IIT JEE 2018: काउंसलिंग के दौरान choice filling करते समय ज़रूर रखें इन बातों का ध्यान

Jun 20, 2018, 12:38 IST

JoSAA द्वारा कंडक्ट की जाने वाली काउंसलिंग के दौरान चॉइस फिलिंग को लेकर विद्यार्थी हमेशा परेशान रहते हैं. कभी-कभी विद्यार्थी चॉइस फिलिंग के दौरान गलती कर देते हैं जिसके कारण सीट उपलब्ध होने के बावज़ूद उनका दाखिला उनके पसंदीदा कॉलेज और कोर्स में नहीं हो पाता. इस लेख में विद्यार्थी JEE (Main और Advanced) 2018 की काउंसलिंग के दौरान चॉइस फिलिंग करते समय ध्यान रखने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानेंगे.

JoSAA Counselling 2018: Choice Filling & Locking tips
JoSAA Counselling 2018: Choice Filling & Locking tips

Joint Seat Allocation Authority (JoSAA) द्वारा JEE Main और JEE Advanced दोनों की काउंसलिंग कंडक्ट की जाती है. काउंसलिंग में भाग लेने के लिए 15 जून से पंजीकरण शुरू हो चुके हैं. अगर विद्यार्थी IITs, IIITs, NITs और GFTIs जैसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला लेकर अपना भविष्य उज्जवल बनाना चाहते हैं तो उन्हें JoSAA की आधिकारिक वेबसाइट josaa.nic.in पर जाकर अपने JEE Main 2018  के रजिस्ट्रेशन नंबर की सहायता से पंजीकरण करना पड़ेगा. पंजीकरण के बाद विद्यार्थियों को चॉइस फिलिंग करनी पड़ेगी जिसके लिए अंतिम तिथि 25 जून निर्धारित की गयी है. इसके बाद विद्यार्थियों को उनकी प्राथमिकता, रैंक और सीट की उपलब्धता के आधार पर सीट allot की जायेगी.

JoSAA द्वारा कंडक्ट की जाने वाली काउंसलिंग के दौरान चॉइस फिलिंग को लेकर विद्यार्थी हमेशा परेशान रहते हैं. कभी-कभी विद्यार्थी चॉइस फिलिंग के दौरान गलती कर देते हैं जिसके कारण सीट उपलब्ध होने के बावज़ूद उनका दाखिला उनके पसंदीदा कॉलेज और कोर्स में नहीं हो पाता. 

आज हम इस लेख में कुछ ऐसी बातों के बारे में बताएँगे जिन्हें विद्यार्थियों को JEE (Main और Advanced) 2018 की काउंसलिंग के दौरान चॉइस फिलिंग में ज़रूर ध्यान रखना चाहिए. आइये विस्तार से जानते हैं उन सभी बातों के बारे में:

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1. Priority लिस्ट बनाएं:

विद्यार्थियों को चॉइस फिलिंग करने से पहले priority लिस्ट बनानी चाहिए. priority लिस्ट बनाते समय विद्यार्थी तीन तरीकों का प्रयोग कर सकते हैं.

  • कॉलेज केंद्रित:

इस तरीके में विद्यार्थी घटते हुए क्रम में अपने पसंदीदा कॉलेज की priority लिस्ट बना सकते हैं. इसमें विद्यार्थियों के लिए ब्रांच का कोई महत्व्व नहीं होगा. उदहारण के लिए

College/Institute

Course

Indian Institute of Technology, Madras

Computer Science

Indian Institute of Technology, Madras

Electrical Engineering

Indian Institute of Technology, Madras

Mechanical Engineering

Indian Institute of Technology, Madras

Aerospace Engineering

Indian Institute of Technology, Madras

Civil Engineering

  •  ब्रांच केंद्रित:

