीडिंग अवश्य कर लें.प्रूफरीडिंग से आपको विषय को बेहतर ढंग से समझने तथा उसमें हो रही त्रुटियों को समाप्त करने में बहुत मदद मिलेगी. इसके अतिरिक्त प्रूफरीडिंग से आपको यह पता चल जायेगा कि आपने असाइंमेंट में क्या लिखा है तथा इससे आपको अपने असाइंमेंट के बारे में अपने इंस्ट्रक्टर या प्रोफेसर को समझाने में मदद मिलेगी.
डेडलाइन से पहले असाइंमेंट को पूरा करें
कभी भी अपने काम को डेडलाइन समाप्त होने के बाद या फिर 3-4 वार्निंग के बाद पूरा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.इससे बहुत निगेटिव इम्प्रेशन बनता है तथा आपके काम को लेकर डेडिकेशन और समय की पाबन्दी का पता चलता है. साथ ही समय से पहले भी इसे तैयार करने की कोशिश करनी चाहिए ताकि अंत में तैयार करते समय होने वाली गलतियों से आप अपने आप को बचा सकें.
इन बिंदुओं के अलावा, दूसरों के कंटेंट की नक़ल नहीं करना चाहिए तथा अपने कंटेंट और टॉपिक से मिलते जुलते चित्र का ही इस्तेमाल करना चाहिए.
ध्यान रखिये कभी भी अपने असाइंमेंट्स को सिर्फ अच्छे मार्क्स प्राप्त करने के उद्देश्य से ही नहीं बनाना चाहिए बल्कि आपका मुख्य फोकस चीजों को सीखने तथा उसे अपने जीवन में प्रैक्टिकली इस्तेमाल करने पर होना चाहिए.