लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर का पद केंद्र और राज्य सरकार के अधीन विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों (जैसे – एलबीएसएनएए, मसूरी, उत्तराखण्ड), आदि में होता है. किसी भी संगठन में लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर का पद ग्रुप ‘बी’ (नॉन-गजेटेड) के स्तर का होता है. लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर के पदों पर नियुक्ति विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के लिए की जाती है, जैसे – हिंदी, उड़िया, बंगाली, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलूगु, आदि. लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर के पदों पर नियुक्ति के लिए चयन केंद्र सरकार के अधीन विभागों या संगठनों के लिए कर्मचारी चयन आयोग द्वारा और राज्यों के मामलों में सम्बन्धित राज्य के कर्मचारी अधीनस्थ सेवा चयन आयोगों द्वारा की जाती है. लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर का कार्य होता है कि वह सम्बन्धित संस्थान के छात्रों या कर्मचारियों का सम्बन्धित क्षेत्रीय भाषा में ऑफिशियल कार्यों को निपटाने, आवश्यकतानुसार पढ़ने, समझने और बोलने का प्रशिक्षण दे. किसी भी ऑफिशियल डाक्यूमेंट का क्षेत्रीय भाषा से अंग्रेजी और अंग्रेजी से सम्बम्धित क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद की भी जिम्मेदारी लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर की ही होती है.
लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर के लिए कितनी होनी चाहिए योग्यता?
लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से सम्बन्धित क्षेत्रीय भाषा में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री उत्तीर्ण हों और स्नातक स्तर पर अंग्रेजी एक विषय के रूप पढ़ा होना चाहिए. यदि दो भाषाओं (जैसे उड़िया एवं बंगाली या मलयालय एवं कन्नड़ या तमिल एवं तेलूगु) में लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर की नियुक्ति होनी है तो दोनों में एक विषय में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री और दूसरे भाषा में डिप्लोमा उत्तीर्ण होना चाहिए और स्नातक स्तर पर अंग्रेजी एक विषय के रूप में पढ़ा होना चाहिए. किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में सम्बन्धित विषय में एक वर्ष का शिक्षण का अनुभव होना आवश्यक है.
लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर के लिए कितनी है आयु सीमा?
लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार की आयु 18 वर्ष से 30 वर्ष के बीच हो. हालांकि, कुछ संस्थानों में यदि संविदा के आधार पर नियुक्ति होती है तो अधिकतम आयु सीमा 32-35 वर्ष तक होती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.
लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर के लिए चयन प्रक्रिया
लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर के पद पर कर्मचारी चयन आयोग द्वारा उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर कंप्यूटर आधारित लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाता है. लिखित परीक्षा कंप्यूटर आधारित बहुविकल्पीय प्रकृति की होती है जिसमें जनरल इंटेलीजेंस, जनरल अवेयरनेस, क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड और इंग्लिश लैंग्वेज से सम्बन्धित प्रश्न होते हैं. लिखित परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी होती है. कंप्यूटर आधारित लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को न्यूनतम 35% अंक अर्जित करने होते हैं. लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर तैयार मेरिट लिस्ट के अनुसार उत्तीर्ण उम्मीदवारों को दस्तावेज सत्यापन के लिए आमंत्रित किया जाता है.
कितनी मिलती है लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर को सैलरी?
लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर के पद पर छठें वेतन आयोग के पे-बैंड 2 (रु. 9300-34800/- + ग्रेड पे रु. 4800) के अनुरूप सैलरी दी जाती है. इसके साथ ही सरकार द्वारा लागू विभिन्न प्रकार के भत्ते दिये जाते हैं. वहीं, राज्य सरकारों के विभागों एवं संस्थानों में वेतनमान संबंधित राज्य के समकक्ष स्तर पर निर्धारित वेतनमान के अनुसार दिया जाता है जो कि राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है.
लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर को कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?
लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर का पद केंद्र और राज्य सरकार के अधीन विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों (जैसे – एलबीएसएनएए, मसूरी, उत्तराखण्ड), आदि में होता है. इन विभागों या संगठनों के लिए कर्मचारी चयन आयोग द्वारा और राज्यों के मामलों में सम्बन्धित राज्य के कर्मचारी अधीनस्थ सेवा चयन आयोगों द्वारा की जाती है. इन सभी रिक्तियों के बारे में अधिसूचना समय-समय पर आयोगों द्वारा निकाली जाती हैं. इन सभी रिक्तियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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