इस तरीके में विद्यार्थी घटते हुए क्रम में अपनी पसंदीदा ब्रांच की priority लिस्ट बना सकते हैं. इसमें विद्यार्थियों के लिए कॉलेज का कोई महत्व्व नहीं होगा. उदहारण के लिए

College/Institute

Course

Indian Institute of Technology, Madras

Computer Science

Indian Institute of Technology, Bombay

Computer Science

Indian Institute of Technology, Delhi

Computer Science

Indian Institute of Technology, Kharagpur

Computer Science

Indian Institute of Technology, Kanpur

Computer Science

  • विशेष कॉलेज में विशेष ब्रांच पर आधारित:

इस तरीके में विद्यार्थी घटते हुए क्रम में अपने पसंदीदा कॉलेज में पसंदीदा ब्रांच की priority लिस्ट बना सकते हैं. इसमें विद्यार्थियों के लिए कॉलेज और ब्रांच दोने ही महत्वपूर्ण होंगे. उदहारण के लिए

College/Institute

Course

Indian Institute of Technology, Madras

Computer Science

Indian Institute of Technology, Bombay

Civil Engineering

Indian Institute of Technology, Delhi

Mechanical Engineering

Indian Institute of Technology, Kharagpur

Electrical Engineering

Indian Institute of Technology, Bhubaneswar

Electronics and Communication Engineering

 


2. पीछे सालों की सभी कॉलेजों की ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक देखें:

विद्यार्थियों को priority लिस्ट बनाने के बाद पिछले सालों की सभी कॉलेजों की ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक देखनी चाहिए. जिससे विद्यार्थी अपनी priority लिस्ट को और संशोधित (Modified) कर सकते हैं. पिछले सालों की ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक से विद्यार्थियों को अपने पसंदीदा कॉलेज और ब्रांच के मिलने के चांसेस का पता चल जाता है.

3. कभी भी पहले दिन चॉइस लॉक नहीं करें:

विद्यार्थियों की चॉइस हमेशा बदलती रहती है इसलिए उन्हें कभी भी पहले ही दिन चॉइस फिलिंग नहीं करनी चाहिए. विद्यार्थी अपनी चॉइस फिलिंग अंतिम दिन से 1 दिन पहले करनी चाहिए जिससे वो अंतिम दिन पर  जल्दबाज़ी में चॉइस फिल करने में गलती नहीं कर दें.

4. सीट matrix को देखें:

किसी भी इंजीनियरिंग काउंसलिंग में भाग लेने से पहले विद्यार्थियों को विभिन्न कॉलेजों में किसी ब्रांच में कितनी सीट हैं इसका ज़रूर पता लगाना चाहिए. क्योंकि प्रत्येक साल सीट्स की संख्या में बदलाव होता है जिसका प्रभाव ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक पर भी पड़ता है.

5. ज़्यादा से ज़्यादा चॉइस फिल करें:

विद्यार्थियों को हमेशा ज़्यादा से ज़्यादा चॉइस फिल करनी चाहिए, किन्तु चॉइस फिलिंग हमेशा अपनी पसंद के घटते हुए क्रम में ही करनी चाहिए.

6. कॉलेज का फीडबैक लेना नहीं भूलें:

किसी भी कॉलेज की सीट पक्की करने से पहले वहाँ पढ़ रहे या पढ़ चुके विद्यार्थियों से उस कॉलेज के professors, प्लेसमेंट, लैब्स इत्यादि के बारे में ज़रूर फीडबैक लेना चाहिए. ये सभी चीज़े विद्यार्थियों के करियर पर यकीनन प्रभाव डालती हैं.

निष्कर्ष:

आगर विद्यार्थी उपर बतायीं गयी सभी बातों का ध्यान रखेंगे तो यक़ीनन उन्हें JEE (Main और Advanced) 2018 की काउंसलिंग के दौरान चॉइस फिलिंग में किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और उनको उनकी रैंक के आधार पर उनके लिए सबसे उत्तम कॉलेज और कोर्स मिल जाएगा.

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